बिहार विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है। वैसे-वैसे सूबे में सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। सभी राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव के लिए अपनी कमर कस ली है और अपने पार्टी के स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारना शुरू कर दिया है। जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार भी बिहार चुनाव में प्रचार करते हुए नजर आएँगे। जानकारी के मुताबिक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने साफ कर दिया है कि कन्हैया कुमार महागठबंधन के चुनावी अभियान में शरीक होंगे।
बिहार के चुनावी मैदान में इस बार छात्र नेता भी अपना रण कौशल दिखाने वाले हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक जेएनयू और दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र नेताओं बिहार चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाने जा रहे हैं। खबरों के अनुसार जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार और वर्तमान अध्यक्ष आइशी घोष भी बिहार चुनाव में प्रचार करने जा रहे हैं। ऐसा कयास भी लगाया जा रहा है कि राजद नेता तेजस्वी यादव और कन्हैया कुमार चुनाव प्रचार के लिए एक मंच पर साथ भी दिख सकते हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार से सबसे ज्यादा एक बेगूसराय लोकसभा सीट की चर्चा हुई थी। मीडिया का फोकस भी इसी सीट पर था। यहाँ से सीपीआई ने अपने स्टार नेता कन्हैया कुमार को उम्मीदवार बनाया था। कन्हैया मुकाबला बेगूसराय में बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह से थे। कन्हैया को जीत दिलाने के जेएनयू के उनके साथी और गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवानी समेत तमाम दिग्गज नेताओं ने ताकत झोंक दी थी। लेकिन नतीजे उनके पक्ष में नहीं आए।
2019 में जिस तरीके से कन्हैया कुमार ने एंट्री की थी। उससे लग रहा था कि वह बिहार की राजनीति में एक्टिव रहेंगे। जेएनयू विवाद में नाम सामने आने के बाद जब पहली बार कन्हैया बिहार आए थे, तब वह आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से आर्शीवाद लेने उनके घर पर गए थे। लेकिन लोकसभा चुनाव में कन्हैया जब मैदान में उतरे, तो आरजेडी ने उनका साथ नहीं दिया।
इस बार लोकसभा चुनाव में कन्हैया की पार्टी का आरजेडी के साथ गठबंधन है। आरजेडी ने सीपीआई को 6 सीट दिए हैं। सीपीआई ने अपने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं। लेकिन, इस सूची में भाकपा नेता कन्हैया कुमार का नाम नहीं है। सीपीआई उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद यह साफ हो गया है कि कन्हैया कुमार बिहार चुनाव नहीं लड़ेंगे।
बेगूसराय से लोकसभा चुनाव हार चुके कन्हैया के बछवाड़ा से विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलें थी। 2020 के शुरू से ही कन्हैया कुमार बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर खासे एक्टिव रहे और अक्सर बताते रहे कि चुनावी मुद्दा क्या होने वाला है। कन्हैया कुमार CAA, NPR और NRC के विरोध में बिहार दौरे पर निकले थे और कई जगह उनको लोगों का विरोध भी झेलना पड़ा था।
एक-दो जगह तो काफिले पर लोगों के हमले के बाद पुलिस को उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए मशक्कत करनी पड़ी थी। कुछ जगहों पर तो जूते-चप्पल, अंडे, मोबिल और पत्थर वगैरह भी चले थे। कुछ जगहों पर ‘कॉमरेड कन्हैया मुर्दाबाद’ के नारे भी लगाए गए।