ऑल इंडिया मज्लिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार (21 अप्रैल 2024) को संसद में मुस्लिम महिलाओं को आरक्षण देने की वकालत की। उन्होंने कहा कि संसद में अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं का प्रतिनिधित्व बेहद कम है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से सांसद बनने वाली मुस्लिम महिलाओं की संख्या 20 रही है।
बिहार के मुस्लिम बहुल लोकसभा सीट किशनगंज में एक जनसभा को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “हमारा कहना है कि आजादी के बाद से देश में 17 लोकसभा चुनाव हुए हैं, लेकिन सांसद बनने वाली मुस्लिम महिलाओं की संख्या सिर्फ 20 रही है। तो फिर मुस्लिम महिलाओं के लिए आरक्षण क्यों नहीं दी जाए?”
बिहार AIMIM के प्रमुख और विधायक अख्तरुल इमान इस बार लोकसभा के लिए मैदान हैं। उनके पक्ष में प्रचार करते हुए ओवैसी ने कहा, “भाजपा-आरएसएस ने AIMIM पर राजनीति में महिलाओं की भागीदारी के खिलाफ होने का झूठा इल्जाम लगाया है। साल 2004 की शुरुआत में हमने सिकंदराबाद में एक महिला उम्मीदवार को उतारा था।”
ओवैसी ने कहा, “मेरा तर्क है कि मुस्लिम और पिछड़ा वर्ग मिलकर कुल आबादी का लगभग 65 प्रतिशत हिस्सा हैं। हम इस विशाल सामाजिक वर्ग की महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित नहीं कर सकते।” उन्होंने दावा किया कि उनकी बातें जब कई ओबीसी संगठनों तक पहुँची तो उनके नेता उन्हें धन्यवाद देने आए।
ओबीसी संगठनों को लेकर उन्होंने कहा, “ओवैसी साहब, केवल आपने और आपकी पार्टी के सांसद इम्तियाज जलील ने पिछड़े वर्गों की महिलाओं के लिए आरक्षण का मुद्दा उठाया है। इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।” वहीं, AIMIM ने बिहार की 40 में से एक दर्जन से अधिक लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
गौरतलब है कि सितंबर 2023 में संसद में बहस के दौरान के ओवैसी महिला आरक्षण के विरोध में खड़े नजर आए थे। उन्होंने सरकार द्वारा लाए गए महिला आरक्षण बिल को लेकर कहा था कि यह समावेशी नहीं है और कुछ खास लोगों के लिए लाया गया है। उन्होंने ओबीसी और मुस्लिम समाज की महिलाओं के लिए अलग से आरक्षण की माँग की थी।