Sunday, November 17, 2024
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अंकिता हत्याकांड के बाद झारखंड में महादलितों पर बरपा मुस्लिम भीड़ का कहर, उधर छत्तीसगढ़ के आलीशान रिसॉर्ट पहुँचे CM सोरेन के 32 MLA

रायपुर के मेफेयर रिसॉर्ट में 30 और 31 अगस्त के लिए कमरों की बुकिंग की गई है। इस रिसॉर्ट की सुरक्षा में आईपीएस और डीएसपी स्तर के दर्जन भर अधिकारियों की तैनाती की बात कही जा रही है।

विपक्षी दलों के आरोप है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को न तो दुमका की बेटी अंकिता की हत्या की चिंता है और न ही पलामू के उन 50 महादलित परिवारों की, जिन्हें मारपीट कर मुस्लिमों ने बेघर कर दिया है। हेमंत सोरेन को असल चिंता तो कुर्सी की है। झारखंड की सियासत में मची खींचतान के बीच सीएम सोरेन ने यूपीए गठबंधन के 32 विधायकों को राज्य से बाहर भेज दिया है।

बताया जा रहा है कि हेमंत सोरेन ने दो चार्टर्ड बसों में विधायकों को बैठाकर एयरपोर्ट भेजा था। इन बसों में विधायकों के साथ सीएम सोरेन भी दिखाई दिए थे। इसके बाद इन 32 विधायकों को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के लिए एयरलिफ्ट किया गया है। राँची से रायपुर एयरलिफ्ट किए गए विधायकों में कॉन्ग्रेस के 12, झामुमो के 19 और राजद के 1 विधायक शामिल हैं। इन विधायकों के साथ कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और संतोष पांडे को भी रायपुर भेजा गया है।

‘दैनिक भास्कर’ की रिपोर्ट के अनुसार, रायपुर के मेफेयर रिसॉर्ट में 30 और 31 अगस्त के लिए कमरों की बुकिंग की गई है। इस रिसॉर्ट की सुरक्षा में आईपीएस और डीएसपी स्तर के दर्जन भर अधिकारियों की तैनाती की बात कही जा रही है। साथ ही, बताया जा रहा है कि मेफेयर रिसॉर्ट के सभी कमरों को दो दिन पहले ही खाली करा लिया गया था।

रायपुर का मेफेयर रिसॉर्ट (फोटो साभार: नई दुनिया)

इससे पहले शनिवार (27 अगस्त, 2022) को भी हेमंत सोरेन यूपीए गठबंधन के 41 विधायकों को लेकर राँची से बाहर खूंटी चले गए थे। वहाँ करीब 3-4 घण्टे रुकने के बाद वो राँची वापस आ गए थे। चूँकि, खूंटी जाने वाले विधायकों की संख्या 41 थी और रायपुर के लिए एयरलिफ्ट किए गए विधायकों की संख्या 32 है। ऐसे में, कयास लगाए जा रहे हैं कि यूपीए गठबंधन के 9 विधायक या तो सीएम सोरेन के संपर्क में नहीं हैं या फिर उनसे नाराज चल रहे हैं।

झारखंड में अपराधियों के बुलंद हैं हौसले

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जब अपनी कुर्सी बचाने में जुटे हुए हैं, तब उनके गृह जिले में 17 वर्षीय लड़की को शाहरुख नामक मुस्लिम युवक ने पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया था। इसके बाद 5 दिन तक जिंदगी और मौत के बीच जूझने के बाद 27 अगस्त को अंकिता ने दम तोड़ दिया था। राज्य सरकार आज विधायकों को एयरलिफ्ट कर रही है। यदि, सरकार ने अंकिता को भी एयरलिफ्ट कर किसी बेहतरीन हॉस्पिटल में इलाज के लिए भेजा होता तो शायद वह आज जीवित होती।

वहीं, झारखंड के पलामू में मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा 50 से अधिक महादलित परिवारों के सदस्यों के साथ मारपीट कर उन्हें उनकी जमीन से बेदखल कर दिया है। मुस्लिमों ने उक्त जमीन मदरसे की जमीन बताई है। जबकि, महादलित मुसहर समुदाय के लोग कह रहे हैं कि वे 40 वर्ष से यहाँ रहे हैं। उनका नाम सर्वे में दर्ज हुआ था तब प्रशासन ने उन्हें रहने के लिए यह जमीन दी थी। इस मामले में पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मूक दर्शक बना हुआ है।

इस मामले पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, “हिम्मतवाली सरकार में जिहादियों की हिम्मत बढ़ गई है। महादलित परिवारों को घरों को मदरसे की जमीन बताकर तोड़कर बेघर कर दिया और यह गूँगी-बहरी सरकार मौज मस्ती में लगी रही। यह साबित करता है कि सरकार के संरक्षण में राज्य की डेमोग्राफी बदलने के लिए सुनियोजित तरीके से षड्यंत्र चल रहा है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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