भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के कोलकाता के रोडशो के ठीक पहले भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी के झंडे, बैनर आदि हटाए जाने को लेकर नाराजगी जताई है। इसका आरोप उन्होंने सत्तारूढ़ तृणमूल कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लगाया है। पुलिस पर भी मूकदर्शक बन तमाशा देखने का आरोप लग रहा है।
दोनों पक्ष दे रहे निर्वाचन आयोग का हवाला
अमित शाह के रोडशो के केवल दो घंटे पहले खुद उनके, उत्तरी कोलकाता लोकसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी राहुल सिन्हा के, और यहाँ तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी कटआउट लेनिन सारणी रोड से हटा दिए गए। अमित शाह का रोडशो आज दोपहर में मध्य कोलकाता की शहीद मीनार से शुरू होकर उत्तर कोलकाता के माणिकतला स्थित स्वामी विवेकांनद के आवास तक होना था।
भाजपा का कहना है कि जब निर्वाचन आयोग ने रोडशो की इजाजत दे दी है तो झंडे-बैनर क्यों हटाए जा रहे हैं। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल सरकार पर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाया है। साथ में यह भी कहा कि वे इसकी शिकायत निर्वाचन आयोग से करेंगे। वहीं दूसरी ओर पुलिस ने भी दावा किया है कि भाजपा की प्रचार सामग्री निर्वाचन आयोग के आदेश के पालन में ही हटाई गई है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा के झंडे सरकारी संपत्ति पर बिना पूर्वानुमति के लगे थे।
इसपर भाजपा का कहना है कि यदि यह निर्वाचन आयोग के आदेश के पालन में हो रहा था तो यह सरकारी कर्मियों द्वारा किया जाना चाहिए था। भाजपा ने आरोप लगाया कि उनके झंडे आदि तृणमूल कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हटाए जबकि पुलिस खड़ी देखती रही। एक भाजपा नेता के अनुसार हटाए जाने की प्रक्रिया में जानबूझकर कटआउट्स को क्षति पहुँचाई गई। प्रचार सामग्री को सड़क पर फेंक दिया गया।
निर्वाचन आयोग के पास नो कमेंट्स
न्यूज़ एजेंसी IANS द्वारा संपर्क किए जाने पर निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने फ़िलहाल टिप्पणी करने से मना कर दिया। उनके अनुसार उस समय तक उनके पास इस मामले पर कोई ‘स्पेसिफिक अपडेट’ नहीं था। बंगाल के डिप्टी मुख्य निर्वाचन अधिकारी (डिप्टी CEO) अमितज्योति भट्टाचार्य ने IANS से शाम को आने के लिए कहा।