झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार (Jharkhand CM Hemant Soren) ने बोकारो और धनबाद जिले की क्षेत्रीय भाषा की सूची से भोजपुरी और मगही (Bhojpuri & Magahi) को भारी विरोध के बाद हटा दिया है। वहीं, उर्दू को क्षेत्रीय भाषा की सूची में शामिल रखा गया है। इसको लेकर सरकार ने संशोधित नई सूची जारी कर दी है।
नई अधिसूचना के अनुसार, भोजपुरी और मगही को क्षेत्रीय भाषा की सूची से हटा दिया गया, लेकिन राज्य के 24 जिलों की क्षेत्रीय भाषा में उर्दू भाषा को शामिल कर लिया गया। पिछली की अधिसूचना में उर्दू को किसी जिला में क्षेत्रीय भाषा की सूची में शामिल नहीं किया गया था। वहीं, पलामू और गढ़वा में भोजपुरी को क्षेत्रीय भाषा की सूची में रखा गया है।
Jharkhand government rolled back Bhojpuri and Magahi as regional languages from Bokaro and Dhanbad districts; issues new notification of district-wise regional languages pic.twitter.com/SvkcJcSnLt
— ANI (@ANI) February 19, 2022
भोजपुरी-मगही को सूची से हटाने के लिए कॉन्ग्रेस ने भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर दबाव डाला था। शुक्रवार (18 फरवरी) को अधिसूचना जारी होने से ठीक पहले कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने सोरेन से मुलाकात की थी और इन दोनों भाषाओं को हटाने के लिए कहा था।
बता दें कि पिछले साल 24 दिसंबर को झारखंड सरकार ने जिला स्तर के पदों के लिए जनजातीय भाषाओं सहित क्षेत्रीय भाषाओं की सूची जारी की थी। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा मैट्रिक तथा इंटरमीडिएट स्तर की प्रतियोगिता परीक्षा में जिला स्तर के पदों के लिए इन भाषाओं को चिह्नित किया गया था।
इन भाषाओं को को हटाने के लिए बोकारो और धनबाद में काफी दिनों से विरोध प्रदर्शन हो रहा था। इस विरोध हिंसक हुए प्रदर्शन के दौरान भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और कोडरमा के पूर्व सांसद रवींद्र राय पर आंदोलनकारियों ने 30 जनवरी को हमला कर दिया था। उनके चालक को मारा-पीटा गया और उनके वाहन में तोड़फोड़ की गई थी। राय को भागकर नजदीकी थाने में अपनी जान बचानी पड़ी थी।