नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ केरल विधानसभा में पास किए गए प्रस्ताव को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने गैरकानूनी और असंवैधानिक करार दिया है। उनका कहना है कि नागरिकता विशेष रूप से केंद्र का विषय है, इसलिए इस प्रस्ताव का वास्तव में कुछ महत्व नहीं है।
Kerala Governor Arif Mohammad Khan on state assembly’s resolution against Citizenship Amendment Act: This resolution has no legal or constitutional validity because citizenship is exclusively a central subject, this actually means nothing. pic.twitter.com/GHPJ7lvlsR
— ANI (@ANI) January 2, 2020
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने कहा, “इस प्रस्ताव की कोई कानूनी और संवैधानिक वैधता नहीं, क्योंकि नागरिकता केंद्र का मामला है। इसका राज्य से कोई मतलब ही नहीं है।”
यहाँ बता दें कि केरल के राज्यपाल शुरुआत से ही सीएए का विरोध करने वालों के ख़िलाफ़ रहे हैं। लेकिन अब उन्होंने बतौर राज्यपाल विधानसभा में पास किए प्रस्ताव को भी खारिज करते हुए कहा है कि ये प्रस्ताव स्पष्ट रूप से गैरकानूनी और असंवैधानिक है। स्पष्ट है कि अब केरल विधानसभा में राज्य सरकार द्वारा पास किए गए प्रस्ताव का कोई अर्थ नहीं रहा। क्योंकि इस प्रस्ताव पर आगे काम करने के लिए पिनरई विजयन सरकार को राज्यपाल के हस्ताक्षर लेने अनिवार्य हैं, जो खुले तौर पर इसकी मुखालफत कर रहे हैं।
#Breaking | Kerala Governor Arif Mohammad Khan rejects the state’s resolution against CAA.
— TIMES NOW (@TimesNow) January 2, 2020
‘The resolution has no legal or constitutional validity,’ says Guv Arif Mohammad Khan.
Details by TIMES NOW’s Vivek K. Listen in. pic.twitter.com/HIGMPRn0uH
गौरतलब है कि इससे पहले केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ केरल विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव को असंवैधानिक बताया था। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संविधान के अनुच्छेद 245/46 और 256 का हवाला देते हुए कहा था कि केरल विधानसभा का प्रस्ताव गलत है और संविधान की भावनाओं के खिलाफ है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद: प्रत्येक राज्य का संवैधानिक दायित्व है कि वह कार्यकारी शक्ति का प्रयोग संसद द्वारा बनाए गए कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए करे। #CitizenshipAmendmentAct pic.twitter.com/CyTFqeCfVa
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 1, 2020
अपनी बात को रखते हुए कानून मंत्री ने हैरानी प्रकट की थी कि जिस सरकार ने संविधान की शपथ ली है, वह गैर संवैधानिक बात कर रही है कि सीएए राज्य में लागू नहीं होने देंगे। यह कानून संसद द्वारा पारित है। नागरिकता लेना-देना संविधान की सातवीं अनुसूची का विषय है और इस पर कानून बनाने का अधिकार केवल संसद को है। इसलिए संसद नागरिकता संबंधी किसी विषय पर कानून बना सकती है।
The Union Minister #RaviShankarPrasad on Wednesday said the states would have to implement the Citizenship (Amendment) Act.#CAA #CitizenshipAmendmentAct
— IANS Tweets (@ians_india) January 1, 2020
Photo: IANS (File) pic.twitter.com/ggQmwvKjL3
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