पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शुक्रवार (24 सितंबर, 2021) को भवानीपुर में चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा नेता मानस साहा की तुलना ‘मरे हुए कुत्ते’ से करती दिखीं। मानस साहा की शव यात्रा को लेकर गुरुवार (23 सितंबर, 2021) को काफी बवाल होने के एक दिन बाद ममता ने यह विवादास्पद टिप्पणी की है।
भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र के 71वें वार्ड में जनता को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा, “कल जब मैं एक बैठक के लिए गई हुई थी, तब मैंने सुना कि वे (भाजपा कार्यकर्ता) एक शव के साथ मेरे आवास में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। उनकी इतनी हिम्मत कि यह सब मेरे घर के सामने करें।”
उन्होंने बीजेपी की राज्य इकाई को धमकी देते हुए कहा, ”अगर मैं आपके घर एक मरा हुआ कुत्ता भेज दूँ तो क्या होगा? क्या आपको नहीं लगता कि मेरे पास आवश्यक शक्तिबल (जनशक्ति) है? एक सड़े हुए कुत्ते को आपके घर के बाहर फेंकने में मुझे एक सेकंड का समय लगेगा और आप 10 दिनों तक (गंध के कारण) खा नहीं पाएँगे।”
নির্বাচনের রেজাল্টের দিন গিয়াসউদ্দিন মোল্লার বাহিনীর হাতে প্রহৃত হয়ে দীর্ঘ চার মাস হাসপাতালে থাকার পর গত পরশু নিহত @BJP4Bengal র মগরাহাট পশ্চিমের প্রার্থী মানস সাহার মৃতদেহের সঙ্গে পচা কুকুরের তুলনা।
— Samrat Das (@Samratbjym) September 24, 2021
ছিঃ ধিক্কার জানাই এরকম নিচু মানসিকতাকে। @DrSukantaBJP @SuvenduWB @keyakahe pic.twitter.com/raPn8yoTUp
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की ‘असंवेदनशील’ टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की है। उन्होंने कहा, ”ये एक संवेदनशील मुख्यमंत्री के शब्द नहीं हो सकते। भाजपा के एक नेता की मौत हो गई है और वह भी तृणमूल कॉन्ग्रेस द्वारा किए गए हमले के कारण। लेकिन इस पर दुखी होने की बजाए उन्होंने उनकी तुलना एक मरे हुए कुत्ते से की। बेहद शर्मनाक।”
मानस साहा की हत्या
मृतक भाजपा नेता मानस साहा ने 2021 में पश्चिम बंगाल चुनावों के दौरान दक्षिण 24 परगना जिले के मगराहाट पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। वह अपने प्रतिद्वंद्वी टीएमसी नेता जियास उद्दीन मोल्ला से 18,410 मतों से हार गए थे। कथित तौर पर, 2 मई (मतगणना के दिन) को टीएमसी के गुंडों ने साहा को बेरहमी से पीटा था। इस हमले में वह बुरी तरह जख्मी हो गए। लंबे इलाज के बाद उन्होंने 22 सितंबर 2021 को दम तोड़ दिया था।
बीजेपी नेता अर्जुन सिंह ने मामले की सीबीआई जाँच की माँग की थी। उन्होंने कहा, “साहा को स्थानीय टीएमसी विधायक के गुंडों ने पीटा था, क्योंकि मतगणना के रुझान से पता चला कि वह पीछे चल रहे थे।” वहीं, जियास उद्दीन मोल्ला ने इन आरोपों का खंडन किया था। कालीघाट में ममता बनर्जी के आवास के पास भाजपा कार्यकर्ता मानस साहा की शव यात्रा को लेकर गुरुवार (सितंबर 23, 2021) को बवाल मच गया। इस दौरान भाजपा नेताओं और कोलकाता पुलिस के बीच झड़प हो गई थी।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में 2 मई 2021 को चुनावी नतीजों में तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की जीत सुनिश्चित होने के बाद हिंसा भड़क उठी थी। विपक्ष खास कर बीजेपी समर्थक इस दौरान निशाने पर थे। बीजेपी से जुड़े जिन लोगों की हत्या की गई उनमें अभिजीत सरकार और हारन अधिकारी भी शामिल थे। हिंसा की सीबीआई जाँच या विशेष जाँच दल (SIT) के गठन को लेकर इनके परिजनों की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया था।