Friday, November 15, 2024
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किश्तवाड़ में जिनके पिता-चाचा को आतंकियों ने उतारा मौत के घाट, उन शगुन परिहार को BJP ने चुना अपना उम्मीदवार: बोलीं- बहुत भावुक हूँ, PM मोदी का धन्यवाद

शगुन कहती हैं, "वह काला दिन आज भी मेरी आँखों में बसा है, जिस दिन मेरा घर वीरान कर दिया गया। मेरे परिवार ने अपने खून का कतरा-कतरा किश्तवाड़ के लिए दे दिया, यह चुनाव उनके लिए है।"

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट के जारी होने के बाद सबसे ज्यादा चर्चा ‘शगुन परिहार’ के नाम की है।

शगुन को किश्तवाड़ा से भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है। वो भाजपा द्वारा जारी पहली लिस्ट में एकलौती महिला हैं। उनके पिता और चाचा को आतंकियों ने मार डाला था। उनके चाचा अनिल परिहार जम्मू-कश्मीर में भाैजपा के दिग्गज नेता थे।

उनके पास राज्य में भाजपा के सचिव पद की जिम्मेदारी थी। वो अपने राजनीतिक करियर में आगे बढ़ ही रहे थे कि इस्लामी कट्टरपंथियों की नजर में वो खटकने लगे और साल 2018 में अनिल परिहार के साथ उनके भाई व शगुन परिहार के पिता को मौत के घाट उतार दिया गया।

शगुन कहती हैं, “वह काला दिन आज भी मेरी आँखों में बसा है, जिस दिन मेरा घर वीरान कर दिया गया। मेरे परिवार ने अपने खून का कतरा-कतरा किश्तवाड़ के लिए दे दिया, यह चुनाव उनके लिए है।” शगुन ने इस मौके के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा और बाकी सभी लोगों का धन्यवाद किया जो इतने वर्ष उनके साथ खड़े रहे।

उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि किश्तवाड़ा के लोग किश्तवाड़ा की बेटी को खुले दिल से स्वीकार करेंगे। यह चुनाव केवल परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि उन सभी लोगों के लिए हैं जिन्होंने अपने परिजनों को खोया है। मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकती। बहुत भावुक हूँ। टिकट का ऐलान होने के बाद मुझे मेरे पिता की बहुत याद आई।”

कैसे हुई थी अनिल परिहार और अजीत परिहार की हत्या

नवंबर 2018 की बात है। बीजेपी की राज्य इकाई के सचिव अनिल परिहार और उनके भाई अजीत परिहार किश्तवाड़ में अपनी दुकान से लौट रहे थे कि इसी दौरान उन पर करीब से गोलीबारी हुई।

बाद में पता चला कि हमलावर हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकी थे जो उस रात रास्ते में खड़े होकर सिर्फ दोनों भाइयों के लौटने का इंतजार कर रहे थे। इस घटना के बाद किश्तवाड़ा में हालात ऐसे हो गए थे कि कर्फ्यू लगाना पड़ा था और इंटरनेट बंद करने पड़े थे। पड़ताल के बाद इस मामले में तीन आतंकी गिरफ्तार हुए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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