बिहार और देश के अन्य हिस्सों में हुए उपचुनावों में कॉन्ग्रेस की हार के बाद अब एक बार फिर से पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठने लगे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि न सिर्फ बिहार, बल्कि देश के जिन भी हिस्सों में चुनाव हुए – उनके परिणामों से स्पष्ट है कि जनता ने कॉन्ग्रेस को एक प्रभावशाली विकल्प के रूप में देखना ही बंद कर दिया है। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे 2019 लोकसभा चुनाव और 2020 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने क्लीन स्वीप किया।
उन्होंने उत्तर प्रदेश की बात करते हुए कहा कि वहाँ हुए चुनावों में कॉन्ग्रेस 2% वोट पाने में भी नाकाम रही। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ के मनोज सीजी के साथ इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि गुजरात में कॉन्ग्रेस के 3 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। उनका कहना है कि ये सब अप्रत्याशित नहीं था, बल्कि पहले से दिख रहा था। उन्होंने बताया कि CWC के एक सदस्य ने कहा भी कि वो आशा करते हैं कि पार्टी आत्ममंथन करेगी।
कपिल सिब्बल ने पूछा कि जब पिछले 6 वर्षों से कॉन्ग्रेस पार्टी ने आत्ममंथन नहीं किया तो अब कौन आशा करे कि वो ऐसा करेगी? उन्होंने कहा कि संगठनात्मक रूप से पार्टी में क्या गड़बड़ी है, ये सभी को पता है। उन्होंने कहा कि जवाब भी सबके पास है, कॉन्ग्रेस भी जानती है – लेकिन वो ऐसा स्वीकार नहीं करना चाहती। उन्होंने कहा कि अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो कॉन्ग्रेस पार्टी का ग्राफ यूँ ही गिरता चला जाएगा।
उन्होंने कहा कि समस्याओं के समाधान में CWC हिचक रही है, क्योंकि ये एक नॉमिनेटेड बॉडी है। उन्होंने कॉन्ग्रेस के संविधान का हवाला देते हुए कहा कि CWC के चयन के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि CWC के नॉमिनेटेड सदस्यों से समस्याओं पर आवाज़ उठाने की अपेक्षा नहीं की जा सकती। 22 नेताओं द्वारा नेतृत्व को पत्र लिख कर बदलाव की माँग पर उन्होंने कहा कि पार्टी में अपने विचार रखने के लिए कोई फोरम ही नहीं है।
उन्होंने यूपी-बिहार जैसे बड़े प्रदेशों में कॉन्ग्रेस के विकल्प न बन पाने पर अफ़सोस जताते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में भी 28 में से कॉन्ग्रेस के 8 उम्मीदवार ही जीत पाए। उन्होंने चेताया कि कॉन्ग्रेस पार्टी को बहादुर बन कर समस्या को पहचानना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब हमने सुझाव दिए तो नेतृत्व ने पीठ दिखा दिया, इसीलिए आज ये हालत हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर नेताओं को सुनना बंद कर दिया जाता है तो संचार ठप्प हो जाता है।
After the Congress’ performance in Bihar elections, party veteran Kapil Sibal said the people of the country did not consider Congress to be an “effective alternative” anymore.https://t.co/DZccWHw8ma
— News18.com (@news18dotcom) November 16, 2020
उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि मेनस्ट्रीम मीडिया को सत्ताधारी पार्टी ने नियंत्रण में रखा हुआ है। उन्होंने लोगों तक पहुँचने के लिए नए माध्यम की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि फ़िलहाल हम सोशल मीडिया पर अच्छा कर रहे हैं, लेकिन जमीन पर उसके परिणाम नजर नहीं आ रहे। उन्होंने ऐसे नेताओं को आगे करने पर जोर दिया, जिन्हें लोग सुनना चाहते हों और जो सक्रिय रूप से सोच-विचार कर नेतृत्व करें।
उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व फ़िलहाल क्या सोच रहा है, ये उन्हें नहीं पता है, क्योंकि उन्हें नेतृत्व के आसपास के लोगों से ही ये बातें सुनने को मिलती हैं। कपिल सिब्बल ने कहा कि ताज़ा चुनावों में हार के बाद अब तक कॉन्ग्रेस पार्टी के नेतृत्व ने नेताओं से कुछ नहीं कहा है। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस इसे ‘जैसा चल रहा है, चलने दो’ की तरह ले रही है। उन्होंने कहा कि नेतृत्व को लगता है कि सब ठीक है।
हाल ही में बिहार में कॉन्ग्रेस विधायक दल का नेता बनने के लिए दो विधायकों के समर्थक बैठक में भिड़ गए थे। पार्टी के 23 वरिष्ठ नेताओं द्वारा अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी को पत्र लिखने की बात भी सामने आई थी। इसमें कहा गया कि कॉन्ग्रेस कार्यसमिति की तुरंत बैठक बुलाकर बिहार में चुनावी असफलता पर चर्चा की जाए। पत्र में पार्टी में संगठनात्मक चुनाव की भी माँग की गई। सीडब्ल्यूसी के पाँच सदस्यों ने इस पत्र के लिखे जाने की पुष्टि की है।