राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा है कि अगर महात्मा गाँधी आज होते तो वे भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का हिस्सा होते। संघ विचारक सिन्हा के इस बयान की बड़ी प्रतिक्रियाएँ आनी तय है। उन्होंने महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती पर कॉन्ग्रेस को आड़े हाथों लिया। सिन्हा ने कहा कि जो लोग गाँधी का नाम और चित्र सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते रहे हैं, उन्होंने ही गाँधी के विचारों को भुला दिया और वे ही गाँधी के विचारों के ख़िलाफ़ हैं। साथ ही उन्होंने आरएसएस को गाँधी की विचारधारा का अनुयायी करार दिया।
राज्यसभा सांसद प्रोफेसर राकेश सिन्हा दिल्ली विश्वविद्यालय के प्राध्यापक भी हैं। वह काफ़ी दिनों से मीडिया चर्चाओं में संघ की तरफ से अपनी बात रखते रहे हैं और आरएसएस के इतिहास को लेकर उनके अध्ययन की सभी प्रशंसा करते हैं। उन्होंने आरएसएस संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार की जीवनी भी लिख रखी है। राकेश सिन्हा ने ट्विटर पर लिखा:
“महात्मा गाँधी सिर्फ़ स्वतंत्रता की ही लड़ाई नहीं लड़ रहे थे बल्कि भारतीय सभ्यता के मूल तत्व को आधार बनाकर पश्चिमी सभ्यता की राक्षसी प्रकृति जिसमें दमन, अमानवीयता, संसाधनों की लूट, विस्तारवाद, ताक़तवर होने का अहम, व्यक्तिवाद और ‘हम और तुम’ की खाई अंतर्निहित है, को भी चुनौती दे रहे थे।
महात्मा गांधी सिर्फ़ स्वतंत्रता की ही लड़ाई नही लड़ रहे थे बल्कि भारतीय सभ्यता के मूल तत्त्व को आधार बनाकर पश्चिमी सभ्यता की राक्षसी प्रकृति जिसमें दमन अमानवीयता,संसाधनो की लूट,विस्तरवाद,ताक़तवर होने का अहम,व्यक्तिवाद और ‘हम और तुम’की खाई अंतर्निहित है ,को भी चुनौती दे रहे थे. pic.twitter.com/3mBrHGfcBi
— Prof Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) October 2, 2019
बता दें कि संघ विचारक का ये बयान ऐसे समय में आया है जब कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने आरोप लगाया है कि भाजपा गाँधी को हटा कर आरएसएस को आगे कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ सरसंघचालक मोहन भागवत ने महात्मा गाँधी को पूजनीय बताते हुए कहा कि संघ उनकी विचारधारा पर काम कर रहा है। मोहन भागवत ने कहा कि ‘स्व’ के आधार पर भारत की पुनर्रचना का स्वप्न देखने वाले तथा सामाजिक समता और समरसता के संपूर्ण पक्षधर, अपनी कथनी का स्वयं के आचरण से उदाहरण देने वाले, सभी लोगों के लिए आदर्श पूज्य गाँधीजी को हम सबको देखना, समझना तथा अपने आचरण में उतारना चाहिए।
Gandhiji, who believed in the Swa-based reorganisation of Bharat,firmly stood for social equality and harmony and translated his vision into action,had set an example for all through his life.We must perceive,understand and manifest it in our life.-Mohanji Bhagwat#GandhiJayanti pic.twitter.com/eE19jAShsk
— RSS (@RSSorg) October 2, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राजघाट जाकर महात्मा गाँधी को नमन किया। कई अन्य बड़े नेताओं व मंत्रियों ने महात्मा गाँधी को उनके जन्मदिवस पर याद किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वच्छता अभियान’ में भी महात्मा गाँधी के चेस को ही प्रतीक चिह्न बनाया गया था।