पीलीभीत से भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गाँधी ने एक बार फिर से बड़ा बयान देते हुए लखीमपुर मामले में हो रही राजनीति को हिन्दुओं को सिखों से लड़वाने की साजिश बताया है। इसी के साथ वरुण गाँधी ने इसे एक भविष्य के लिए खतरनाक चलन बताया है।
वरुण गाँधी ने अपने ट्वीट में लिखा, “लखीमपुर खीरी को हिंदू बनाम सिख लड़ाई में बदलने की कोशिश की जा रही है। इस तरह की अफवाह फैलाना और उन घावों को फिर से कुरेदना खतरनाक है, जिसे ठीक करने में एक पीढ़ी लग गई। हमें राष्ट्रीय एकता से ऊपर राजनीतिक लाभ नहीं रखना चाहिए।’
An attempt to turn #LakhimpurKheri into a Hindu vs Sikh battle is being made. Not only is this an immoral & false narrative, it is dangerous to create these fault-lines & reopen wounds that have taken a generation to heal.We must not put petty political gains above national unity
— Varun Gandhi (@varungandhi80) October 10, 2021
सोशल मीडिया पर प्रयोग हो रहे खालिस्तानी शब्द पर भी वरुण गाँधी ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि उन्होंने सिखों के सेना में दिए गए योगदान को याद दिलाया और कहा, “प्रदर्शनकारी किसानों को ‘खालिस्तानी’ शब्द से संबोधित करना तराई के गौरवशाली बेटों की पीढ़ियों का अपमान है। ये वही हैं जिन्होंने अपना खून बहा कर भारत की सीमाओं की रक्षा की।” बकौल वरुण गाँधी, ऐसा करना हमारी राष्ट्रीय एकता के लिए बेहद खतरनाक है।
किसान आंदोलन में अक्सर भाजपा की मुख्यधारा से अलग राय व्यक्त करते आए वरुण गाँधी ने इससे पहले भी किसानों की माँगों का समर्थन करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था। भारतीय जनता पार्टी ने इसी हफ्ते वृहस्पतिवार को अपनी 80 सदस्यों वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की थी जिसमें वरुण गाँधी और उनकी माँ मेनका गाँधी को स्थान नहीं दिया गया था।
इसी बीच वरुण गाँधी के किसानों के पक्ष में आ रहे लगातार भारतीय जनता पार्टी से विरोधाभासी बयानों के बाद कांग्रेस नेत्री अलका लाम्बा ने वरुण गाँधी से कहा है कि यदि आप सच में किसानों के हितैषी हैं तो भारतीय जनता पार्टी से त्यागपत्र दीजिये।