मुंबई के मुकेश अम्बानी के घर एंटीलिया मामले की जाँच के बीच मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से हटाए गए परमबीर सिंह के एक लेटर बम से महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया है। सीएम उद्धव ठाकरे को लिखी गई परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद जो सनसनीखेज खुलासा हुआ है और जिस तरह से वसूली गैंग में महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख का नाम सामने आया उससे सियासत तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उनके इस्तीफे की माँग की ताकि स्वतंत्र रूप से जाँच हो सके।
चिट्ठी में एनसीपी नेता और गृहमंत्री अनिल देशमुख पर सचिन वाजे से 100 करोड़ रुपए हर महीने वसूली करवाने का आरोप है। इन आरोपों के बाद दिल्ली में शरद पवार के घर रविवार रात महाविकास अघाड़ी के नेताओं की बैठक हुई। इसमें सुप्रिया सुले, प्रफुल्ल पटेल, अजित पवार, संजय राउत सहित कई नेता मौजूद रहे। बैठक के बाद मंत्री जयंत पाटिल ने अपने बयान में यह साफ़ कहा कि अनिल देशमुख का इस्तीफा नहीं लिया जाएगा। देशमुख के इस्तीफे की जरूरत नहीं है। मामले की जाँच महाराष्ट्र एटीएस और एनआइए कर रही है।
There is no question of Anil Deshmukh's resignation. ATS is investigating (Antilia Case & Mansukh Hiren Case) and we believe the culprit will be punished: Jayant Patil, Nationalist Congress Party (NCP). pic.twitter.com/xfQ4yEc8ib
— ANI (@ANI) March 21, 2021
इससे पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि गृहमंत्री पर जो आरोप लगाए गए हैं, वो गंभीर हैं और उनके खिलाफ फैसला मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेना है और इस पर एक-दो दिनों में बातचीत करके फैसला ले लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी यहाँ आने से पहले इस विषय पर मुख्यमंत्री ठाकरे से भी बातचीत हुई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पवार ने पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की आरोपों वाली चिट्ठी को लेकर कहा, “पत्र में 100 करोड़ वसूलने के लिए कहा गया। मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पत्र में कहीं नहीं लिखा कि क्या पैसे दिए गए हैं?” इसके साथ ही पवार ने यह भी कहा कि अब सरकार ने परमबीर सिंह को पुलिस कमिश्नर से हटाकर होमगार्ड में भेजा तो उन्होंने गंभीर आरोप लगाए। ये बात उन्होंने तब क्यों नहीं कही, जब वे सीपी के पद पर थे।
उन्होंने कहा कि मैं खुद मुख्यमंत्री से बात करूँगा और उनसे कहूँगा कि गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए है, इसलिए ऐसे अधिकारी से जाँच कराई जाए जिनकी निष्ठा अच्छी हो। साथ ही उन्होंने कहा कि ‘सचिन वाजे को वापस लाने का फैसला खुद पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का था। यहाँ तक कि मनसुख हीरेन की पत्नी ने भी आरोप लगाया है कि सचिन वाजे उनके पति की मौत के लिए जिम्मेदार है। वाजे को वापस लेने में मुख्यमंत्री और गृहमंत्री का कोई रोल नहीं है।
गौरतलब है कि पवार ने साथ ही यह भी कहा था कि विपक्ष का माँग करना उनका हक है, पर सरकार को कोई खतरा नहीं है। इसका सरकार पर कोई असर नहीं होगा। अनिल देशमुख पर हम मुख्यमंत्री से बात करेंगे। पार्टी के लोगों से बात करेंगे और अनिल देशमुख से भी बात करेंगे कि उनका क्या कहना है? कल-परसों तक मिलकर हम लोग देशमुख पर फैसला ले लेंगे।