महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली NDA सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू कर दी है। महाराष्ट्र, केंद्र की मोदी सरकार के बाद इसे लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है। महाराष्ट्र के राज्य कर्मचारी अब अपनी सेवानिवृत्ति के लिए UPS चुन सकेंगे।
महाराष्ट्र सरकार ने रविवार (25 अगस्त, 2024) को ऐलान किया कि वह UPS लागू कर रही है। रविवार को ही इसे महाराष्ट्र कैबिनेट की मंजूरी भी मिल गई। अब महाराष्ट्र सरकार के लिए काम करने वाले राज्य कर्मचारी UPS या फिर न्यू पेंशन स्कीम, दोनों में से एक का चुनाव कर सकेंगे। न्यू पेंशन स्कीम को 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए लाया गया था।
महाराष्ट्र सरकार के अंतर्गत अभी लगभग 14.5 लाख कर्मचारी काम करते हैं। इनमें से बड़ी संख्या उनकी है, जिन्होंने 2004 के बाद नौकरी पाई है। 2004 के बाद नौकरी पाने वालों को पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिलता। ऐसे में उन्हें अब सेवानिवृत्ति के समय अधिक लाभ चुनने की आजादी होगी।
केंद्र सरकारची एकिकृत निवृत्तीवेतन योजना महाराष्ट्रात लागू…#मंत्रिमंडळनिर्णय #Maharashtra #CabinetDecision pic.twitter.com/AOzytmbNiL
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) August 25, 2024
महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले को आगामी विधानसभा चुनावों से जोड़ कर देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह निर्णय राज्य कर्मचारियों में अपना जनाधार बढ़ाने के लिए NDA सरकार ने लिया है। महाराष्ट्र में 2024 के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। इसमें NDA का मुकाबला INDI गठबंधन से है।
UPS को केंद्र सरकार ने शनिवार (25 अगस्त, 2024) को मंजूरी दी थी। इसके तहत 1 जनवरी, 2004 के बाद केंद्र सरकार में नौकरी पाने वाले कर्मचारियों को अधिक सेवानवृत्ति लाभ देने की बात कही गई है। इसके तहत यदि को केंद्र सरकार का कर्मचारी 25 वर्षों तक सेवा देता है, तो उसे उसकी अंतिम बेसिक तनख्वाह का 50% निश्चित तौर पर पेंशन में दिया जाएगा।
कर्मचारियों को पेंशन में महंगाई भत्ता भी मिलेगा। इसके अलावा कर्मचारी की मौत पर उसके परिजनों को उसकी तनख्वाह का 60% देने का फैसला सरकार ने किया है। साथ ही उन कर्मचारियों को ₹10 हजार पेंशन निश्चित तौर पर दी जाएगी, जिन्होंने केंद्र सरकार को 10 साल तक सेवा दी है।
केंद्र सरकार ने UPS के जरिए पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) की माँग को पूरा करने की कोशिश की है। हालाँकि, UPS पुरानी पेंशन स्कीम से काफी अलग है। OPS के अंतर्गत पहले कर्मचारियों को कोई भी अंशदान नहीं देना होता था, जबकि अभी UPS में यह अंशदान जारी रहेगा।