कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने शुक्रवार (मई 10, 2019) को यह कहते हुए सियासे गलियारे में हलचल मचा दी कि राज्य की वर्तमान कॉन्ग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार से कॉन्ग्रेसी खेमा खुश नहीं है और कॉन्ग्रेस के लगभग 20 विधायक उनके संपर्क में हैं, जो कभी भी कोई फैसला ले सकते हैं। और अब कॉन्ग्रेस और जेडीएस के बीच लगातार अनबन की खबरें आ रही हैं। दोनों के बीच की दरार बढ़ती हुई नज़र आ रही है। गठबंधन के नेता एक दूसरे पर ही आरोप मढ़ रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, जेडीएस विधायक सुरेश गौड़ा ने कॉन्ग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने मांड्या में भाजपा को वोट दिया है। सुरेश गौड़ा पूछते हैं कि आखिरकार कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता किसे प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं, राहुल गाँधी को या फिर नरेंद्र मोदी को?
K’taka JDS leader H Vishwanath: Congress leaders must stop their mischievous attitude. They must stop trying to sabotage coalition govt. They can do all this politics in 2022, this isn’t the time. We had brought Siddaramaiah to Congress, we created situation that made him the CM. pic.twitter.com/AFnU7L2j4C
— ANI (@ANI) May 13, 2019
वहीं, अब जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष एच विश्वनाथ ने कॉन्ग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि कॉन्ग्रेस नेताओं को गठबंधन सरकार में बिखराव लाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे (कॉन्ग्रेस नेता) 2022 में राजनीति कर सकते हैं, लेकिन अभी सही वक्त नहीं है। विश्वनाथ ने कहा, “हम सिद्धारमैया को कॉन्ग्रेस में लाए थे और हमने ऐसी स्थिति पैदा की, जिसने उन्हें सीएम बना दिया।”
विश्वनाथ की इन बातों पर कॉन्ग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जवाब देते हुए कहा कि विश्वनाथ के बयान जलन से भरे हैं, जिसके बारे में वो कोऑर्डिनेशन कमेटी में बात करेंगे। उन्होंने कहा कि इससे पहले सीएम जीटी देवगौड़ा ने उनके बारे में बोला और अब एच विश्वनाथ की बातें सामने आई हैं। वो कहते हैं कि उन्हें नहीं पता आगे कौन क्या बोलेगा, इसलिए अच्छा रहेगा कि जेडीएस के सीनियर नेता अपने नेताओं के गैर-जिम्मेदाराना बयानों का संज्ञान लें। सिद्धारमैया ने कहा, “हमारी जुबान बंद है, क्योंकि हम गठबंधन धर्म से बँधे हैं, इसलिए विश्वनाथ की बातों पर प्रतिक्रिया नहीं दूंगा। वे ऐसे बयान देने के लिए जाने जाते हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें सद्बुद्धि मिले।”
गौरतलब है कि, जनवरी में खुद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने भी कहा था कि अगर कॉन्ग्रेस अपने विधायकों को उनके काम करने के तरीके की आलोचना करने से नहीं रोक सकती तो वे अपना इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा था कि कॉन्ग्रेस को निश्चित ही अपने विधायकों को नियंत्रित करना चाहिए और मामले को सुलझाना चाहिए। अगर वो खुली बैठकों में उनके खिलाफ टिप्पणी करते रहेंगे तो वो इस्तीफा देना चाहेंगे।