Friday, November 15, 2024
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जिसे कोर्ट ने कहा अपराधी, इंदिरा ने जिसे डलवाया जेल में… अब वो आपातकाल के लिए करने लगा बैटिंग: राहुल गाँधी के साथ मटन-पार्टी है कारण?

लालू प्रसाद यादव ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, "मैं और मेरे सहकर्मी आज आपातकाल के बारे में बोलने वाले भाजपा के कई मंत्रियों को नहीं जानते थे. हमने मोदी, जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री के कुछ अन्य मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के बारे में नहीं सुना था जो आज हमें स्वतंत्रता की अहमियत पर लेक्‍चर देते हैं।" उन्होंने कहा कि इंदिरा गाँधी ने लोगों को जेल में डलवाया, लेकिन उन्हें कभी गाली नहीं दी।

समय जो ना कराए। कभी इंदिरा गाँधी के मुखर आलोचक रहे, राजद सुप्रीमो लालू यादव INDI गठबंधन में कॉन्ग्रेस के साथ आते ही दिवंगत प्रधानमंत्री के बचाव में उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी के दौरान इंदिरा गाँधी ने नेताओं को जेल में डालवाया था, लेकिन उनके साथ कभी दुर्व्यवहार नहीं किया था। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी लोकतंत्र पर धब्बा जरूर है, लेकिन उस समय नेताओं को द्रेशद्रोही नहीं कहा गया।

राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने शनिवार (29 जून 2024) को कहा, “मैं मीसा के तहत 15 महीने जेल में था। आज जो लोक इमरजेंसी पर लेक्चर दे रहे हैं, उनका का नाम ना हमने और ना ही हमारे साथियों ने कभी सुना था। ना ही हमने मोदी का नाम सुना था और ना ही जेपी नड्डा का।”

राजद प्रमुख ने पत्रकार नलिन वर्मा के साथ मिलकर लिखे गए अपने आर्टिकल ‘द संघ साइलेंस इन 1975’ को अपनी एक एक्स पोस्‍ट में साझा किया है। अपने लेख में उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला बोला और कहा है, “1975 देश के लोकतंत्र पर दाग है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि 2024 में विपक्ष का सम्मान कौन नहीं कर रहा है।”

अपने X पोस्ट में लालू ने कहा, “मैं उस संचालन समिति का संयोजक था, जिसे जयप्रकाश नारायण ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी द्वारा लगाए आपातकाल के खिलाफ आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए गठित किया था। 15 महीनों से अधिक वक्‍त तक मैं मेंटिनेंस ऑफ सिक्‍योरिटी एक्‍ट (Maintenance of Security Act) के तहत जेल में था।”

लालू प्रसाद यादव ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, “मैं और मेरे सहकर्मी आज आपातकाल के बारे में बोलने वाले भाजपा के कई मंत्रियों को नहीं जानते थे. हमने मोदी, जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री के कुछ अन्य मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के बारे में नहीं सुना था जो आज हमें स्वतंत्रता की अहमियत पर लेक्‍चर देते हैं।” उन्होंने कहा कि इंदिरा गाँधी ने लोगों को जेल में डलवाया, लेकिन उन्हें कभी गाली नहीं दी।

राजद नेता ने कहा, “इंदिरा गाँधी ने हममें से कई लोगों को जेल में डाल दिया, लेकिन उन्होंने कभी हमें राष्ट्र-विरोधी या देशद्रोही नहीं कहा। उन्होंने कभी भी उपद्रवियों को हमारे संविधान के निर्माता बाबासाहेब अंबेडकर की स्मृति को अपवित्र करने में सक्षम नहीं बनाया। 1975 हमारे लोकतंत्र पर धब्बा है, लेकिन हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि 2024 में विपक्ष का सम्मान कौन नहीं करता है।”

बता दें कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने देश में आपातकाल लगा दिया था, जो अगले 21 महीने का जारी रहा था। इस साल आपातकाल की 50वीं वर्षगाँठ है। इसे भारत के राजनैतिक इतिहास का सबसे काला अध्यायों से एक माना जाता है। इस दौरान देश के नेताओं, पत्रकारों, समाजसेवियों को जेल में डाल दिया गया था।

आपातकाल की वर्षगाँठ पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार (27 जून 2024) को संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए आपातकाल की आलोचना की। उन्होंने कहा था, “आपातकाल संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था। आपातकाल के दौरान पूरा देश अराजकता में डूब गया था, लेकिन राष्ट्र ऐसी असंवैधानिक शक्तियों के खिलाफ विजयी रहा।”

राष्ट्रपति मुर्मू के भाषण पर INDI गठबंधन के नेताओं ने प्रतिक्रिया दी। कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति से झूठ से भरा भाषण दिलाकर सस्ती वाह-वाही बटोरने की कोशिश में हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को भारत की जनता 2024 के चुनावों में पहले ही खारिज कर चुकी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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