बृहस्पतिवार (अक्टूबर 15, 2020) को एक स्थानीय अदालत ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और कॉन्ग्रेस नेत्री यशोमती ठाकुर को 3 महीने के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। यह सजा 8 साल पुराने मामले को लेकर हुई है। दरअसल, महाराष्ट्र की मंत्री यशोमति ठाकुर को आठ साल पहले एक पुलिसकर्मी को पीटने के जुर्म में यह सजा सुनाई गई है। इसके अलावा, अदालत ने यशोमती ठाकुर पर 15,500 रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया है।
जिला और सत्र न्यायालय ने इस मामले में यशोमति ठाकुर के अलावा, 3 अन्य लोगों को अपराधी घोषित किया है। इसमें महिला एवं बाल विकास मंत्री का वाहन चालाक भी शामिल है जिसे 3 माह के कठोर कारावास की सज़ा सुनाई। जिला और सत्र न्यायालय की न्यायाधीश उर्मिला जोशी ने इस मामले में सज़ा सुनाई है।
अदालत ने यह भी कहा कि अगर मंत्री और कॉन्ग्रेस नेत्री यशोमती ठाकुर यह आर्थिक दंड नहीं देती हैं तो उन्हें एक और महीने जेल की सज़ा काटनी होगी। यशोमती ठाकुर और उनके वाहन चालक पर एक पुलिस वाले के साथ मारपीट करने का आरोप लगा था। इनकी गाड़ी वन-वे लेन पर चल रही थी जिसे एक पुलिसकर्मी ने रोका था। इसके बाद उन्होंने पुलिसकर्मी के साथ मारपीट की थी। यह घटना मार्च 12, 2012 को शाम 4:15 बजे अमरावती जिले के राजापेठ पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले चूनाभट्टी क्षेत्र में हुई थी।
इसके पहले भी यशोमती ठाकुर पुलिस वालों के सामने अपनी दबंगई का नमूना पेश कर चुकी हैं। यह दूसरी घटना जुलाई 19, 2019 की है जब वह सेंट जॉर्ज अस्पताल पहुँची थीं। दरअसल, वहाँ कॉन्ग्रेस विधायक श्रीमंत पाटिल का इलाज चल रहा है, उन्हीं से मिलने वो वहाँ पहुँची थी। इस दौरान वो वहाँ पुलिस से भिड़ गईं और उनसे काफ़ी कहासुनी हो गई।
इस घटना का एक वीडियो सामने आया था जिसमें वो काफ़ी तल्ख़ अंदाज़ में दिख रही थीं। इस वीडियो में वो पुलिस व डॉक्टर्स के साथ अपशब्द बोलती साफ़ नज़र आ रही थीं। अस्पताल की शांति को तार-तार करते हुए उन्होंने कई पुलिसकर्मियों के साथ ऊँची आवाज़ में बात तो की ही साथ वहाँ मौजूद महिला पुलिसकर्मियों को भी खरी-खोटी सुनाई।