पश्चिम बंगाल भाजपा उपाध्यक्ष और आज़ाद हिन्द फ़ौज के संस्थापक सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने मंगलवार (जनवरी 21, 2019) को कहा कि देश का बँटवारा कॉन्ग्रेस के सांप्रदायिक नेताओं के कारण हुआ। साथ ही उन्होंने नेताजी का जन्मदिन देशभक्ति दिवस के रूप में मनाए जाने की मॉंग की है।
चंद्र कुमार बोस के मुताबिक जिन्ना शुरुआत में धर्मनिरपेक्ष थे और वे विभाजन नहीं चाहते थे। लेकिन, कॉन्ग्रेस ने उन्हें इसके लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा कि जब जिन्ना को लगा कि वे भारत में सत्ता में साझीदार नहीं बन सकते तो उन्होंने 1940 में लाहौर सम्मेलन में पाकिस्तान के मुद्दे को उठाया।
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— Chandra Kumar Bose (@Chandrabosebjp) January 22, 2020
The spirit of Azad Hind Fauj- that we are all Bharatiyas would now be implemented across the nation. Jai Hind!
उन्होंने कहा, “कॉन्ग्रेस के सांप्रदायिक नेताओं के कारण भारत विभाजित हो गया। सरदार पटेल, पंडित (जवाहरलाल) नेहरू और यहाँ तक कि महात्मा गाँधी ने भी इस विभाजन को न चाहते हुए स्वीकार किया। 1955 तक पाकिस्तान एक धर्मनिरपेक्ष राज्य था। जिन्ना का निधन होने के बाद वह इस्लामिक राज्य बन गया। लेकिन भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य रहा और यही भारत की आत्मा है।”
उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन 23 जनवरी को ‘देशभक्ति दिवस’ घोषित करने की माँग भी की। इसको लेकर एक मार्च में भाग लिया। बोस ने कहा कि ‘जय हिंद’ एक नारा था जिसका इस्तेमाल आजाद हिंद सरकार और आजाद हिंद फौज में किया गया था। उन्होंने कहा, “यह सभी धर्मों, सभी समुदायों, सभी जाति और पंथों को एक करता है, इसलिए सभी राजनीतिक दलों को ‘जय हिंद’ का उपयोग करना चाहिए। इससे कोई कठिनाई या कोई समस्या नहीं होगी।”
बोस ने कहा, “हम हिंदू नहीं हैं, हम मुस्लिम नहीं हैं, हम सिख नहीं हैं, हम बौद्ध नहीं हैं, हम भारतीय हैं। आजाद हिंद फौज की भावना को पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भारत के लोग और युवा नेता, नेता जी की विचारधाराओं के लिए उठे, समावेशी हो, धर्मनिरपेक्ष हो और एक हो।”
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