Sunday, November 17, 2024
HomeराजनीतिCAA विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज 500+ मामले वापस लेगी केरल की वामपंथी सरकार

CAA विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज 500+ मामले वापस लेगी केरल की वामपंथी सरकार

CAA विरोधी प्रदर्शनकारियों के प्रति तो वामपंथी सरकार पहले से उदार रही है और मुख्यमंत्री खुद कई बार कह चुके थे कि उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी।

केरल की ‘लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF)’ की सरकार ने CAA विरोधी प्रदर्शनों और सबरीमाला विवाद के दौरान हुए प्रदर्शनों में शामिल लोगों के खिलाफ दर्ज किए गए मामलों को वापस लेने का निर्णय लिया है। मई 2021 में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले लिए गए इस फैसले का राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी कॉन्ग्रेस ने भी स्वागत किया है। बुधवार (फरवरी 24, 2020) को ही कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगी।

ये बैठक मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अध्यक्षता में हुई। दोनों विरोध प्रदर्शनों से जुड़े ऐसे सभी मामले वापस लिए जाएँगे, जो ‘गंभीर आपराधिक प्रकृति’ के न हों। 2018-19 में सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश सम्बन्धी विवाद के दौरान हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान करीब 68000 श्रद्धालुओं के खिलाफ विभिन्न जिलों में शिकायतें दर्ज कराई गई थीं। नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला ने इसे देर से लिया गया अच्छा निर्णय करार दिया।

सबरीमाला विरोध प्रदर्शन के दौरान ‘नायर सर्विस सोसाइटी (NSS)’ नामक संगठन खासा मुखर रहा था और उसने हाल ही में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की अपील भी की थी। इस माँग को लेकर संगठन ने पूरे राज्य भर में ‘नामजप यात्रा’ चलाई थी। केरल में कॉन्ग्रेस ने भी सबरीमाला को राजनीतिक मुद्दा बनाया था। अपने घोषणापत्र में भी पार्टी ने सबरीमाला के श्रद्धालुओं के पक्ष में फैसले का वादा किया है।

सबरीमाला मंदिर में जब सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दी थी, तब कम से कम 3300 लोगों को इसका विरोध करने पर गिरफ्तार किया गया था। साथ ही लगभग 17,000 केस दर्ज किए गए थे। CAA विरोधी प्रदर्शनकारियों के प्रति तो वामपंथी सरकार पहले से उदार रही है और मुख्यमंत्री खुद कई बार कह चुके थे कि उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। फरवरी 16, 2020 को ऐसे 46 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।

कोझिकोड ठाणे की पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को समन किया था। फरवरी 17, 2020 को हुए इस प्रदर्शन में हिंसा हुई थी। एक NGO द्वारा दायर की गई RTI से पता चला था कि 2020 में जनवरी से लेकर मार्च के बीच CAA विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ 519 मामले दर्ज किए गए थे। ‘सबरीमाला कर्मा समिति’ ने कहा है कि वामपंथी सरकार आँख में धूल झोंकने का काम कर रही है। वहीं भाजपा ने CAA विरोधियों के केस वापस लेने के बहाने सबरीमाला को घसीटने का आरोप लगाया।

इसी बीच, केरल के अलप्पुझा में दो गुटों के बीच हुए संघर्ष में एक RSS कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई है। ये घटना चेरथला के वायलार में हुई। बुधवार (फरवरी 24, 2021) को ‘सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI)’ ने एक रैली निकाली थी, जिसमें हिंसा हुई। इसमें 6 लोग घायल भी हुए हैं। इसमें 22 वर्षीय RSS कार्यकर्ता नंदू कृष्णा की हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस मामले में SDPI कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज कराने का आश्वासन दिया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -