Monday, December 23, 2024
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JDU में नीतीश कुमार से बगावत: अब्दुल नासिर को छोड़ मणिपुर के 6 में से 5 विधायकों ने BJP का थामा हाथ, NDA से अलग होने पर थे नाराज

कुछ समय पहले ही अरुणाचल प्रदेश में जनता दल यूनाइटेड (JDU) का इकलौता विधायक भी भाजपा में शामिल हो गया था। 25 अगस्त को जेडीयू के इकलौते विधायक टेकी कासो ने भाजपा जॉइन कर लिया था। इस तरह राज्य में जदयू का पूरी तरह सफाया हो गया था।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा से नाता तोड़ा तो उनकी पार्टी के 5 विधायकों ने पार्टी को छोड़ बीजेपी से नाता जोड़ लिया। मणिपुर में जनता दल यूनाइटेड (JDU) के 6 में से 5 विधायक भाजपा में शामिल होकर नीतीश कुमार बड़ा झटका दे दिया है।

पार्टी के 5 विधायकों के भाजपा में विलय करने को जेडीयू ने असंवैधानिक बताया है। वहीं, भाजपा ने उन विधायकों का स्वागत किया है। इस उलटफेर को लेकर मणिपुर विधानसभा के सचिव को भी सूचित कर दिया गया है।

दरअसल, मणिपुर में मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह (CM N Biren Singh) के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को जेडीयू समर्थन दे रही थी। कहा जा रहा है कि जेडीयू सुप्रीमो नीतीश कुमार ने राज्य में भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने का निर्णय लिया था।

ये भी कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार के इस फैसले से राज्य के विधायक खुश समर्थन में नहीं थे। इतना ही नहीं, बिहार में भी भाजपा से गठबंधन तोड़ने के पक्ष में मणिपुर के जेडीयू विधायक नहीं थे। यही कारण है कि इन विधायकों ने भाजपा में विलय कर लिया। जेडीयू के कुल 6 में विधायकों में मोहम्मद अब्दुल नासिर को छोड़कर 5 ने भाजपा में विलय कर लिया।

उधर मणिपुर विधानसभा के सचिव मेघजीत सिंह ने कहा कि जेडीयू के पाँच विधायकों के भाजपा में विलय को संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत स्वीकार कर लिया गया है। बता दें कि इस साल हुए विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने कु 38 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें 6 सीटों पर जीत दर्ज हुई थी।

बता देें कि कुछ समय पहले ही अरुणाचल प्रदेश में जनता दल यूनाइटेड (JDU) का इकलौता विधायक भी भाजपा में शामिल हो गया था। 25 अगस्त को जेडीयू के इकलौते विधायक टेकी कासो ने भाजपा जॉइन कर लिया था। इस तरह राज्य में जदयू का पूरी तरह सफाया हो गया था।

साल 2019 में हुए अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में जदयू को 7 सीटें मिली थीं। उस समय राज्य में भाजपा के बाद जदयू दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी। भाजपा के कुल 41 विधायक थे और जेडीयू के 7 विधायक थे। हालाँकि, बाद में जेडीयू के 6 विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे।

मणिपुर में भाजपा में विलय करने वाले 5 विधायकों की तरह तरफ से अभी तक कोई बयान नहीं जारी किया गया है। जेडीयू के जिन पाँच विधायकों ने भाजपा में विलय किया है, उनके नाम हैं- केएच जॉयकिशन, एन सनाते, मोहम्मद अछबउद्दीन, पूर्व पुलिस महानिदेशक एएम खाउटे और थांगजाम अरूण कुमार।

इन विधायकों में एएम खाउटे और थांगजाम अरुण कुमार ने विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से टिकट की माँग की थी। जब भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वे जेडीयू की टिकट पर चुनाव लड़े और जीते थे। अब दोनों ने जेडीयू छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है।

बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने पार्टी में बगावत को लेकर JDU पर कटाक्ष किया है। उन्होंने ट्वीट किया, “अरुणाचल के बाद अब मणिपुर भी JDU मुक्त। बहुत जल्द लालूजी बिहार को भी JDU मुक्त कर देंगे।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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