तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव भी अब ‘भगवान’ बन गए हैं। कम से कम यदाद्रि भुवनगिरि स्थित लक्ष्मी नरसिंह मंदिर में उकेरी गई तस्वीरों को देख कर तो ऐसा ही लगता है। इसे तेलंगाना में लोग यदाद्रि मंदिर के नाम से भी जानते हैं। मंदिर के खम्भों पर मुख्यमंत्री केसीआर की तस्वीरें उकेरी जाने के बाद से विपक्षी पार्टियाँ टीआरएस प्रमुख पर हमलावर हो उठी हैं। भाजपा विधायक राजा सिंह ने कहा कि अगर इन प्रतिमाओं को नहीं हटाया गया तो जनता इन्हें हटाने का तरीका जानती है।
विधायक राजा सिंह ने एक वीडियो ट्वीट कर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। मंदिर में न सिर्फ़ केसीआर बल्कि उनकी पार्टी टीआरएस के चुनाव चिह्न कार भी खम्भों पर उकेरी गई है। भाजपा विधायक ने केसीआर को माफ़ी माँगने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मंदिर को अपने पैसों से नहीं बनवा रहे हैं, बल्कि यह जनता का पैसा है।
#Telangana– His own carvings in a temple? CM #KCR, party symbol-car, govt’s program- Harithaharam-carved on the pillars of Yadadri Narasimha Swamy temple, brainchild of modern day ruler. #BJP says ‘temple is a holy place.’Carvings should be removed immediately. @BJP4Telangana pic.twitter.com/ftcUsluRY2
— Rishika Sadam (@RishikaSadam) September 6, 2019
यादगिरिगुट्टा स्थित लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर तेलंगाना का सबसे विशाल मंदिर है और इसे ‘तेलंगाना का तिरुपति’ भी कहा जाता है। तेलंगाना के अलग राज्य बनने के बाद मुख्यमंत्री केसीआर ने यादगिरिगुट्टा का नाम यदाद्रि रख दिया और पहाड़ पर स्थित इस मंदिर के विकास के लिए 1,800 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट स्वीकृत किया।
इस मामले को लेकर कॉन्ग्रेस भी खफा है। कॉन्ग्रेस नेता गुडुर नारायण रेड्डी ने कहा कि केसीआर अपने आप को भगवान की तरह पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर में केसीआर की तस्वीरें उकेरने वाला कृत्य निंदनीय है। उन्होंने मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि वे अपने पॉकेट से रुपया निकाल कर मंदिर का विकास नहीं कर रहे हैं बल्कि ये जनता का पैसा है। कॉन्ग्रेस नेता ने कहा कि केसीआर को याद रखना चाहिए कि वे एक राजा नहीं हैं बल्कि जनता के प्रतिनिधि हैं। उन्होंने कहा:
“कोई भी मंदिर की पवित्रता से खिलवाड़ नहीं कर सकता। ख़ुद की तुलना भगवान से करने का हक़ किसी को नहीं है। टीआरएस का चुनाव चिह्न कार चाप को उकेरा जाना असंवैधानिक है। यह धर्म को राजनीति से मिलाने की एक साज़िश है। केसीआर ने अपनी मन्नतों के लिए कई मंदिरों में जनता के करोड़ों रुपए उड़ा दिए हैं। आप धार्मिक हैं तो ठीक है लेकिन यह सब अपने रुपयों से कीजिए। आप भगवान नहीं हैं बल्कि एक साधारण व्यक्ति हैं, जिस पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगे हुए हैं।”
Visited #Yadagirigutta temple today, Seen all the pillars where KCR, Car symbols are engraved
— Raja Singh (@TigerRajaSingh) September 7, 2019
We are giving 7 Days time to @TelanganaCMO remove all the statues which doesn’t symbolise Hindu mythology
Don’t play with sentiments of Hindu’s or you need to face the consequences. pic.twitter.com/37bSsQaUbh
यदाद्रि टेम्पल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YTDA) ने इस क़दम का बचाव करते हुए कहा कि यह बिना राज्य सरकार के दबाव के किया गया है। टेम्पल अथॉरिटी ने कहा कि सभी मंदिरों में विभिन्न समयकाल से जुड़ी चीजें होती हैं। उसने कहा कि मंदिरों में उस कालखंड की संस्कृति और समाज को दर्शाते हुए कई प्रतीक मिलते हैं। टेम्पल अथॉरिटी के सीईओ कृष्णा राव ने कहा कि कार का चिह्न इसलिए उकेरा गया है ताकि भविष्य के लोगों को पता चले कि ऐसी कोई चीज हुआ करती थी।
राव ने पूछा कि वहाँ भाजपा का चुनाव चिह्न कमल और टीडीपी का चिह्न साइकल भी है तो कार से क्या दिक्कत है? टेम्पल अथॉरिटी ने यह भी कहा कि इंदिरा गाँधी, महात्मा गाँधी और जवाहरलाल नेहरू की भी तस्वीरें कई धार्मिक स्थलों पर मिलती हैं। टीआरएस अभी इस मुद्दे पर चुप है। कॉन्ग्रेस नेता विजयशंति श्रीनिवास ने कहा कि केसीआर मध्ययुग काल के किसी राजा की तरह व्यवहार कर रहे हैं।