पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने अनोखे और अजीबोगरीब बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में बनी रहती हैं। अभी चंद्रयान-3 को लेकर उनके दिए अटपटे बयान को चंद दिन ही गुजरे हैं कि अब फिर से उन्होंने एक अजीबोगरीब बयान दे डाला है।
इस बार तृणमूल कॉन्ग्रेस की स्टूडेंड विंग (TMCP) के स्थापना दिवस पर सोमवार (28 अगस्त, 2023) उन्होंने विद्रोही कवि काजी नजरुल इस्लाम को महाभारत का रचियता बता डाला है। उनके इस बयान को लेकर भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि इतिहास को विकृत करना सीएम बनर्जी की पुरानी आदत रही है।
‘हमारे महापुरुषों को पढ़िए’
बांग्ला साहित्य के कवि काजी नजरुल इस्लाम को बंगाल के विद्रोही कवि के तौर पर जाना जाता है। उनके औपनिवेशिक शासन के खिलाफ और सांप्रदायिक सौहार्द पर लिखे गीत और कविताएँ खासे मशहूर हैं। TMCP के स्थापना दिवस पर सीएम ममता बनर्जी ने इन्हीं नज़रुल इस्लाम को महाभारत का रचियता बता दिया।
After sending Rakesh Roushan and Indira Gandhi to the Moon, Now Mahabharat was written by Nazrul Islam pic.twitter.com/WADTL4Mn7M
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) August 29, 2023
इस दौरान सीएम बनर्जी ने कहा कि केवल पढ़ाई जिंदगी के सही मायने नहीं सिखा सकती है, इसके लिए बड़ा दिल होना चाहिए। उन्होंने का कि हमें इसके लिए अपने महापुरुषों को लिखे को पढ़ना और समझना चाहिए। उन्होंने लोगों को रविंद्रनाथ टैगोर, नजरुल और विवेकानंद को पढ़ने की सलाह दे डाली। इसी दौरान उन्होंने कह दिया कि काजी नजरुल इस्लाम ने महाभारत लिखी थी।
ये पहली बार नहीं है जब उन्होंने अपने बयान में ऐतिहासिक चीजों के बारे में गलत जानकारी दी है। इससे पहले चंद्रयान-3 मिशन के कामयाब होने पर भी वो ऐसा ही अटपटा बयान दे चुकी हैं। इसके लिए उन्हें खासा ट्रोल भी किया गया।
कहा था – इंदिरा गाँधी चाँद पर गईं
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के 23 अगस्त को चंद्रयान-3 के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की कामयाबी के बाद भी सीएम बनर्जी ने ऐसा ही बयान दिया था। दरअसल, ममता बनर्जी ने राकेश शर्मा की जगह बॉलीवुड के डॉयरेक्टर राकेश रोशन को भारत का पहला अंतरिक्ष यात्री बता डाला था।
उन्होंने ये भी कहा था कि इंदिरा गाँधी चाँद पर गई थीं और उन्होंने राकेश रोशन से पूछा था कि भारत वहाँ से कैसा दिखता है। यहीं नहीं उन्होंने सोयुज टी-11 को चंद्रयान कहा था, जबकि ये एक अंतरिक्ष कार्यक्रम था। तब उन्हें नेटिजन्स ने ये कहकर ट्रोल किया था कि कहीं उन्होंने चंद्रयान-3 की लैंडिंग का लाइव प्रसारण देखने की जगह राकेश रोशन की फिल्म ‘कोई मिल गया’ तो नहीं देख ली।
क्या है सीएम ममता बनर्जी का इरादा?
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी इस तरह के अटपटे और गलत बयानों पर पता नहीं क्या साबित करना चाहती है। विपक्षी दलों के महागठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (INDIA)’ की मुंबई में गुरुवार 31 अगस्त से तीसरी बैठक शुरू हो रही। ये 1 सितंबर तक चलेगी। इसमें 2024 लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों में पीएम पद की उम्मीदवारी पर चर्चा होने वाली है। ऐसे में सीएम बनर्जी की कहीं ये सभी का ध्यान खींचने की कोशिश तो नहीं की?
Mamata Banerjee's distortion of historical events is a matter of public knowledge. It generally provides comic relief to the people.
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) August 29, 2023
Nobody seems to be offended because everyone knows that the CM's general knowledge is really poor.
But off late she has developed a tendency to… pic.twitter.com/XwWWl93hkG
सीएम बनर्जी पर बीजेपी का वार
माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर बीजेपी एमएलए और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि इतिहास को विकृत करना ममता बनर्जी की पुरानी आदत रही है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के ऐतिहासिक घटनाओं को तोड़-मरोड़ कर पेश करना सार्वजनिक जानकारी का विषय है।
उन्होंने कहा कि यह आम तौर पर लोगों को हँसने का मौका देता है, कोई भी नाराज नहीं दिखता क्योंकि हर कोई जानता है कि सीएम का सामान्य ज्ञान वास्तव में खराब है, लेकिन हाल ही में उनमें हिंदू धर्म से संबंधित तथ्यों को विकृत करने की प्रवृत्ति विकसित हो गई है। उन्होंने आगे कहा कि 4 जुलाई, 2023 को उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू पर टिप्पणी की कि उन्होंने या उनकी सरकार ने तारकेश्वर, कालीघाट, दक्षिणेश्वर और अन्य हिंदू तीर्थ स्थलों जैसे पवित्र मंदिरों का निर्माण किया है। 28 अगस्त, 2023 को अपने स्थापना दिवस के अवसर पर टीएमसीपी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सबसे महान महाकाव्य महाभारत काजी नजरुल इस्लाम ने लिखा था।
उन्होंने लिखा, “मुझे लगता है कि वह बहुत अच्छी तरह से जानती है कि महान ऋषि महर्षि वेदव्यास महाभारत के रचयिता हैं, लेकिन उन्होंने जानबूझकर कहा कि महाभारत के रचयिता काजी नजरुल इस्लाम हैं। ऐसा लगता है कि वह हमारे महान धर्म के बारे में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करके संतुष्टि की विकृत भावना महसूस करती है।”