Friday, November 15, 2024
Homeराजनीतिमहाराष्ट्र: उद्धव सरकार ने प्लाज्मा थेरेपी से जिस कोरोना संक्रमित के ठीक होने का...

महाराष्ट्र: उद्धव सरकार ने प्लाज्मा थेरेपी से जिस कोरोना संक्रमित के ठीक होने का किया था ऐलान, उसकी मौत

महाराष्ट्र में प्लाज्मा थेरेपी की इस विफलता को देखकर सोशल मीडिया पर सवाल उठे हैं। अंकुर सिंह नाम के यूजर ने पूछा है कि आखिर उद्धव ठाकरे सरकार मीडिया प्रचार के लिए इतनी उतावली क्यों रहती है? वह परिणामों का इंतजार क्यों नहीं करती?

प्लाज्मा थेरेपी से जिस कोरोना संक्रमित के ठीक होने का ऐलान महाराष्ट्र में स्वास्थ्य मंत्री राजेश तोपे ने किया था उसकी मौत हो गई है। गुरुवार को इस संक्रमित व्यक्ति ने अस्पताल में आखिरी सॉंसें ली। इसने प्लाज्मा थेरेपी से संक्रमितों के उपचार को लेकर किए जा रहे दावों को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

बुधवार को तोपे ने ऐलान किया था कि प्रदेश में प्लाज्मा थेरेपी का पहला प्रयोग सफल हो गया है। उन्होंने बताया था कि लीलावती अस्पताल में भर्ती एक 53 वर्षीय मरीज पर यह इलाज सफल रहा है। लिहाजा NYL नय्यर अस्पताल में भर्ती दूसरे मरीज को भी यह उपचार दिया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक, 53 वर्षीय व्यक्ति की 19 अप्रैल को रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। इसके बाद उसे 20 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों की मानें तो गले में खरास, सूखी खाँसी और बुखार जैसे लक्षण होने के बावजूद मरीज ने अपना टेस्ट कराने में देरी की। इसके कारण उसमें कोरोना संक्रसंक्रमण होने की पहचान बहुत देर से हुई। इसी वजह से उन्हें पहले ही साँस की परेशानी हो गई थी और अस्पताल पहुँचते ही उन्हें आईसीयू में भर्ती कर दिया गया था।

25 अप्रैल को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) से हरी झंडी मिलने के बाद राज्य में पहली प्लाज्मा थेरेपी की गई। इस तरह से यह मरीज राज्य के लिए उम्मीद की किरण जैसा था क्योंकि राज्य में प्लाज्मा थेरेपी का क्लीनिकल ट्रायल किया गया था। पहले दिन उसे 200 एमएल प्लाज्मा चढ़ाया गया था। इसके बाद थोड़ा सुधार हुआ। लेकिन 27 अप्रैल की सुबह मरीज की सेहत फिर से बिगड़ने लगी। इसके बाद उसको एंटीबॉयोटिक दवाओं की डोज भी दी गई। साथ ही मरीज की बिगड़ती हालत को देखते हुए अगले दो ट्रायल को स्थगित करना पड़ा। बाद में यानी कल खबर आई कि वे कोरोना से जंग हार गए हैं।

प्रयोग की इस विफलता को देखसोशल मीडिया पर सवाल उठे हैं। अंकुर सिंह नाम के यूजर ने पूछा है कि आखिर उद्धव ठाकरे सरकार मीडिया प्रचार के लिए इतनी उतावली क्यों रहती है? वह परिणामों का इंतजार क्यों नहीं करती? वह कहते हैं कि मीडिया ने एक ऐसी थेरेपी के लिए तबलीगी जमातियों को हीरो बना दिया है जिसे अभी अप्रूव भी नहीं किया गया।

गौरतलब है कि इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा था कि प्लाज्मा थेरेपी अभी कारगर साबित नहीं हुई है। यह अभी सिर्फ प्रायोगिक चरण में ही है। साथ ही उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस के उपचार में यदि प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग दिशा-निर्देशों के अनुसार नहीं हुआ तो यह जान के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है।

बावजूद प्लाज़्मा थेरेपी के चर्चा में आते ही अचानक से ‘सेक्युलर’ राजनेता और ‘वाम-उदारवादी’ लिबरल गिरोह सक्रिय हो उठे। प्लाज्मा डोनेट करते हुए एक तबलीगी की तस्वीर को आधार बनाकर बहस का मुद्दा यह बना दिया गया कि मुस्लिम भी कोरोना वायरस के इलाज के लिए आगे आ रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि जो लोग आज तक यह स्वीकार करने में कतराते रहे कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण का सबसे बड़ा स्रोत तबलीगी जमात रहा है, वह भी इस बात पर गद्य लिखते नजर आने लगे।

बता दें, महाराष्ट्र में संक्रमितों की संख्या 10 हजार पार कर गई है। बीते 24 घंटे में 583 नए केस सामने आए हैं। राज्य में बीते 24 घंटे के 27 लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक कुल 459 लोगों की कोविड-19 महामारी से मौत हो चुकी है। राज्य में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 10498 तक पहुँच गई है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

आतंकी-इस्लामी कट्टरपंथी अब ऑक्सफ़ोर्ड यूनियन के मेहमान, कश्मीर की ‘आजादी’ पर करते हैं बात: भारतीय छात्रों ने उधेड़ी बखिया, बोले- इनका हाथ पाकिस्तान के...

ऑक्सफ़ोर्ड यूनियन ने कश्मीर की आजादी को लेकर एक बहस आयोजित करवाई है। भारतीय छात्रों ने यूनियन पर आतंकियों के साथ खड़े होने का आरोप लगाया है।

अंग्रेज अफसर ने इंस्पेक्टर सदरुद्दीन को दी चिट… 500 जनजातीय लोगों पर बरसने लगी गोलियाँ: जब जंगल बचाने को बलिदान हो गईं टुरिया की...

अंग्रेज अफसर ने इंस्पेक्टर सदरुद्दीन को चिट दी जिसमें लिखा था- टीच देम लेसन। इसके बाद जंगल बचाने को जुटे 500 जनजातीय लोगों पर फायरिंग शुरू हो गई।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -