प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (नवंबर 25, 2020) को लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही अन्य मंत्री भी आनलाइन जुड़े रहे। संबोधन से पहले पीएम मोदी ने एक विशेष स्मारक डाक टिकट और भारतीय डाक विभाग द्वारा जारी विशेष कवर भी जारी किया।
In today’s fast-paced lifestyle, we’re leaving behind the habit of introspection. Digital gadgets & platforms are stealing your time but you must set aside some time for yourself. It is very important to know yourself. It will directly affect your capacity & willpower: PM Modi pic.twitter.com/DKikTgFehW
— ANI (@ANI) November 25, 2020
पीएम मोदी ने लखनऊ विश्वविद्यालय के नाम पर 100 रुपए का सिक्का भी जारी किया। मैसूर विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय तीसरा ऐसा विश्वविद्यालय होगा जिसके 100 वर्ष पूरे होने पर स्मारक सिक्का जारी किया गया। इस सिक्के को मुंबई में सरकारी टकसाल में ढाला गया है। यह लखनऊ विश्वविद्यालय के खजाने में एक संपत्ति होगी। सिक्का ढलाई में चाँदी, कांस्य, तांबा और निकल का इस्तेमाल किया गया है।
Speaking at the University of Lucknow. https://t.co/sSG287ygge
— Narendra Modi (@narendramodi) November 25, 2020
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सौ वर्ष का समय सिर्फ एक आँकड़ा नहीं है। इसके साथ अपार उपलब्धियों का जीता जागता इतिहास जुड़ा हुआ है। यहीं पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आवाज गूँजी थी। लखनऊ यूनिवर्सिटी से अनगिनत लोगों के नाम जुड़े हैं। सभी का नाम लेना संभव नहीं है। सौ साल की यात्रा में सभी ने अहम योगदान दिया है।
पीएम मोदी ने कहा कि जब भी यहाँ से पढ़कर निकले लोगों से बात करने का मौका मिला है, यूनिवर्सिटी की बातें करते हुए वह लोग उत्साहित हो जाते हैं। तभी तो लखनऊ हम पर फिदा है। बदलते समय के साथ बहुत कुछ बदला लेकिन लखनऊ यूनिवर्सिटी का मिजाज लखनवी ही है।
एक जमाने मे देश मे यूरिया उत्पादन के बहुत से कारखाने थे, लेकिन बावजूद इसके काफी यूरिया भारत बाहर से इंपोर्ट करता था।
— BJP (@BJP4India) November 25, 2020
इसकी बड़ी वजह है थी कि जो देश के खाद कारखाने थे वो अपनी पूरी क्षमता से कार्य ही नहीं करते थे।
– पीएम @narendramodi
पीएम मोदी ने कहा कि नीयत के साथ इच्छा शक्ति का होना भी बहुत जरूरी है। इच्छा शक्ति न हो तो सही नतीजे नहीं मिल पाते। एक जमाने में यूरिया उत्पादन के बहुत से कारखाने थे, फिर भी बाहर से यूरिया आता था। उसका कारण था कि खाद के कारखाने पूरी क्षमता से काम नहीं कर पाते थे। हमने एक के बाद एक फैसले लिए और आज यूरिया कारखाने पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं। यूरिया की ब्लैक मार्केटिंग की भी समस्या थी। इसका खामिजाया किसानों को उठाना पड़ता था। यूरिया की नीम कोटिंग करके उसका इलाज भी किया गया। पहले भी नीम कोटिंग हो सकती थी लेकिन नहीं हुई। नीम कोटिंग के लिए इच्छा शक्ति नहीं दिखाई गई।
केवल सकारात्म बातें सोचें
खादी में हम गर्व करते हैं। मैंने गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए खादी का खूब प्रचार-प्रसार किया।
— BJP (@BJP4India) November 25, 2020
कुछ लोग निराशावादी बातें करते थे। लेकिन मैं सकारात्मक बातों के साथ आगे बढ़ा।
– पीएम @narendramodi pic.twitter.com/74quaym4c7
पीएम मोदी ने कहा कि खादी को आगे बढ़ाने को लेकर लोग नकारात्मक बातें करते थे। लोगों की बातों को किनारे किया और सकारात्मक बातों के साथ आगे बढ़ा। 2002 में पोरबंदर में महात्मा गाँधी के जन्मदिन पर खादी के फैशन शो का आयोजन किया। खादी और यूथ ने मिलकर जिस तरह से मजमा जमाया, उसने सभी पूर्वाग्रह को दूर कर दिया। सकारात्मक सोच और इच्छा शक्ति ने काम बना दिया। उन्होंने कहा, “आज जब सुनता हूँ कि खादी स्टोर से एक-एक दिन में एक-एक करोड़ की बिक्री हो रही है तो वो दिन याद कर खुशी होती है। इसी का नतीजा है कि जितनी खादी 20 साल में बिकती थी, वह 6 साल में बिकी है।”
आज खादी स्टोर से एक दिन में 1-1 करोड़ रुपये की बिक्री होती है, तो मुझे पहले के दिन याद आते हैं।
— BJP (@BJP4India) November 25, 2020
साल 2014 के पहले 20 वर्षों में जितने रुपयों की खादी की बिक्री हुई थी। उससे ज्यादा की बिक्री पिछले 6 वर्षों में हुई है।
– पीएम @narendramodi
यूनिवर्सिटी से निकले लोग राष्ट्रपति पद तक पहुँचे
पीएम ने कहा, 100 साल की इस यात्रा में यहाँ से निकले व्यक्तित्व राष्ट्रपति पद पर पहुँचे। राज्यपाल बने। विज्ञान का क्षेत्र हो या न्याय का, राजनीतिक हो या प्रशासनिक, शैक्षणिक हो या सांस्कृतिक या फिर खेल का क्षेत्र, हर क्षेत्र की प्रतिभाओं को लखनऊ विश्वविद्यालय ने सँवारा है।
पीएम मोदी ने कहा, “आज हम देख रहे हैं कि देश के नागरिक कितने संयम के साथ कोरोना की इस मुश्किल चुनौती का सामना कर रहे हैं। देश को प्रेरित और प्रोत्साहित करने वाले नागरिकों का निर्माण शिक्षा के ऐसे संस्थानो में ही होता है। लखनऊ यूनिवर्सिटी दशकों से अपने इस काम को बखूबी निभा रही है।”
Why should not the university do an analysis of local skills, courses related to local products, and skill development in districts that fall under its academic limits?: PM Narendra Modi at Centennial Foundation Day of Lucknow University https://t.co/eCmaZ7Xf84 pic.twitter.com/qmZ7iYgEbM
— ANI (@ANI) November 25, 2020
2014 के बाद हमने सोच बदली
2014 के बाद हमने सोच बदली, तौर तरीका बदला। परिणाम ये हुआ कि कुछ महीने में ही यहां से पहला कोच तैयार हुआ और आज यहां हर साल सैकड़ों कोच तैयार हो रहे हैं।
— BJP (@BJP4India) November 25, 2020
सामर्थ्य के सही इस्तेमाल का ये एक उदाहरण है।
– पीएम @narendramodi
पीएम मोदी ने कहा, “रायबरेली की रेल कोच फैक्ट्री में वर्षों पहले निवेश हुआ, संसाधन लगे, मशीनें लगीं, बड़ी-बड़ी घोषणाएँ हुई, लेकिन कई वर्षों तक वहाँ सिर्फ डेंटिंग-पेंटिंग का ही काम होता था। 2014 के बाद हमने सोच बदली, तौर तरीका बदला। परिणाम ये हुआ कि कुछ महीने में ही यहाँ से पहला कोच तैयार हुआ और आज यहाँ हर साल सैकड़ों कोच तैयार हो रहे हैं।”
The university can do research on local products and modern solutions needed for value addition. Branding, marketing, and strategies related to the management of the local products can be part of your course: PM Narendra Modi https://t.co/CncxLDyM14
— ANI (@ANI) November 25, 2020
पीएम मोदी ने कवि प्रदीप की पंक्तियाँ याद करते हुए कहा, “कभी कभी खुद से बात करो, कभी खुद से बोलो, अपनी नजर में तुम क्या हो, ये मन के तराजू पर तोलो…. यह पंक्तियाँ हम सभी के लिए गाइडलाइन हैं। आज भागदौड़ की जिंदगी में आत्म मंथन की आदत भी छूटती जा रही है।”
बता दें कि लखनऊ विश्वविद्यालय की स्थापना 1920 में की गई थी। इसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने तथा समाज और मानवता की सेवा करने के उद्देश्य से की गई थी। लखनऊ विश्वविद्यालय ने अपने इस सफर के 100 साल पूरे किए हैं।