Monday, December 23, 2024
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अपने ‘अर्जुन’ के सामने और बौने हुए तेजप्रताप यादव, इस बार वन-पर्यावरण का देखेंगे ‘हेल्थ’: नीतीश कुमार की नई कैबिनेट में कई दागी, गृह CM के ही पास

जदयू के जमाँ खान को भी मंत्री बनाते हुए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग दिया गया है। वो नीतीश कुमार के प्रिय माने जाते हैं और उन पर 3 आपराधिक मामले दर्ज हैं।

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल विस्तार किया है। इससे पहले नीतीश कुमार के साथ-साथ उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ही सिर्फ शपथ ली थी। अब तेजस्वी यादव के भाई तेज प्रताप समेत 31 नए मंत्रियों ने शपथ ली है, जिनमें कई विवादित चेहरे भी हैं। भाजपा से अलग होने के बाद नीतीश कुमार की जदयू ने राजद से गठबंधन किया था। भाजपा ने नीतीश कुमार पर पलटी मारने और जनादेश के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है।

मंत्रिमंडल विस्तार में सामाजिक समीकरणों को ही आधार बनाया गया है। यादव समाज के सबसे ज्यादा 8 नेताओं को मंत्री बनाया गया है, जबकि 5 मुस्लिमों को भी जगह मिली है। हालाँकि, सवर्ण कोटे से पिछली बार 11 मंत्री थे जो घट कर 6 हो गए हैं। 5 दलित चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। जदयू के उपेंद्र कुशवाहा और राजद के भाई वीरेंद्र मंत्री न बनाए जाने से नाराज हैं। वामपंथी दलों ने सरकार में शामिल होने से इनकार कर दिया।

इसके बाद विभाग का बँटवारा हुआ। जहाँ गृह विभाग हमेशा की तरह नीतीश कुमार ही रखेंगे, भाजपा कोटे के अधिकतर विभाग राजद को दिए गए। बेलागंज के विधायक सुरेंद्र यादव को भी मंत्रिमंडल में जगह मिली है, जिन पर 1991 लोकसभा चुनाव के दौरान विधायक जयकुमार पलित को पीटने के आरोप लगे थे। उन्होंने संसद में तत्कालीन उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के हाथ से महिला आरक्षण बिल लेकर फाड़ दिया था।

हत्या के प्रयास, आपराधिक साजिश और दंगे जैसे 3 दर्जन से अधिक मामलों में आरोपित रहे सुरेंद्र यादव 7 बार विधानसभा और 1 बार लोकसभा का चुनाव जीता है। उन्हें सहकारिता मंत्रालय दिया गया है। तेज प्रताप यादव को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय दिया गया है। पिछली राजद-जदयू सरकार में तेज प्रताप के पास स्वास्थ्य और कंस्ट्रक्शन विभाग था। जिस तेजस्वी यादव को उन्होंने अपना ‘अर्जुन’ बताया था, उन्हें स्वास्थ्य, नगर विकास एवं आवास, पथ निर्माण और ग्रामीण कार्य विभाग मिला है

सरकार में नंबर-3 की भूमिका में एक तरह से विजय कुमार चौधरी होंगे, जिन्हें वित्त और वाणिज्य कर के अलावा संसदीय कार्य मंत्री बनाया गया है। इस तरह देखा जा सकता है कि नीतीश कुमार के नए मंत्रिमंडल में न सिर्फ कई दागी हैं, बल्कि तेज प्रताप यादव का कद भी उनके भाई के सामने कम कर दिया गया है।

बिजेंद्र प्रसाद यादव को ऊर्जा के साथ-साथ योजना एवं विकास मंत्रालय मिला है। दोनों ही जदयू के नेता हैं। अशोक चौधरी को भवन निर्माण विभाग मिला है। संजय कुमार झा को जल संसाधन के साथ-साथ सूचना एवं जन-संपर्क विभाग भी दिया गया है। चंद्र शेखर शिक्षा मंत्री बने हैं। राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह को कृषि मंत्रालय मिला है। अधिकतर मलाईदार विभाग जदयू ने अपने पास ही रखा है। राजद कोटे से मंत्रियों की संख्या अधिक है।

जदयू के जमाँ खान को भी मंत्री बनाते हुए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग दिया गया है। वो नीतीश कुमार के प्रिय माने जाते हैं और उन पर 3 आपराधिक मामले दर्ज हैं। 11 मामले तो डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर भी दर्ज हैं। दरभंगा के बहादुरपुर से विधायक मदन साहनी जदयू कोटे से मंत्री बने हैं, जिन्हें समाज कल्याण विभाग दिया गया है। उन पर 2 आपराधिक मामले चल रहे हैं। जमुई से बिहार के एकलौते निर्दलीय विधायक सुमित सिंह पर धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला चल रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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