ममता बनर्जी के राज में पश्चिम बंगाल के बच्चे मिड डे मील में चावल और नमक खाने को विवश हैं। हुगली के बालिका बानी मंदिर स्कूल में छात्रों को ‘मिड डे मील’ के नाम पर नून-चावल दिया जा रहा है। इसकी सूचना मिलते ही हुगली की सांसद व बंगाल भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष लॉकेट चटर्जी ने स्कूल का औचक निरीक्षण किया और ख़बर को सही पाया।
सांसद ने देखा कि न सिर्फ़ छात्रों को नून-चावल खिलाया जा रहा है, बल्कि बोर्ड पर मेनू में भी नून-चावल लिखा हुआ है। इस प्रकरण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। स्कूल में कुल 1200 छात्र-छात्राएँ हैं, जिनमें से कक्षा पाँचवीं से आठवीं तक के 600 छात्र-छात्राओं को नमक-चावल खाने में दिया जा रहा है। चिनसुरा नगरपालिका के अध्यक्ष के अध्यक्ष टीएमसी नेता गौरीकान्त मुखर्जी उक्त स्कूल की मैनेजिंग कमिटी के अध्यक्ष हैं। भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने गौरीकान्त मुखर्जी पर सरकारी फंड्स के दुरूपयोग का आरोप लगाया है।
स्कूल में पिछ्ले एक हफ्ते से बच्चों को लंच में नमक-चावल दिया जा रहा था। स्कूल में टीचर इंचार्ज भी नहीं है, जिसके हस्ताक्षर के बाद मिड डे मील के लिए ज़रूरी सामान ख़रीदे जाते हैं। हुगली के डीएम ने कहा कि मामले की जाँच के लिए कमिटी गठित की गई है और जो भी दोषी पाए जाएँगे, उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी। राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा कि सूचना मिली थी कि छात्रों के मिड डे मील के लिए 25,000 रुपए में 5000 अंडे ख़रीदे गए हैं लेकिन फिर भी छात्रों को खाने के लिए एक भी अंडा नहीं दिया गया। स्कूल में मिड डे मील के लिए रखा 257 किलो चावल गायब हो गया है। सांसद चटर्जी ने पूछा कि किस मंत्री या नेता ने बच्चों के खाने के साथ बेईमानी की है?
স্কুলের মিড্ ডে মিলেও এবার কাটমানি !
— BJP Bengal (@BJP4Bengal) August 19, 2019
ছোট ছোট শিশুদের মিড্ ডে মিলের ভাগ থেকেও কাটমানি নেবার মতো জঘন্যতম কাজ করতেও এরা পিছুপা হয়না।
ছিঃ তৃণমূল ছিঃ!!! pic.twitter.com/CAACNLDQDR
तृणमूल नेता गौरीकान्त मुखर्जी ने मिड डे मील इंचार्ज के रूप में जबरन अपने विश्वस्त शिक्षक को नियुक्त कर दिया था लेकिन अन्य शिक्षकों द्वारा उच्चाधिकारियों को शिकायत करने के बाद इस प्रक्रिया को रोकना पड़ा। इस वर्ष जून में सिर्फ़ 18 दिन ही बच्चों को मिड डे मील दिया गया। मुखर्जी ने आरोप लगाया है कि कुछ शिक्षकों ने एक योजना के तहत जानबूझ कर छात्रों को नून-चावल दिया ताकि भाजपा इसे एक मुद्दा बना सके।