काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन मजदूरों के साथ भोजन करके एक बार फिर से पूरे देश का दिल जीत लिया। उन्होंने कल लोकार्पण के बाद राजस्थान के सालासर बालाजी निवासी महावीर और किशन को अपने दाएँ-बाएँ बिठाकर भोजन ग्रहण किया। वहीं अब्दुल्ला, राशिद और सैफुल्लाह भी इस क्षण के साक्षी बने।
आज इन सभी मजदूरों के अनुभव पर प्रकाशित एक रिपोर्ट को पीएम नरेंद्र मोदी की आधिकारिक साइट वाले ट्विटर हैंडल पर शेयर किया गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक बंगाल के मालदा के रहने वाले अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन देश के पीएम उन पर फूल बरसाएँगे और उनके साथ फोटो खिंचवाएँगे। ऐसा लग रहा है जैसे अभी किसी खूबसूरत सपने से जागे हों लेकिन अभी उस सपने से बाहर न आ सके हों।
सपने में भी न सोचा था, पीएम हम पर फूल बरसाएंगे pic.twitter.com/GdLDyMqnCi
— narendramodi_in (@narendramodi_in) December 14, 2021
राशिद और सैफुल्लाह ने भी पीएम के साथ भोजन करने के बाद कहा कि उनकी जिंदगी भर की गई मजदूरी सफल हो गई। पीएम मोदी कुर्सी छोड़ उनके साथ जमीन पर बराबर बैठे और सबके साथ हर-हर महादेव का उद्घोष भी किया। पीएम के दाएँ-बाएँ बैठने वाले श्रमिकों ने खुद को सौभाग्यशाली बताया। साथ ही कहा कि उन्होंने पूरे परिवार सहित गाँव के लोगों को भी बता दिया था कि क्या होने वाला है और सभी लोग कॉरिडोर से संबंधी खबरें 1 हफ्ते पहले से देख रहे थे।
Today’s India works on Virasat as well as Vikas!
— narendramodi_in (@narendramodi_in) December 13, 2021
Check out how PM Modi described India’s journey. More such videos on Your Voice section of Volunteer module on NaMo App.#KashiVishwanathDham pic.twitter.com/2y89wLcAYv
इसी तरह पीएम मोदी के आसपास बैठकर भोजन लेने वाले श्रमिकों ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की। उन्हें लंबी उम्र का आशीर्वाद दिया। वहीं पीएम ने भी कहा कि कॉरिडोर का काम उन्हीं लोगों के कारण संभव हो पाया है। वह सब अपने बच्चों को अच्छे से पढ़ाएँ।
बता दें कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के अवसर पर मटर-पनीर, आलू-मटर, आलू बंदगोभी और चने की सब्जी बनाई गई थी। श्रमिकों के साथ भोजन करने के दौरान पीएम ने रोटी-सब्जी साग, प्रसाद , पापड़, लड्डू लिया था और रोटी खत्म करने के बाद वह बोले- “अरे भाई मुझे भी चावल-दाल मिलेगा।” इसके बाद उन्होंने चावल दाल खाया और आखिर में खीर चखी।