महाराष्ट्र की सियासत शनिवार सुबह कुछ ऐसी बदली जिसकी कल्पना किसी ने भी नहीं की थी। बीजेपी ने रातोंरात बाजी पलटते हुए एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली और शिवसेना को इस गठबंधन की खबर तक नहीं लगी। सुबह राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने फडणवीस को सीएम पद शपथ दिलाई। अजित पवार डेप्युटी सीएम बने।
LIVE: Shri @rsprasad addresses a press conference at BJP HQ. https://t.co/fUtJzU4jtP
— BJP (@BJP4India) November 23, 2019
इस राजनीतिक घटनाक्रम पर अपनी पार्टी का पक्ष रखने के लिए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा और शिवसेना ने जब बहुमत प्राप्त किया तो ये भाजपा गठबंधन की नैतिक और चुनावी विजय थी। उन्होंने पूछा, “चुनाव परिणाम के बाद शिवसेना किसके इशारे पर उत्तेजक हो गई थी।”
भाजपा और शिवसेना ने जब बहुमत प्राप्त किया तो ये भाजपा गठबंधन की नैतिक और चुनावी विजय थी।
— BJP (@BJP4India) November 23, 2019
चुनाव परिणाम के बाद शिवसेना किसके इशारे पर उत्तेजक हो गई थी?: श्री @rsprasad pic.twitter.com/BDVgi2mBFz
उन्होंने आगे कहा, “शरद पवार और कॉन्ग्रेस ने चुनाव परिणाम के बाद बयान दिया था कि हमें विपक्ष में बैठने का जनमत मिला है। तो ये विपक्ष में बैठने का जनमत कुर्सी के लिए मैच फिक्सिंग कैसे हो गया था? महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मैनडेट मिला था भाजपा और शिवसेना को, लेकिन बड़ी पार्टी कौन थी – भाजपा। और मुख्यमंत्री का मैनडेट था योग्य और ईमानदार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जी के लिए।”
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मैनडेट था भाजपा और शिवसेना, लेकिन बड़ी पार्टी थी भाजपा और मुख्यमंत्री का मैनडेट था योग्य और ईमानदार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जी के लिए: श्री @rsprasad
— BJP (@BJP4India) November 23, 2019
रविशंकर प्रसाद ने विपक्षियों पर निशाना साधते हुए तंज किया कि कहा जा रहा है कि लोकतंत्र की हत्या की हो गई है। जब शिवसेना स्वार्थ भाव से प्रेरित होकर अपनी 30 साल की दोस्ती तोड़कर अपने घोर विरोधियों का दामन थाम ले तो ये लोकतंत्र की हत्या नहीं है क्या? और एक स्थाई सरकार के आग्रह पर देवेन्द्र फडणवीस की अगुवाई में अजित पवार के साथ बड़ा तबका आकर सरकार को सहयोग करे तो इसे लोकतंत्र की हत्या कहा जाता है।
कहा जा रहा है कि लोकतंत्र की हत्या की हो गई है।
— BJP (@BJP4India) November 23, 2019
जब शिवसेना स्वार्थ भाव से प्रेरित होकर अपनी 30 साल की दोस्ती तोड़कर अपने घोर विरोधियों का दामन थाम ले तो ये लोकतंत्र की हत्या नहीं है क्या?: श्री @rsprasad pic.twitter.com/YguuxeQcUl
जो आदरणीय बाला साहब ठाकरे के आदर्शों को जीवित नहीं रख सके उनके विषय में कुछ नहीं कहना है।
— BJP (@BJP4India) November 23, 2019
उनका प्रमाणिक कांग्रेस विरोध जग जाहिर है, उनकी राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रवाद और भारत की संस्कृति-संस्कार के प्रति समर्पण प्रमाणिक है : श्री @rsprasad
उन्होंने आगे कहा कि जो आदरणीय बाला साहब ठाकरे के आदर्शों को जीवित नहीं रख सके उनके विषय में कुछ नहीं कहना है। उनका प्रमाणिक कॉन्ग्रेस विरोध जग जाहिर है, उनकी राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रवाद और भारत की संस्कृति-संस्कार के प्रति समर्पण प्रमाणिक है। उन्होंने उद्धव ठाकरे के बयान को निशाने पर लेते हुए कहा, “कुछ लोग छत्रपति शिवाजी की विरासत की बात कर रहे हैं, उनसे मैं बस इतना कहूँगा कि सत्ता के लिए अपने विचारों से समझौता करने वाले तो कम से कम छत्रपति शिवाजी की बात न करें।”
कुछ लोग छत्रपति शिवाजी की विरासत की बात कर रहे हैं, उनसे मैं बस इतना कहूंगा कि सत्ता के लिए अपने विचारों से समझौता करने वाले तो कम से कम छत्रपति शिवाजी की बात न करें: श्री @rsprasad
— BJP (@BJP4India) November 23, 2019
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्यपाल ने तीनों पार्टियों को बुलाया था। NCP और शिवसेना को बुलाया तो उन्होंने कहा कि और समय दीजिए। आज सुबह भाजपा और अजित पवार के साथ NCP के तबके ने आवेदन दिया कि हमारे पास बहुमत है। क्या शिवसेना और NCP का कोई आवेदन राज्यपाल के पास अब तक था।
राज्यपाल ने तीनों पार्टियों को बुलाया था। NCP और शिवसेना को बुलाया तो उन्होंने कहा कि और समय दीजिए।
— BJP (@BJP4India) November 23, 2019
आज सुबह भाजपा और अजीत पवार जी के साथ NCP के तबके ने आवेदन दिया कि हमारे पास बहुमत है।
क्या शिवसेना और NCP का कोई आवेदन राज्यपाल के पास अब तक था?: श्री @rsprasad pic.twitter.com/s5nLfhPAk5
रविशंकर प्रसाद ने कहा, “महाराष्ट्र की जनता का सवाल था कि हमने जनादेश दिया तो आप सरकार क्यों नहीं बना रहे हैं। क्या इतने बड़े राज्य को ऐसे ही छोड़ दिया जाता? हम एक स्थिर, प्रभावी और प्रमाणिक सरकार देंगे। हमारे पीएम और गृह मंत्री के खिलाफ स्तरहीन भाषा का प्रयोग किया गया, हमने इसे सहा है। आज तक ऐसा नहीं हुआ कि गठबंधन में रहकर कोई ऐसा बोले।”
आगे उन्होंने कहा कि यह देश की आर्थिक राजधानी पर कब्जा करने की कोशिश थी। एक बड़ा जनादेश और बहुमत मिला था, शिवसेना ने क्यों 360 डिग्री का टर्न ले लिया। वहीं जब उनसे पूछा गया कि महाराष्ट्र में सरकार बनने के बाद कॉन्ग्रेस अपने विधायकों को भोपाल भेज रही है। क्या कॉन्ग्रेस को अब भी विधायकों को छुपाने की जरूरत है, तो उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा कि उन्हें इस बात पर आश्चर्य हो रहा है कि क्या भोपाल और जयपुर के अलावा उनके विधायक कहीं और सुरक्षित नहीं हैं क्या?
NCP ने अजित पवार को विधायक दल के नेता पद से हटाया, शरद पवार ने कहा- एक्शन लेगी पार्टी
हमारे पास नंबर है, सरकार तो हम ही बनाएँगे, लेंगे अजित पर फैसला: शरद पवार
धोखा, बेशर्म, पाखंड… विलाप कर रहे लिबरल गैंग की बहुत बुरी जली, शब्दों से दे रहे खुद को तसल्ली