प्रदर्शनकारी ‘किसानों’ के लिए एक बजे रात अपने विधायक को भेज कर पानी की व्यवस्था करवाने वाले अरविंद केजरीवाल ने नया फ़रमान जारी किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात की गई डीटीसी (DTC) बसों को तत्काल प्रभाव से डिपो में लौटने का आदेश दिया है।
दिल्ली के परिवहन विभाग ने डीटीसी को निर्देश दिया है कि दिल्ली पुलिस को दी गई 576 बसें वापस की जाएँ। दरअसल ‘किसान आंदोलन’ को मद्देनज़र रखते हुए तैनात किए गए पुलिसकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों की आवाजाही के लिए लो फ्लोर डीटीसी बसों का इस्तेमाल किया गया है।
‘किसान आंदोलन’ में अलग-अलग सुरक्षा एजेंसियों द्वारा 576 डीटीसी बसों का इस्तेमाल किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ दिल्ली सरकार ने डीटीसी से इस मुद्दे पर रिपोर्ट माँगी थी। जिसमें यह पता चला कि 20 फ़ीसदी से अधिक बसें विशेष किराए पर चल रही हैं।
26 जनवरी को किसान आंदोलन की आड़ में हुई हिंसा के दौरान काफी बसें क्षतिग्रस्त हुई थीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ विशेष किराए पर चल रही डीटीसी बसों को वापस बुलाने का फैसला किया गया है। इसके अलावा एक और अहम फैसला लिया गया है, जिसके मुताबिक़ डीटीसी बसों की सेवा लेने के लिए पुलिस या किसी भी सुरक्षा एजेंसी को दिल्ली सरकार से अनुमति लेनी होगी।
दिल्ली के परिवहन मंत्री और डीटीसी बोर्ड के चेयरमैन कैलाश गहलोत के अनुसार अब से विशेष किराए पर डीटीसी बसों की सेवा लेने के लिए दिल्ली सरकार की अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा 26 जनवरी को हुई हिंसा को देखते हुए दिल्ली सरकार और व्यवस्थाएँ देख सकती है।
डीटीसी में कुल 3762 बसें हैं, जिसमें 3400 बसों से सेवाएँ ली जाती हैं। 26 जनवरी को अवकाश होने की वजह से सिर्फ 1975 बस सेवाएँ दे रही थीं। इसमें सरोजिनी नगर, वजीरपुर और गाजीपुर डिपो की लगभग 40 बसें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थीं। नतीजतन उस दिन शाम को सिर्फ 900 बसें बाहर भेजी गई थीं।
डीटीसी श्रेणी में सिर्फ लो फ्लोर बसें ही मौजूद हैं, इनके बड़े आकार के अलावा इंजन बंद होने के समय इन्हें खिसकाना लगभग नामुमकिन है। इसकी वजह से इन बसों का इस्तेमाल सड़कें जाम करने के लिए किया जाता है।