कैप्टेन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद पंजाब के अगले मुख्यमंत्री के रूप में सुखजिंदर सिंह रंधावा के नाम पर कॉन्ग्रेस में सहमति बनती दिख रही है। 62 वर्षीय सुखजिंदर सिंह रंधावा गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। 2002 और 2012 में भी उन्होंने इसी क्षेत्र से जीत दर्ज की थी। धारोवाली गाँव में जन्मे सुखजिंदर सिंह रंधावा के पिता संतोख सिंह दो बार पंजाब में कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे थे।
उनके पिता अपने समय के सबसे वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेताओं में से थे और उन्होंने 1969, 1972 और 1980 में डेरा बाबा नानक विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की थी। कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि वो पंजाब के अगले मुख्यमंत्री नियुक्त किए जा सकते हैं। अब तक मुख्यमंत्री पद की रेस में सुनील जाखड़ और नवजोत सिंह सिद्धू का नाम चल रहा था। लेकिन, सोनिया गाँधी की पसंद सुखजिंदर सिंह रंधावा ही हैं।
अब देखना ये है कि उनके नाम का ऐलान आधिकारिक रूप से कब किया जाता है। वो कैप्टेन अमरिंदर सिंह की सरकार में जेल एवं कोऑपरेशन मंत्री भी रहे हैं। उनसे जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वो या उनके परिवार ने कभी भी किसी पद की इच्छा नहीं की है। जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या हम पंजाब के अगले मुख्यमंत्री से बात कर रहे हैं, तो सुखजिंदर सिंह रंधावा ने प्रतिक्रिया दी – “आप एक कॉन्ग्रेसी से बात कर रहे हैं।”
हालाँकि, इस दौरान उन्होंने कैप्टेन अमरिंदर सिंह पर भी तंज कसा और कहा कि कोई भी नेता तभी तक मुख्यमंत्री के पद पर बना रह सकता है, जब तक उसकी पार्टी और राज्य की जनता उसके साथ खड़ी होती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नाम और घोषणा के समय को लेकर कॉन्ग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गाँधी को अधिकृत कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आलाकमान ने उससे पहले विधायकों और वरिष्ठ नेताओं से बात की है।
#SukhjinderSinghRandhawa is likely to be appointed as the new Chief Minister of #Punjab, sources said. The Congress (@INCIndia) is soon to announce the name of the chief minister. pic.twitter.com/IKERuUPlXW
— IANS Tweets (@ians_india) September 19, 2021
जब पूछा गया कि कब तक नाम की घोषणा हो सकती है, इस पर उन्होंने कहा कि गाँव के सरपंच के नाम पर निर्णय लेने में भी कभी-कभी 20 दिन लग जाते हैं। उन्होंने याद दिलाया कि पिछले कुछ महीनों में भाजपा ने 5 मुख्यमंत्री बदल दिए हैं और कॉन्ग्रेस में भी ऐसे बदलाव होते रहे हैं। उन्होंने कहा कि कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने साढ़े 9 वर्ष मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला, उन्हें जितना सम्मान दिया गया उतना किसी को नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि पंजाब में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले कॉन्ग्रेसी कैप्टेन अमरिंदर सिंह ही हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव नजदीक है और हमने कई वादे किए थे, जिन्हें लेकर कॉन्ग्रेस आलाकमान चिंतित था और इसीलिए बदलाव किए गए। उन्होंने पंजाब कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर कैप्टेन की टिप्पणी को भी दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि आज भी वो कैप्टेन को पिता की तरह मानते हैं।
याद दिला दें कि इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधते हुए कैप्टेन ने कहा था कि वह तो पाकिस्तान के बाजवा का साथी है और इमरान खान के साथ है और मैं उसे कभी स्वीकार नहीं कर सकता। उन्होंने कहा था, “अपने देश की खातिर, मैं पंजाब के सीएम के लिए उनके (नवजोत सिंह सिद्धू) नाम का विरोध करूँगा। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान उनके दोस्त हैं। सिद्धू के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ संबंध हैं।”