महाराष्ट्र (Maharashtra) में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी (MVA) की सरकार पर संकट के बादल छाए हुए हैं। एक तरफ वसूली मामले में आरोपित सचिन वाजे को दबाव डालकर बहाल कराने के आरोप सामने आए हैं तो दूसरी तरफ गठबंधन सरकार में बगावत के सुर उठने लगे हैं। जो हालात बने हैं, वह उद्धव ठाकरे सरकार के लिए सही साबित नहीं हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कार्य-प्रणाली से गठबंधन सरकार के सहयोगी खुश नहीं हैं। इसका असर पहले राज्य सभा चुनावों और फिर महाराष्ट्र विधान परिषद की चुनावों में दिखा। हार के बाद ये सवाल उठने लगे हैं कि महाराष्ट्र की उद्धव सरकार अब कितने दिन की मेहमान है।
इधर, उद्धव ठाकरे की राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार बने अमरावती से निर्दलीय विधायक रवि राणा (Ravi Rana) ने यह कहकर इन कयासों को और हवा दे दी है कि अगले दो महीनों में भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन जाएँगे।
राज्यसभा चुनावों में शिवसेना के संजय पवार की भाजपा के तीसरे उम्मीदवार धनंजय महाडिक से हार हुई थी। इसके बाद पार्टी के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा था कि बहुजन विकास आघाडी के हितेंद्र ठाकुर के तीन विधायकों और दो निर्दलीय विधायकों ने धोखा दिया, जिसकी वजह से हार का मुँह देखना पड़ा।
वहीं, विधान परिषद चुनावों में करारी हार के बाद मंथन के लिए सीएम उद्धव ठाकरे ने पार्टी की आपातकालीन बैठक बुलाई है। इस बैठक में सभी विधायकों को शामिल रहने का सख्त निर्देश दिया गया है। हालाँकि, पार्टी के असंतुष्ट विधायक एकनाथ शिंदे अपने समर्थक विधायकों के साथ गुजरात के सूरत में हैं।
शिवसेना नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा था कि शिवसेना के कुछ विधायक और एकनाथ शिंदे फिलहाल नहीं पहुँच से दूर हैं। उन्होंने कहा था कि एमवीए सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही है, लेकिन बीजेपी को यह याद रखना होगा कि महाराष्ट्र, राजस्थान या मध्य प्रदेश से बहुत अलग है।
Some MLAs of Shiv Sena and Eknath Shinde are currently not reachable. Efforts are being made to topple the MVA government but BJP has to remember that Maharashtra is very different from Rajasthan or Madhya Pradesh: Shiv Sena leader Sanjay Raut pic.twitter.com/cDUFjfm9pf
— ANI (@ANI) June 21, 2022
सोमवार (20 जून 2022) को सामने आए विधान परिषद के 10 सीटों के नतीजों में भाजपा के 5 उम्मीदवार और शिवसेना एवं राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) के दो-दो उम्मीदवार जीते हैं। वहीं, कॉन्ग्रेस का उम्मीदवार जीता है। शिवसेना की इस हार में पार्टी के वरिष्ठ नेता और मंत्री एकनाथ शिंदे का हाथ बताया जा रहा है।
कहा जा रहा है कि उद्धव ठाकरे की कार्य-प्रणाली से असंतुष्ट शिंदे ने अपने 20 समर्थक विधायकों के साथ क्रॉस वोटिंग की, जिसकी वजह से भाजपा को फायदा और शिवसेना को नुकसान हुआ है। यह सीधे तौर पर उद्धव ठाकरे से बगावत का बिगुल है। वह सूरत के एक होटल में अपने विधायकों के साथ हैं और आज 2 बजे के करीब प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। संभावना है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में वह कुछ बड़ी घोषणा करेंगे।
कहा जा रहा है कि शिंदे पार्टी और सरकार में अपनी उपेक्षा से नाराज हैं। मुख्यमंत्री ठाकरे और पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे के हस्तक्षेप के चलते वे शहरी विकास और लोक निर्माण (एमएसआरडीसी) समेत अपने विभागों को स्वतंत्र रूप से नहीं चला पाते हैं।
इतना ही नहीं, शिवसेना के शिंदे समर्थक विधायकों का भी आरोप है कि उनके निर्वाचन क्षेत्रों के लिए सरकार द्वारा पर्याप्त राशि आवंटित नहीं की जाती है। इनका आरोप है कि रांकपा नेता और उप-मुख्यमंत्री अजित पवार दूसरी पार्टी के दलों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहे हैं।
यही आरोप कॉन्ग्रेस के नेताओं ने भी अजित पवार पर लगाया था और अपने हाईकमान से दिल्ली में मुलाकात की थी। वित्त और योजना विभाग अजीत पवार के पास ही है। हालाँकि, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नहीं शिवसेना और कॉन्ग्रेस की नेताओं की आपत्तियों का निराकरण नहीं किया।
उधर कॉन्ग्रेस के दलित नेता और पूर्व मंत्री चंद्रकांत हंडोरे के विधान परिषद चुनाव में हार हुई है। कहा जा रहा है कि कॉन्ग्रेस के अगर सात विधायकों ने क्रॉस वोटिंग नहीं की होती हो तो भाई जगताप के साथ ही हंडोरे भी जीत गए होते। इस सब को लेकर चेंबूर में कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ता अपने हाईकमान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और कॉन्ग्रेस मुर्दाबाद के नारे लगाए।
Congress workers in Chembur, Mumbai protesting against their own party over defeat of Chandrakant Handore, party’s candidate in MLC elections due to cross voting. pic.twitter.com/IvVBCWZxG1
— Jitendra.K.Dixit, Bombayman (@jitendradixit) June 20, 2022
उधर एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद महाराष्ट्र सरकार में शामिल गठबंधन पार्टियों की NCP प्रमुख शरद पवार ने एक बैठक बुलाई है, लेकिन पार्टी में बगावत की आशंका के बीच संजय राउत शामिल नहीं होंगे। इधर भाजपा में भी राजनीतिक हलचल बढ़ गई है।
रवि राणा का कहना है, “आने वाले दो महीने के भीतर उद्धव ठाकरे सीएम नहीं रहेंगे। देवेंद्र फडणवीस सीएम बनेंगे। गुप्त मतदान के बाद भाजपा के पास विधानसभा अध्यक्ष होगा। विधान परिषद के अध्यक्ष भी भाजपा के ही होंगे। शिवसेना और कॉन्ग्रेस के कई विधायक हमारे संपर्क में हैं। शिवसेना और कॉन्ग्रेस में बड़े पैमाने पर दलबदल देखने को मिलेगा। हम निश्चित रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाएँगे।”
रवि राणा ने कहा, “सीएम ने हनुमान चालीसा का अपमान किया है। उन्होंने हिंदुत्व का गला घोंटा है। जो व्यक्ति भगवान हनुमान के लिए नहीं है, वह भगवान राम के पक्ष में कैसे हो सकता है? उद्धव ठाकरे को इसका भुगतना पड़ा है। हनुमान चालीसा पढ़ते हुए मैंने भविष्यवाणी की थी कि हनुमान जी उन्हें सबक सिखाएँगे। राज्यसभा के बाद उन्हें एक बड़ा झटका लगा।”
रवि राणा की भविष्यवाणी और महाराष्ट्र के हालात इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि उद्धव ठाकरे एक बड़े राजनीतिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं। वहीं, कॉन्ग्रेस भी शिवसेना से संतुष्ट नजर नहीं आ रही है।