महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार के आईटी मंत्री ने शनिवार (फरवरी 27, 2021) को सोशल मीडिया और ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफ़ॉर्म्स के सम्बन्ध में केंद्र सरकार के नियमों का विरोध किया और उन्हें ‘तानाशाही’ और लोकतंत्र के लिए खतरा करार दिया।
समाचार पत्र ‘इंडियन एक्स्प्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार में सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री सतेज पाटिल सतेज पाटिल ने कहा कि इन नियमनों का सख्ताई से विरोध करने की आवश्यकता है क्योंकि वे व्यक्तियों की निजता और संविधान द्वारा दिए गए फ्री स्पीच के अधिकार का उल्लंघन करते हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र के इस कदम का बड़े स्तर पर विरोध करना होगा और इस तरह के कथित तानाशाही नियमों को इस लोकतांत्रिक देश के लोगों द्वारा स्वीकार नहीं किया जाएगा। पाटिल ने कहा कि कुछ नौकरशाह यह फैसला कर रहे हैं कि किसी मीडिया प्लेटफॉर्म पर क्या प्रकाशन किए जाने की जरूरत है और क्या नहीं? इसे भारत में प्रेस की आजादी पर हमला बताते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह का आदेश कानून के सामने नहीं टिकेगा।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में 25 फरवरी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, जैसे कि फेसबुक और ट्विटर के साथ-साथ ओटीटी दिग्गजों जैसे- नेटफ्लिक्स आदि के लिए नियमों और दिशानिर्देशों की घोषणा की है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स को अफसरों की नियुक्ति करनी होगी और किसी भी आपत्तिजनक कंटेंट को चिन्हित किए जाने के बाद 24 घंटे में हटाना होगा। साथ ही, इन प्लेटफ़ॉर्म्स को भारत में अपने नोडल ऑफिसर, रेसिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर की तैनाती करनी होगी और हर महीने कितनी शिकायतों पर एक्शन हुआ, इसकी भी जानकारी देनी होगी।
केंद्र सरकार अब इस मुद्दे पर प्रभावी दिशा निर्देश लेकर आई है, जिसके दायरे में पूरा डिजिटल मीडिया, OTT और सोशल मीडिया होगा। चाहे वह एक तरफ फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, इन्स्टाग्राम हों या दूसरी तरफ अमेज़न प्राइम, नेटफ्लिक्स, ऑल्ट बालाजी, ज़ी फाइव, एमएक्स प्लेयर। ये सभी दिशा निर्देश आगामी 3 महीने के भीतर लागू कर दिए जाएँगे।
सोशल मीडिया के मुद्दे पर दिशा निर्देशों की जानकारी देते हुए केन्द्रीय क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कई अहम बातें बताई। उन्होंने कहा कि भारत में हर सोशल मीडिया मंच का स्वागत है लेकिन दो आयामी कार्यप्रणाली स्वीकार नहीं की जाएगी। अगर कैपिटल हिल पर हमला हुआ तब सोशल मीडिया ने पुलिस की कार्रवाई का समर्थन किया। जब लाल किले पर भीषण हमला हुआ तब सोशल मीडिया ने दोतरफ़ा चरित्र का उदाहरण दिया। इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
क़ानून मंत्री ने कहा, “एक ग्रीवांस मैकेनिज्म (grievance mechanism) बनाना होगा और इसके तहत एक ग्रीवांस ऑफिसर (निराकरण अधिकारी) का नाम भी रखना होगा। ये अधिकारी अनिवार्य रूप से भारत का ही होना चाहिए। जिसे मिलने वाली शिकायत को 24 घंटे के भीतर दर्ज करना होगा और 15 दिन के अंदर निराकरण करना होगा। उसे इसका भी ध्यान रखना होगा कि उसे कितनी शिकायतें प्राप्त हुई और कितनों का निराकरण हुआ।”