Tuesday, November 19, 2024
Homeराजनीतिजम्मू-कश्मीर और लद्दाख अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश: J&K की स्थिति दिल्ली जैसी, लद्दाख होगा...

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश: J&K की स्थिति दिल्ली जैसी, लद्दाख होगा चंडीगढ़ के जैसा

जम्मू कश्मीर में विधायिका होगी, जबकि लद्दाख में विधायिका नहीं होगी। मतलब जम्मू कश्मीर की स्थिति दिल्ली जैसी होगी जबकि जबकि लद्दाख की होगा अंडमान निकोबार द्वीप समूह या चंडीगढ़ के जैसा।

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने की सिफ़ारिश की है। अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का संकल्प राज्यसभा में पेश किया। शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 का सिर्फ़ एक खंड लागू होगा और राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी दे दी है।

इसके बाद एक और महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए केंद्र सरकार ने वर्तमान जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया है। इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। इस तरह मोदी सरकार ने राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का निर्णय लिया है: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख।

गृहमंत्री अमित शाह के नाम से जो पत्र जारी किया गया है, उसके अनुसार जम्मू कश्मीर में विधायिका होगी, जबकि लद्दाख में विधायिका नहीं होगी। यहाँ पर उदाहरण के लिए हम आपको बता दें कि दिल्ली भी केंद्र शासित प्रदेश है, लेकिन यहाँ विधायिका है। जबकि अंडमान निकोबार द्वीप समूह या चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश तो हैं, लेकिन वहाँ पर विधायिका नहीं है।

अमित शाह के धारा 370 हटाने की सिफारिश करने के तुरंत बाद ही विपक्षों ने उच्च सदन में बड़े पैमाने पर हंगामा किया गया। इस विधेयक पर विरोध दर्शाते हुए पीडीपी सांसदों ने अपने कपड़े फाड़ दिए। वहीं विरोधी दल के सांसद राज्‍यसभा में जमीन पर बैठ गए हैं। राज्‍यसभा अध्‍यक्ष ने सदन में मार्शल बुलाने के आदेश दिए हैं।

सोमवार (अगस्त 5, 2019) को प्रधानमंत्री आवास पर हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सभी मंत्री मौजदू रहे। इस बात को लेकर पहले से ही अटकलें तेज थीं कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटा सकती है और अनुच्छेद 35ए को खत्म कर सकती है और आज सदन में आखिरकार मोदी सरकार ने यह कर दिखाया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मणिपुर में बिहार के लोगों से हफ्ता वसूली, हिंसा के लिए महिला ब्रिगेड: रिपोर्ट से कुकी संगठनों की साजिश उजागर, दंगाइयों को छुड़ाकर भी...

मणिपुर में हिंसा फैलाने के लम्बी चौड़ी साजिश रची गई थी। इसके लिए कुकी आतंकी संगठनों ने महिला ब्रिगेड तैयार की।

404 एकड़ जमीन, बसे हैं 600 हिंदू-ईसाई परिवार: उजाड़ना चाहता है वक्फ बोर्ड, जानिए क्या है केरल का मुनम्बम भूमि विवाद जिसे केंद्रीय मंत्री...

एर्नाकुलम जिले के मुनम्बम के तटीय क्षेत्र में वक्फ भूमि विवाद करीब 404 एकड़ जमीन का है। इस जमीन पर मुख्य रूप से लैटिन कैथोलिक समुदाय के ईसाई और पिछड़े वर्गों के हिंदू परिवार बसे हुए हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -