गुलाम नबी आजाद की पाँच पन्नों वाली चिट्ठी से करीब दो साल पहले कॉन्ग्रेस के कुछ नेताओं ने सोनिया गाँधी को एक पत्र लिखा था। पत्र में पार्टी की स्थिति पर चिंता जताते हुए सवाल उठाए गए थे। पत्र लिखने वाले नेताओं के समूह को ‘G-23’ का टैग मिला। इस समूह में शामिल रहे गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार (26 अगस्त 2022) को कॉन्ग्रेस छोड़ दी। अब इस समूह के एक और नेता मनीष तिवारी ने पार्टी को खरी-खरी सुनाई है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने शनिवार को कहा कि 2 साल पहले हमने पार्टी की कमजोरियों को लेकर पत्र लिखा था। उसके बाद से हुए सभी विधानसभा चुनाव कॉन्ग्रेस हार चुकी है। बावजूद इसके पार्टी में कोई सुधार नहीं आया है। आजाद के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “हमें किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। मैंने पार्टी को 42 साल दिए हैं। मैं यह पहले भी कह चुका हूँ कि हम इस संस्था (कॉन्ग्रेस) के किराएदार नहीं हैं। हम सदस्य हैं।”
आजाद ने इस्तीफा देते हुए जो चिट्ठी सोनिया गाँधी को भेजी है, उसमें राहुल गाँधी को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। इसके कारण वे कई कॉन्ग्रेस नेताओं के निशाने पर हैं। इस चिट्ठी को लेकर मनीष तिवारी ने कहा, “गुलाम नबी आजाद ने जो पत्र में लिखा है, उसके तथ्यों को वही बेहतर समझा सकते हैं। लेकिन लोगों को तब हँसी आती है, जब कॉन्ग्रेस नेताओं के ‘चपरासी’ जिनकी वार्ड चुनाव लड़ने की क्षमता नहीं है, वे पार्टी के बारे में ज्ञान देते हैं।”
#WATCH | Congress MP M Tewari says, “Don’t want to go into merits of Mr Azad’s letter, he’d be in best position to explain…But strange that people who don’t have capacity to fight a ward poll, were “chaprasis” of Congress leaders when give “gyaan” about party it’s laughable…” pic.twitter.com/9dKLO2y2S8
— ANI (@ANI) August 27, 2022
तिवारी के इस बयान के बाद से नेटिजन्स पूछ रहे हैं कि कॉन्ग्रेस में वह चपरासी कौन है। शेफाली वैद्य ने इस सवाल के साथ किए गए ट्वीट में कॉन्ग्रेस नेताओं जयराम रमेश, पवन खेड़ा और रणदीप सिंह सुरजेवाला को टैग किया है।
Which chaprasi is he referring to exactly? @Jairam_Ramesh, @Pawankhera or @rssurjewala? pic.twitter.com/FTan4rsfs0
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) August 27, 2022
Guess who’s this Congress ka Chaprasi? pic.twitter.com/ssWdvtPCUk
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) August 27, 2022
गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफे के बाद जम्मू-कश्मीर में खुद की पार्टी बनाने की बात कही है। राज्य में उनके कई समर्थकों ने भी कॉन्ग्रेस से इस्तीफा दिया है। आने वाले दिनों में यह सिलसिला तेज होने के आसार हैं। आजाद ने अपनी चिट्ठी में सोनिया गाँधी को ‘रबर स्टांप’ बताते हुए कहा था कि राहुल गाँधी के पीएम और सुरक्षाकर्मी फैसले ले रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि 2013 में राहुल को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाने के बाद पुरानी कॉन्ग्रेस को खत्म किया गया, जिसके कारण जमीनी नेता पार्टी से दूर होते गए।