Tuesday, November 5, 2024
Homeराजनीतिकोरोना को लेकर बहुत कुछ छिपा रहीं ममता बनर्जी: IMCT ने कहा- पश्चिम बंगाल...

कोरोना को लेकर बहुत कुछ छिपा रहीं ममता बनर्जी: IMCT ने कहा- पश्चिम बंगाल में संक्रमण से मरने वालों का दर सबसे ज्यादा 12.8%,

बंगाल एकमात्र ऐसा राज्य है जहाँ सरकार का रुख नकारात्मक है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव आईएएस अपूर्व चंद्रा ने अपनी चिट्ठी में इस बात का भी खुलासा किया है कि 12.8 फ़ीसदी मृत्यु दर के साथ पश्चिम बंगाल में सबसे तेज गति से कोरोना से लोगों की मौत हो रही है।

कोरोना वायरस को लेकर पश्चिम बंगाल के आँकड़ों पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई टीम ने यहाँ के कोरोना संक्रमित लोगों के आँकड़े पर सवाल खड़ा किया है। इंटर मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम (IMCT) ने हाल ही में पश्चिम बंगाल का दौरा किया था। अपनी फाइनल रिपोर्ट को टीम ने पश्चिम बंगाल सरकार को सौंप दिया है। टीम की ओर से पश्चिम बंगाल सरकार के उस दावे पर भी सवाल खड़ा किया गया है, जिसमे कहा गया है कि उसने 50 लाख लोगों का सर्वे किया है।

टीम लीडर अपूर्व चंद्र ने बंगाल के मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर कोरोना संक्रमण के आँकड़ों में पारदर्शिता बरतने और नियमित तौर पर हेल्थ बुलेटिन जारी करने की नसीहत दी है। अपूर्व चंद्रा ने अपनी चिट्ठी में इस बात का खुलासा किया है कि उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को सात और राज्य के गृह, स्वास्थ्य, शहरी विकास और नगर पालिका विभाग के सचिवों को 4 चिट्ठियाँ लिखीं लेकिन एक का भी जवाब नहीं मिला।

यहाँ तक कि केंद्रीय टीम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जो प्रेजेंटेशन दिखाए गए उससे संबंधित दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। अपूर्व ने अपनी चिट्ठी में साफ लिखा है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्रीय टीम के खिलाफ विरोधी रुख अख्तियार किया और टीम को अपने कर्तव्यों के पालन में किसी भी तरह से मदद नहीं की है। उन्होंने यह भी बताया है कि दूसरे राज्य में पहुँची केंद्रीय टीम को पर्याप्त मदद मिली लेकिन बंगाल एकमात्र ऐसा राज्य है जहाँ सरकार का रुख नकारात्मक था। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव आईएएस अपूर्व चंद्रा ने अपनी चिट्ठी में इस बात का भी खुलासा किया है कि 12.8 फ़ीसदी मृत्यु दर के साथ पश्चिम बंगाल में सबसे तेज गति से कोरोना से लोगों की मौत हो रही है। 

बंगाल सरकार पर गंभीर आरोप

अपनी चिट्ठी में IMCT के अपूर्व चंद्र ने दावा किया है कि 30 अप्रैल तक पश्चिम बंगाल में कोरोना से मरने वालों की कुल संख्या 105 है। जबकि पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 816 है। यहाँ मृत्यु दर पूरे देश में सबसे ज्यादा है। इसकी वजह के तौर पर अपूर्व ने बताया है कि पश्चिम बंगाल सरकार कम से कम सैंपल की जाँच कर रही हैं और लोगों को ट्रैक नहीं किया जा रहा है। निगरानी व्यवस्था दुरुस्त नहीं है और सरकार संक्रमण के रोकथाम में बहुत अधिक सक्षम नहीं है।

50 लाख के आँकड़े पर सवाल

केंद्र की टीम IMCT का कहना है कि पश्चिम बंगाल सरकार इस बात का दावा करती है कि इसने 50 लाख लोगों का डेटा तैयार किया है, लेकिन केंद्र की टीम को इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं। यही नहीं टीम की ओर से प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले कोरोना से जुड़े मेडिकल बुलेटिन पर भी सवाल खड़ा किया गया है। बंगाल सरकार की तरफ से 30 अप्रैल को जो बुलेटिन जारी किया गया उसमें कहा गया कि कुल संक्रमण के मामले 572 हैं, जबकि 139 लोग स्वस्थ हो चुके हैं, 139 लोगों का निधन हो चुका है, 33 की मौत हो चुकी है। ऐसे में कुल मामला 744 हो गया। लेकिन केंद्र स्वास्थ्य सचिव ने उसी दिन जो आँकड़े जारी किए उसममे कुल संख्या 931 बताई गई, ऐसे में 187 मामलों का अंतर नजर आया

टीम के सदस्य का कहना है कि बीएसएफ के एक ड्राइवर में कोरोना के लक्षण 1 मई को सामने आए, उसका टेस्ट किया गया और 3 मई को रिजल्ट आया। लेकिन सरकार की तरफ से कोई भी कोशिश नहीं की गई है कि इस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग की जाए।

पारदर्शिता बरतने की नसीहत

उन्होंने यह भी दावा किया है कि कोरोना से मौत का विश्लेषण करने के लिए जो कमिटी गठित की गई थी उसकी क्षमताएँ सीमित कर दी गई है। अब मृत्यु प्रमाण पत्र सीधे अस्पतालों से जारी होंगे जहाँ रोगियों का इलाज किया जाएगा। यह पारदर्शिता बरतने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इसमें इस बात का भी जिक्र है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने आँकड़ों में जबरदस्त हेरफेर किया है और पारदर्शिता की कमी रखी है। 

टीम ने सुझाव दिया है कि राज्य सरकार अधिक से अधिक सैंपल जाँचे और नियमित तौर पर हेल्थ बुलेटिन जारी कर उसमें टोटल पॉजिटिव केस और मरने वालों की कुल संख्या का भी जिक्र करें। गौर हो कि पश्चिम बंगाल सरकार पिछले 2 दिनों से जो बुलेटिन जारी कर रही है उसमें ना तो मरने वालों की कुल संख्या रहती है और ना ही पीड़ितों की संख्या का जिक्र रहता है। राज्य सरकार द्वारा आँकड़ों में इस विषमता की वजह से राज्य के लोग डर के साए में जी रहे हैं। गौरतलब है कि इंटर मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम ने पहले भी पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को लिखित शिकायत देकर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया था

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

हर निजी संपत्ति ‘सामुदायिक संसाधन’ नहीं, सरकार भी नहीं ले सकती: प्राइवेट प्रॉपर्टी पर सुप्रीम कोर्ट ने खींची नई लक्ष्मण रेखा, जानिए अनुच्छेद 39(B)...

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 39(B) के तहत सभी निजी संपत्तियों को 'सामुदायिक संसाधन' नहीं माना जा सकता।

सीरियल ब्लास्ट की साजिश, कोल्लम कलेक्ट्रेट में खड़ी जीप को टिफिन बम से उड़ाया… अब्बास, करीम और दाऊद को केरल की अदालत ने ठहराया...

केरल के कोल्लम में 2016 में हुए एक आईईडी ब्लास्ट में तीन लोग दोषी ठहराए गए हैं। इनके नाम हैं अब्बास अली, शमसून करीम राजा और दाऊद सुलेमान।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -