Tuesday, November 5, 2024
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‘सैम पित्रोदा हमारे गुरु’ कहकर कॉन्ग्रेस ने किया ‘मरने के बाद टैक्स’ वाला आइडिया खारिज: नुकसान से बचने के लिए ‘गोदी मीडिया’ पर निशाना

सैम पित्रोदा ने स्वयं इस मामले में सफाई पेश की है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका के विरासत टैक्स पर एक व्यक्ति के रूप में मैंने जो कहा, उसे गोदी मीडिया ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया है।"

सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स वाले बयान से कॉन्ग्रेस ने किनारा कर लिया है। कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सांसद और संचार इंचार्ज जयराम रमेश ने इसे निजी बयान बताया है। खुद सैम पित्रोदा ने भी आरोप लगाया है कि उनके बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया। पित्रोदा ने बुधवार (24 अप्रैल, 2024) को एक बयान में सुझाव दिया था कि भारत में अमेरिका जैसा विरासत टैक्स होना चाहिए जिसके अंतर्गत किसी व्यक्ति के मरने के बाद उसकी 55% सम्पत्ति पर सरकार कब्जा कर लेती है।

जयराम रमेश ने इस बयान के विषय में ट्विटर पर लिखा, “पित्रोदा जी उन मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखते हैं जिनके बारे में वह बोलना जरूरी समझते हैं। लोकतंत्र में एक व्यक्ति अपनी बात रखने, चर्चा करने और व्यक्तिगत विचारों को लेकर बहस करने के लिए स्वतंत्र होता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पित्रोदा जी के विचार हमेशा कॉन्ग्रेस की पोजीशन को दर्शाते हैं। कई बार उनके विचार अलग होते हैं। अब उनकी टिप्पणियों को सनसनीखेज बनाकर दूसरे संदर्भ में पेश किया जा रहा है।”

सैम पित्रोदा ने स्वयं इस मामले में सफाई पेश की है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका के विरासत टैक्स पर एक व्यक्ति के रूप में मैंने जो कहा, उसे गोदी मीडिया ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया है ताकि प्रधानमंत्री कॉन्ग्रेस के घोषणापत्र के बारे में जो झूठ फैला रहे हैं, उससे ध्यान भटका सके। प्रधानमंत्री की मंगलसूत्र और सोना छीनने की टिप्पणी बिल्कुल गलत है।” पित्रोदा के बयान को लेकर काफी विरोध हो रहा था।

सैम पित्रोदा ने इससे पहले मीडिया से बात करते हुए कहा था, “अमेरिका में एक विरासत कर (इनहेरिटेंस टैक्स) है। अगर किसी व्यक्ति के पास 100 मिलियन डॉलर है और जब वह मरता है तो वह केवल इसका 45% ही अपने बच्चों को दे सकता है, 55% सरकार के खजाने में जाता है। इस कानून के अनुसार, आपने अपने समय में सम्पत्ति बनाई और अब इसे जनता के लिए छोड़ दीजिए। पूरी नहीं तो कम से कम आधी तो जनता के लिए छोड़ ही दें। मुझे ये एकदम सही लगता है।”

इसके बाद सैम पित्रोदा ने इस कानून की वकालत में कहा था,”भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है, भारत में अगर किसी के पास 10 बिलियन डॉलर (लगभग ₹82,000 करोड़) हैं और वह मरता है तो उसके बच्चों को पूरे 10 बिलियन डॉलर मिलते हैं। जनता को उसमे से कुछ नहीं मिलता। यह कुछ मामले हैं जिन पर बहस और विचार होगा। जब हम सम्पत्ति दोबारा से बाँटने के बारे में बात करेंगे तो इसका मतलब नए कानून और नीतियों पर बात करना होगा।”

पित्रोदा का बयान राहुल गाँधी के सम्पत्ति के सर्वे और उसे दोबारा बाँटने के वादों के बीच आया था। गौरतलब है कि कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी लगातार देश के लोगों के सम्पत्ति के सर्वे की बात कर रहे हैं। कॉन्ग्रेस के मेनिफेस्टो में भी सर्वे की बात की गई है। राहुल गाँधी ने यह भी कहा है कि सर्वे के बाद सम्पत्ति का दोबारा से बँटवारा किया जाएगा। अब इस मामले में पित्रोदा के बयान पर भारी विरोध के बाद कॉन्ग्रेस ने सफाई पेश की है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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