Tuesday, November 5, 2024
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पसमांदा मुस्लिमों की इतनी बातें, अब जान लीजिए बजट में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय को मिला कितना पैसा: वामपंथी रोना के बीच PMJYK से विकास

वित्त वर्ष 2022-23 में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के लिए बजट अनुमान 5020.50 करोड़ रुपए था और बाद में संशोधित कर इसका आवंटन 2612.66 करोड़ रुपए कर दिया गया था।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार (1 फरवरी, 2023)  को अपना 5वाँ बजट और 2019 में दोबारा सत्ता में आई ‘मोदी सरकार 2.0’ का आखिरी पूर्ण बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने व्यक्तिगत आयकर की सीमा को 5 लाख रुपए से बढ़ा कर 7 लाख रुपए करने की घोषणा की। इसके साथ ही पूंजी निवेश परिव्यय (Capital Investment Outlay) में 33 प्रतिशत की भारी वृद्धि से लेकर 10 लाख करोड़ रुपए (1000000 करोड़) तक की कई घोषणाएँ की गईं।

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय (Minority Affairs Ministry) को बुधवार को 2023-24 के केंद्रीय बजट में 3097.60 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वित्त वर्ष के संशोधित आँकड़ों से 484.94 करोड़ रुपए अधिक है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 2023-24 के लिए पेश किए गए बजट में केंद्र ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के लिए 3097.60 करोड़ रुपए आवंटित करने का प्रस्ताव रखा था। 

वित्त वर्ष 2022-23 में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के लिए बजट अनुमान 5020.50 करोड़ रुपए था और बाद में संशोधित कर इसका आवंटन 2612.66 करोड़ रुपए कर दिया गया था। मंत्रालय को प्रस्तावित आवंटन में से 433 करोड़ रुपए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के लिए और 1065 करोड़ रुपए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए है।

प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन (पीएम विकास) के लिए कुल 540 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जो देश भर में अल्पसंख्यक और कारीगर समुदायों के कौशल, उद्यमिता और नेतृत्व प्रशिक्षण आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए एमओएमए (MoMA) की एक कौशल पहल (Skilling Initiative) है। बता दें कि राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि भाजपा पसमांदा मुस्लिमों के बीच अपनी लोकप्रियता बढ़ा रही है।

इसके अलावा, बजट में  प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (PMJYK) के लिए 600 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। यह एक विशेष क्षेत्र विकास कार्यक्रम (MCA) है जिसका उद्देश्य चयनित अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में विकास करना और कमियों को दूर करना है। प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के लिए बहु-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम (MSDP) को पुनर्गठित किया गया है और इसे नया रूप दिया गया है।

मदरसों में आधुनिक विषयों को शामिल करने, शिक्षक प्रशिक्षण और अल्पसंख्यक संस्थानों में स्कूल के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता के रूप में बजट में 10 करोड़ रुपये रखे गए हैं। वित्त वर्ष 2022-2023 में ‘मदरसों और अल्पसंख्यकों के लिए शिक्षा योजना’ के लिए 60 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जबकि उससे एक साल पहले केंद्र ने इस पर 161.53 करोड़ रुपये खर्च किए थे।

उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा लगातार अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को फंड देने के बावजूद वामपंथी मीडिया अल्पसंख्यकों के लिए फंड में कटौती का रोना रोता रहता है। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। यह ध्यान देने योग्य है कि केंद्र ने पिछले साल अल्पसंख्यक मामलों के लिए 5000 करोड़ रुपए आवंटित किए थे, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा (2300 करोड़ रुपए) अप्रयुक्त रह गया था। इस वर्ष, केंद्र ने अपने पिछले कार्यों से सबक लिया और 3097 रुपए आवंटित किए, जो चालू वित्त वर्ष के 2612.66 करोड़ रुपए (संशोधित अनुमान) की तुलना में लगभग 18 प्रतिशत अधिक है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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