खनन लीज मामले में चुनाव आयोग की अनुशंसा पर राज्यपाल ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Jharkhand CM Hemant Soren) की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी है। हालाँकि, उनके चुनाव लड़ने पर रोक नहीं लगाई गई है। इसके बाद हेमंत सोरेन को अब मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी होगी।
मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि राज्यपाल रमेश बैस ने कार्रवाई का आदेश दे दिया है। बता दें कि ऑफिस फॉर प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग ने गुरुवार (25 अगस्त 2022) को झारखंड के राज्यपाल से हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी।
कहा जा रहा है कि चुनाव आयोग से सिफारिश मिलने के बाद राज्यपाल रमेश बैस ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और आयोग के कानूनी विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा करने के बाद उन्होंने यह फैसला लिया है। उम्मीद है कि चुनाव आयोग इस संबंध में शनिवार (27 अगस्त 2022) को इसकी अधिसूचना जारी करेगा।
उधर सोरेन की विधायकी रद्द होने की खबर आने के बाद उनके आवास पर मंत्रियों और विधायकों के पहुँचने का सिलसिला शुरू हो गया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री भवन में आज महागठबंधन के विधायक दल की बैठक भी हुई। इस बैठक में सोरेन की पार्टी जेएमएम, कॉन्ग्रेस और राजद के विधायक शामिल हुए।
इसमें निर्णय में हेमंत सोरेन के चुनाव लड़ने पर रोक नहीं लगाई है। संभवत: इसके पीछे आरोपों का अभी सिद्ध होना बाकी है। इस आधार पर हेमंत सोरेन कुछ समय बाद चुनाव लड़कर फिर से विधायक चुने जा सकते हैं।
हेमंत सोरेन की कुर्सी जाने के बाद वे अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बना सकते हैं। इसको लेकर पिछले कई दिनों से मीडिया में चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि इस संबंध में महागठबंधन के सहयोगी दलों से भी चर्चा हो चुकी है और वे इस पर सहमत भी हैं।
दरअसल, खनन लीज मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी को लेकर चुनाव आयोग ने अपनी रिपोर्ट दी है। सोरेन पर विभागीय मंत्री होते हुए अपने नाम से खनन लीज लेने का आरोप है। मामला राज्यपाल कार्यालय से होते हुए चुनाव आयोग तक पहुँचा और आयोग ने इस पर कई दिनों तक सुनवाई की।