हिमाचल प्रदेश विधानसभा भवन के बाहर खालिस्तानी झंडे लगाने के मामले में पुलिस ने बुधवार (11 मई 2022) को एक शख्स को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं दूसरा अभी भी फरार है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Himachal Pradesh CM Jairam Thakur) ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “हिमाचल विधानसभा के बाहर खालिस्तानी झंडे लगाने के मामले में कुछ घंटे पहले ही दो लोगों में से एक को गिरफ्तार कर लिया गया है।” हिमाचल पुलिस ने इस मामले में सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के जनरल काउंसिल गुरपतवंत सिंह पन्नू को मुख्य आरोपित बनाया है। साथ ही उसके खिलाफ एक एफआईआर भी दर्ज की गई है, जिसमें यूएपीए (UAPA) समेत कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
Delhi | Khalistan flags were put outside Himachal Pradesh Vidhan Sabha (at Dharamshala). One out of the two people who did that has been arrested just a few hours ago: Himachal Pradesh CM Jairam Thakur pic.twitter.com/ufrA94nwRm
— ANI (@ANI) May 11, 2022
वहीं हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करने के लिए आज दिल्ली पहुँचे हुए हैं। इस दौरान उन्होंने एसएफजे (SFJ) के ‘खुली धमकी’ वाले पत्र पर कहा कि मैं ऐसी बातों पर ज्यादा टिप्पणी नहीं करूँगा। रही बात गुरपतवंत सिंह पन्नू की तो, मैं उसे बहुत गंभीरता से नहीं लेता। हालाँकि, प्रदेश में कुछ ऐसी घटनाएँ हो रही हैं जो चिंता का विषय हैं।
Delhi | I won’t comment much on such things. As far as Gurpatwant Singh Pannu is concerned, I don’t take him very seriously, though some incidents are happening that are a matter of concern: Himachal Pradesh CM Jairam Thakur on a purported ‘open threat’ letter by SFJ pic.twitter.com/hS72T5N8eK
— ANI (@ANI) May 11, 2022
उल्लेखनीय है कि अगस्त 2021 में SFJ आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannu) ने हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर को धमकी दी थी कि वह उन्हें 15 अगस्त को तिरंगा नहीं फहराने देगा। आडियो संदेश में ये भी कहा गया था कि पंजाब के बाद वे हिमाचल में भी कब्जा करेंगे, क्योंकि हिमाचल का कुछ क्षेत्र पहले पंजाब का हिस्सा था।
क्या है पूरा मामला?
हाल ही में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मेन गेट पर खालिस्तानी झंडे लटकाए गए और इसकी दीवारों पर कुछ आपत्तिजनक नारे भी लिखे गए थे। विधानसभा परिसर के मेन गेट नंबर एक की बाहरी तरफ ये झंडे लटके मिले जिन्हें बाद में प्रशासन ने हटा दिया। इसके बाद पुलिस ने मामले की जाँच शुरू की। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा था कि दोषियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था, “हिमाचल सौहार्दपूर्ण राज्य है और यहाँ शांति कायम रहनी चाहिए। धर्मशाला में हुई घटना के दोषी जहाँ भी होंगे उन्हें शीघ्र पकड़ा जाएगा। उन लोगों का यह कायरतापूर्ण दौर अब अधिक नहीं चलेगा। निश्चित तौर पर इस घटना को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’
बता दें कि बीते दिनों मुख्यमंत्री ठाकुर ने ट्वीट करते हुए लिखा था, “धर्मशाला विधानसभा परिसर के गेट पर रात के अंधेरे में खालिस्तान के झंडे लगाने वाली कायरतापूर्ण घटना की मैं निंदा करता हूँ। इस विधानसभा में केवल शीतकालीन सत्र ही होता है इसलिए यहाँ अधिक सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता उसी दौरान रहती है। इसी का फायदा उठाकर इस कायरतापूर्ण घटना को अंजाम दिया गया है, लेकिन हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस घटना की त्वरित जाँच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। मैं उन लोगों को कहना चाहूँगा कि यदि हिम्मत है तो रात के अंधेरे में नहीं, दिन के उजाले में सामने आएँ।”
इसी का फायदा उठाकर यह कायरतापूर्ण घटना को अंजाम दिया गया है, लेकिन हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) May 8, 2022
इस घटना की त्वरित जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
मैं उन लोगों को कहना चाहूंगा कि यदि हिम्मत है तो रात के अंधेरे में नहीं, दिन के उजाले में सामने आएं।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश की विधानसभा के ऊपर खालिस्तान का झंडा लगाए जाने के मामले में प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने एक वीडियो जारी किया था। इस वीडियो के अनुसार, धर्मशाला में लगाया गया खालिस्तानी झंडा उस सिख कार्यकर्ता के माध्यम से भेजा गया था जो अरविन्द केजरीवाल की मंडी जिले में हुई सभा में शामिल हुआ था। बताया गया है कि वह कार्यकर्ता पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ जनसभा में शामिल हुआ था।