केरल में सत्ताधारी सीपीएम ने ईसाई कार्यकर्ता पीटी गिल्बर्ट को पार्टी से निकाल दिया है। अपनी पत्नी और बेटे के जबरन धर्म परिवर्तन का विरोध करने के कारण उन पर पार्टी ने यह कार्रवाई की है। जन्मभूमि की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वह गिल्बर्ट सीपीएम की निरोलपाल शाखा समिति के सदस्य थे और जबरन इस्लामी धर्मांतरण के खिलाफ शिकायत की थी।
सीपीएम कार्यकर्ता गिल्बर्ट ने आरोप लगाया है कि इस धर्म परिवर्तन के पीछे का मास्टरमाइंड पंचायत सदस्य नज़ीरा और कालीकट विश्वविद्यालय का कर्मचारी उसका पति यूनुस है। इन्होंने ने ही उनकी पत्नी और बेटे का धर्म परिवर्तन कराया है। गिल्बर्ट ने कहा कि इस ग्रुप में कोट्टियादीन इस्माइल भी शामिल है, जो पास में एक बेकरी की दुकान चलाता है। इसके अलावा लतीफ उर्फ कुंजन, शाहुल हमीद, बुशरा और कुलसू उसके पड़ोसी हैं। गिलबर्ट ने बताया कि उसकी पत्नी इस्माइल की बेकरी में काम करती थी। एक दिन जैसे ही वह काम पर जा रहा था कि पड़ोस की मुस्लिम महिलाएँ उसके घर आ गईं।
सीपीएम कार्यकर्ता का कहना है कि उसकी पत्नी ने उससे बार-बार कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के बारे में पूछा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गिल्बर्ट को उसकी पत्नी और उसका बेटा कोझिकोड के एक रिलीजियस सेंटर ‘तरबियात’ में मिले थे। उसका कहना है कि ‘तरबियात’ को देखने से वह केरल का हिस्सा नहीं लगता। इसके अलावा उसने वहाँ पर खतना होने के बाद पुरुषों को दर्द में पाया था। गिल्बर्ट को उसकी पत्नी और बेटे तक से नहीं मिलने दिया गया।
गिल्बर्ट ने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी से अपनी पत्नी और बेटे को जबरन धर्म परिवर्तन से बचाने के लिए मदद माँगी थी। हालाँकि, इसके तुरंत बाद ही सीपीएम की मलप्पुरम जिला कमेटी ने एक प्रेस रिलीज जारी कर उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया। पार्टी विरोधी गतिविधि के नाम पर उनकी सदसयता रद्द की गई है।