केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के काफिले पर राजधानी तिरुवनंतपुरम में कम्युनिस्ट छात्र संगठन ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (SFI) ने हमला किया था। अब इस मामले में राज्य खुफिया विभाग ने कहा है कि उसने SFI की केरल के राज्यपाल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की योजना के बारे में तीन चेतावनियाँ जारी की थीं।
ये चेतावनियाँ 24 घंटे के अंतराल में जारी की गई थी। इसमें काले झंडे वाले प्रदर्शन और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के खिलाफ संभावित हमले की चेतावनी दी गई। यही नहीं, सोमवार (11 दिसंबर, 2023) दोपहर को जारी आखिरी रिपोर्ट में विरोध प्रदर्शन के संभावित जगहों का भी जिक्र किया गया। स्टेट इंटेलिजेंस ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया गया था कि राज्यपाल को अतिरिक्त सुरक्षा दी जानी चाहिए, लेकिन पुलिस के आला अधिकारियों ने इसे नजरअंदाज कर दिया था।
इसके अलावा, खुफिया विभाग को पता चला कि राज्यपाल का ट्रैवल रूट शहर के पुलिस आयुक्त को गुप्त रखने के निर्देश दिए गए थे। खुफिया विभाग का दावा है कि पुलिस एसोसिएशन के लीडर ने इसे सोमवार सुबह SFI को लीक कर दिया गया था। बीते दिन राज्यपाल के खिलाफ एसएफआई के विरोध प्रदर्शन के बाद रविवार (10 दिसंबर, 2023) शाम को ही पहली खुफिया रिपोर्ट दी गई थी।
सोमवार को सिफारिश की गई कि राज्यपाल के लिए हवाई अड्डे तक जाने के लिए नियमित रास्ते के इतर एक और रास्ता भी तय किया जाना चाहिए। रविवार शाम को सिटी पुलिस कमिश्नर ने इसे गुप्त रखने के लिए ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों को वायरलेस संदेश भेजा था।
सोमवार सुबह दूसरी इंटेलिजेंस रिपोर्ट में विरोध तेज होने की तरफ भी इशारा किया गया था। दोपहर में दी गई तीसरी रिपोर्ट में खुफिया एजेंसी ने यह भी बताया था कि पलायम अंडरपास और पेट्टा सहित तीन जगहों पर विरोध प्रदर्शन की संभावना हैं। इसके साथ ही यह सुझाव दिया गया कि राज्यपाल की सुरक्षा चाक-चौबंद रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाना चाहिए। खुफिया विभाग का कहना है कि पुलिस अधिकारियों ने रिपोर्ट के मुताबिक न कोई सावधानी बरती और न ही अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए। सोमवार की सुबह जानकारी मिली कि पुलिस एसोसिएशन के टॉप लीडर ने राज्यपाल के रूट का पूरा ब्यौरा SFI नेतृत्व को लीक कर दिया था। पुलिस एसोसिएशन के ये टॉप लीडर लंबे वक्त से ये राज्य की स्पेशल ब्रांच में काम कर रहे हैं।
गौरतलब है कि इस अधिकारी पर पहले भी आरोप लगे थे। आरोप था कि इस अधिकारी के नेतृत्व में सोना तस्करी मामले की मुख्य आरोपित स्वप्ना सुरेश से केंद्रीय जाँच एजेंसियों के खिलाफ ऑडियो बयान दर्ज कराया गया था। SFI के विरोध प्रदर्शन पर राज्यपाल की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद केरल सरकार और गृह विभाग असमंजस में फँस गए हैं।
राज्यपाल ने सार्वजनिक तौर से ऐलान किया कि राज्य में कानून-व्यवस्था के हालात खराब हो गए हैं। ऐसे में अगर वो ये रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपते हैं तो केरल सरकार की मुश्किलों में इजाफा होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। गौरतलब है कि हमले के बाद राज्यपाल खान ने केरल के मुख्यमंत्री पर हमला करवाने का आरोप लगाया था।
राज्यपाल खान जब दिल्ली जाने के लिए तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की तरफ जा रहे थे तो उनकी कार को एसएफआई के गुंडों ने टक्कर मार दी थी। इससे राज्यपाल खासा गुस्सा हुए थे। उन्होंने कार से बाहर निकलकर मीडिया से कहा था, “ये मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की लोगों को भेज उन्हें शारीरिक तौर से चोट पहुँचाने की साजिश थी। जैसा उन्होंने कन्नूर में किया था। लेकिन मैं बता दूँ कि जब तक मैं यहाँ राज्यपाल की गद्दी पर हूँ, ऐसा कुछ नहीं होने दूँगा।”