Saturday, July 27, 2024
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3 महीनों के भीतर लागू होगी सोशल, डिजिटल मीडिया और OTT की नियमावली: मोदी सरकार ने जारी की गाइडलाइन्स

केंद्र सरकार अब इस मुद्दे पर प्रभावी दिशा निर्देश लेकर आई है, जिसके दायरे में पूरा डिजिटल मीडिया, OTT और सोशल मीडिया होगा। चाहे वह एक तरफ फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, इन्स्टाग्राम हों या दूसरी तरफ अमेज़न प्राइम, नेटफ्लिक्स, ऑल्ट बालाजी, ज़ी फाइव, एमएक्स प्लेयर। ये सभी दिशा निर्देश आगामी 3 महीने के भीतर लागू कर दिए जाएँगे।

सोशल मीडिया पर साझा किया जाने वाला कंटेंट और OTT प्लैटफॉर्म पर मौजूद कंटेंट सरकार के लिए अभी तक बड़ी बहस का मुद्दा था। केंद्र सरकार अब इस मुद्दे पर प्रभावी दिशा निर्देश लेकर आई है, जिसके दायरे में पूरा डिजिटल मीडिया, OTT और सोशल मीडिया होगा। चाहे वह एक तरफ फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, इन्स्टाग्राम हों या दूसरी तरफ अमेज़न प्राइम, नेटफ्लिक्स, ऑल्ट बालाजी, ज़ी फाइव, एमएक्स प्लेयर। ये सभी दिशा निर्देश आगामी 3 महीने के भीतर लागू कर दिए जाएँगे।

पहले सोशल मीडिया के मुद्दे पर दिशा निर्देशों की जानकारी देते हुए केन्द्रीय क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कई अहम बातें बताई। उन्होंने कहा कि भारत में हर सोशल मीडिया मंच का स्वागत है लेकिन दो आयामी कार्यप्रणाली स्वीकार नहीं की जाएगी। अगर कैपिटल हिल पर हमला हुआ तब सोशल मीडिया ने पुलिस की कार्रवाई का समर्थन किया। जब लाल किले पर भीषण हमला हुआ तब सोशल मीडिया ने दोतरफ़ा चरित्र का उदाहरण दिया। इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

रविशंकर प्रसाद के मुताबिक़, “सोशल मीडिया को 2 श्रेणियों में बाँटा गया है, एक इंटरमीडियरी और दूसरा सिग्निफिकेंट सोशल ​मीडिया इंटरमीडियरी। सिग्निफिकेंट सोशल ​मीडिया इंटरमीडियरी पर अतिरिक्त कर्तव्य है, हम जल्दी इसके लिए यूजर संख्या का नोटिफिकेशन जारी करेंगे।” इसके अलावा केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री ने कहा, “OTT प्लेटफॉर्म के लिए त्रि-स्तरीय तंत्र होगा। OTT प्लेटफॉर्म और डिजिटल ​मीडिया को अपने बारे में जानकारी देनी होगी, उनके लिए एक शिकायत निवारण तंत्र होना चाहिए।”

इसके बाद क़ानून मंत्री ने कहा, “एक ग्रीवांस मैकेनिज्म (grievance mechanism) बनाना होगा और इसके तहत एक ग्रीवांस ऑफिसर (निराकरण अधिकारी) का नाम भी रखना होगा। ये अधिकारी अनिवार्य रूप से भारत का ही होना चाहिए। जिसे मिलने वाली शिकायत को 24 घंटे के भीतर दर्ज करना होगा और 15 दिन के अंदर निराकरण करना होगा। उसे इसका भी ध्यान रखना होगा कि उसे कितनी शिकायतें प्राप्त हुई और कितनों का निराकरण हुआ।” 

  • आपत्तिजनक विषयवस्तु की शिकायत मिलने पर न्यायालय या सरकार जानकारी माँगती है तो वह भी अनिवार्य रूप से प्रदान करनी होगी। 
  • महिलाओं पर किसी भी तरह की आपत्तिजनक विषयवस्तु (विशेष रूप से उनके शरीर को लेकर) को एक दिन के भीतर हटाना होगा। 
  • सोशल मीडिया के लिए तीन स्तर की श्रेणी बनाई जाएगी- U, UA7, UA13
  • किसी भी यूज़र का पोस्ट हटाने के बाद उसे सूचित करना होगा कि ऐसा क्यों किया गया। 
  • पिछले कुछ समय में सोशल मीडिया का उपयोग आतंकवादी भी करते हुए नज़र आए हैं। 
  • सोशल मीडिया ही फ़ेक न्यूज़ की जड़ है, इसकी अनगिनत शिकायतें मिली हैं। सरकार सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल के खिलाफ़ है। 
  • सोशल मीडिया को भी मीडिया की तरह नियमों का पालन करना होगा। 
  • आगामी तीन महीनों के भीतर सोशल मीडिया के नियम लागू होंगे। 

OTT प्लैटफॉर्म से जुड़े दिशा निर्देश

  • OTT प्लैटफॉर्म्स को ‘सेल्फ रेगुलेशन’ (खुद से नियमों को लागू करके पालन) करना पड़ेगा। 
  • OTT प्लैटफॉर्म्स के लिए 3 स्तरीय व्यवस्था होगी। 
  • डिजिटल मीडिया से लेकर OTT प्लैटफॉर्म्स तक, पंजीयन अनिवार्य होगा। पंजीयन के संबंध में सरकार को भी सूचित करना होगा। 
  • संसद के दोनों सदनों में कुल मिला कर इस मुद्दे पर 50 से अधिक सवाल पूछे गए। 
  • OTT प्लैटफॉर्म्स वालों को कई बार निर्देश दिया गया फिर भी उन्होंने अपने लिए नियमावली नहीं बनाई। 
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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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