Monday, December 23, 2024
Homeराजनीतितैरना आता था, फिर भी नदी में डूब कर मौत: कवि को मिली मोपला...

तैरना आता था, फिर भी नदी में डूब कर मौत: कवि को मिली मोपला नरसंहार का खुलासा करने की सज़ा? – RSS विचारक ने उठाए सवाल

जे नंदकुमार ने आशंका जताई है कि ये साजिश के तहत की गई एक हत्या थी, क्योंकि उन्होंने मालबार में हिन्दुओं के नरसंहार का खुलासा किया था। उन्होंने मलयालम में 'दुरावस्था' नामक एक कविता लिखी है। कहा जाता है कि मालबर में जिहादियों की करतूतों का खुलासा करने के लिए ही उन्होंने ये रचना की थी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के विचारक जे नंदकुमार ने ने कहा है कि केरल के कवि कुमारन आशान की मौत को लेकर जाँच होनी चाहिए। उन्होंने आशंका जताई कि मोपला हिन्दू नरसंहार की सच्चाई को सामने लाने के लिए उनकी हत्या की गई हो सकती है। बता दें कि मालाबार में मोप्पिला मुस्लिमों द्वारा 1921 में किए गए हिन्दुओं के नरसंहार को अब तक ‘मालाबार कृषि विद्रोह’ कहा जाता रहा था।

‘प्रजा प्रवाह’ संस्था के राष्ट्रीय संयोजक जे नंदकुमार ने अब केरल के कवि कुमारन आशान की संदिग्ध मौत का मुद्दा उठाया है। बता दें कि 16 जनवरी, 1924 को कुमारन आशान की अल्लापुझा के पलानी नदी में डूबने से मौत हो गई थी। उनकी लाश 2 दिनों बाद मिली थी। वो जिस नाव में सवार थे, उसके डूब जाने की बात कही गई थी। तब ये इलाका त्रावणकोर में आता था। जहाँ उनका अंतिम संस्कार हुआ, उस जगह को कुमारकोडी कहते हैं।

अब जे नंदकुमार ने आशंका जताई है कि ये साजिश के तहत की गई एक हत्या थी, क्योंकि उन्होंने मालबार में हिन्दुओं के नरसंहार का खुलासा किया था। उन्होंने मलयालम में ‘दुरावस्था’ नामक एक कविता लिखी है। कहा जाता है कि मालबर में जिहादियों की करतूतों का खुलासा करने के लिए ही उन्होंने ये रचना की थी। नंदकुमार ने ‘जनम टीवी’ के कार्यक्रम ‘मालाबार इस्लामी स्टेट एवं हिन्दू नरसंहार’ कार्यक्रम में ये बातें कहीं।

श्री नारायण गुरु ने कुमारन अशान को मालाबार भेजा था, ताकि वो वहाँ की स्थिति को समझ सकें। श्री नारायण गुरु सामाजिक एकता और जातिवाद को ख़त्म करने की दिशा में एक बड़े समाज सुधारक हुए हैं। मालाबार में हिन्दुओं की दुर्दशा देख कर कुमार अशान ने एक कविता लिखी, जिसका इस्लामी कट्टरपंथियों ने खूब विरोध किया था। उन्होंने लेखक से कहा था कि वो अपनी रचना तुरंत वापस लें, लेकिन कुमारन आशान ने इससे इनकार करते हुए कहा था कि उन्होंने वही लिखा जो देखा।

जे नंदकुमार ने मालाबार में हिन्दुओं के नरसंहार की घटना को ‘ अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम’ बता कर इसका महिमामंडन करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि ये एक देशद्रोही कृत्य है। बताया जाता है कि कुमारन अशान एक अच्छे तैराक थे, लेकिन फिर भी वो नाव डूबने के बाद तैर कर निकल नहीं पाए। साथ ही इस कविता की रचना के बाद उन्हें कई बार जान से मार डालने की धमकियाँ मिली थीं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

केरल के सरकारी स्कूल में मन रहा था क्रिसमस, हिंदू कार्यकर्ताओं ने पूछा- जन्माष्टमी क्यों नहीं मनाते: टीचरों ने लगाया अभद्रता का आरोप, पुलिस...

केरल के एक सरकारी स्कूल में क्रिसमस मनाए जाने पर कुछ हिन्दू कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाए। इसके बाद उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

जिन 3 खालिस्तानी आतंकियों ने गुरदासपुर पुलिस चौकी पर फेंके थे ग्रेनेड, उनका UP के पीलीभीत में एनकाउंटर: 2 एके-47 के साथ ग्रोक पिस्टल...

इस ऑपरेशन को यूपी और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम ने अंजाम दिया। मारे गए आतंकियों की पहचान गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि और जसप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह के रूप में हुई है।
- विज्ञापन -