कर्नाटक की सत्ताधारी गठबंधन के भीतर चल रही उठापटक के बीच मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को भी डर सताने लगा है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा सत्र के दौरान सभी कॉन्ग्रेस विधायकों को भोपाल में ही रहने को कहा है। इस बीच मध्य प्रदेश भाजपा ने भी अपने विधायकों को कर्नाटक के घटनाक्रम पर निगाह बनाए रखने को कहा है। भाजपा नेताओं ने कहा कि कर्नाटक की तर्ज पर मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस की सरकार गिरने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। भाजपा नेताओं की बैठक में एक ‘छाया मंत्रिमंडल’ बनाया गया, जो कमलनाथ सरकार के सभी विभागों पर नज़र रखेगा।
इस बैठक में उन सभी मुद्दों पर चर्चा की गई, जिससे कॉन्ग्रेस को मध्य प्रदेश में भाजपा से सत्ता हथियाने में सफलता मिली थी। इसके अलावा पुराने मुद्दों पर भी चर्चा की गई, जिनके कारण भाजपा यहाँ कई वर्षों से काबिज़ थी। राज्य में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने कहा,
“कॉन्ग्रेस की सरकार अपने-आप गिर जाएगी। लोकसभा चुनाव से पहले जब राज्य में कॉन्ग्रेस की सरकार बनी, तब लोगों को लगा था कि पार्टी अपने सारे वादे पूरी करेगी। लेकिन, इस मामले में कॉन्ग्रेस पूरी तरह फेल हो गई और यही कॉन्ग्रेस की बुरी हार का कारण भी बना। भाजपा सरकार गिराने की कोशिश नहीं करेगी लेकिन कर्नाटक में जो हो रहा है, उसके यहाँ भी होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।”
भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेताओं को नए विधायकों का मार्गदर्शन करने को कहा है ताकि वे कॉन्ग्रेस सरकार के मंत्रियों द्वारा किए जा रहे कार्यों में कमी निकाल सकें और उन्हें जनता के बीच रख सकें। भाजपा ने कॉन्ग्रेस की क़र्ज़माफ़ी, सभी को सस्ती बिजली, किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य देने और ग़रीबों को घर देने सम्बन्धी वादों की पड़ताल करने के लिए कमर कस लिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने राज्य की क़ानून व्यवस्था पर सरकार को घेरते हुए कहा कि ब्लॉक स्तर के कार्यकर्ता भाजपा की मजबूती हैं और वो जनता को इन सारी बातों से अवगत कराएँगे।
Amid Karnataka crisis, Kamal Nath tells Congress MLAs and allies to brace for floor testhttps://t.co/MswPFxPNyB
— Hindustan Times (@htTweets) July 8, 2019
(@shruti26tomar reports) pic.twitter.com/4eXfU8Oowf
वेबदुनिया की ख़बर के मुताबिक़, कॉन्ग्रेस ने अपने मंत्रियों को राज्य में विधायकों को एकजुट रखने की जिम्मेदारी सौंपी है। हर एक मंत्री को तीन-तीन विधायकों की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा विधायकों को भाजपा के प्रलोभन से दूर रहने की सलाह दी गई है। कमलनाथ ने विधायकों को सदन में रहने को कहा। कमलनाथ ने अपने विधायकों को आक्रामक रुख अख्तियार करने की सलाह देते हुए सदन में आकाश विजयवर्गीय द्वारा निगम अधिकारी की बल्ले से पिटाई वाला मामला उठाने को कहा।
बता दें कि कर्नाटक में कई विधायकों के इस्तीफे के बाद अब सभी मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया है। दोनों ही दलों के विधायकों के विभिन्न रिसॉर्ट्स में ठहराए जाने की बातें सामने आ रही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कहा कि भाजपा अभी ‘वेट एंड वॉच’ की रणनीति पर काम कर रही है। लोकसभा में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस घटनाक्रम में भाजपा का हाथ होने से इनकार करते हुए कटाक्ष किया कि कॉन्ग्रेस में इस्तीफों का चलन तो पार्टी अध्यक्ष राहुल गाँधी ने ही शुरू किया है।