उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों (Uttar Pradesh Assembly Election) में सीटों पर दावेदारी को लेकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में घमासान मचा हुआ है। प्रदेश के दवबंद सीट से पार्टी ने अपनी प्रत्याशी को बदलकर माविया अली (Maviya Ali) को अपना उम्मीदवार बना दिया और आखिरी दिन उन्होंने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया। इसको लेकर कार्तिकिये राणा और अली के बीच घमासान मच गया है। इसके पहले मुजफ्फरनगर में पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने घोषणा की थी कि राणा ही इस सीट से पार्टी के उम्मीदवार होंगे।
बता दें कि माविया अली वही व्यक्ति हैं, जिन्होंने कहा था, “मैं पहले मुसलमान हूँ, उसके बाद भारतीय। कोई हमारे ऊपर जबरदस्ती नहीं कर सकता।” अली के इस बयान पर भारी विवाद हुआ था। शुक्रवार (28 जनवरी 2022) को अली ने कहा कि वही पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार हैं। सपा में टिकट के बदलाव की बात सामने आने के बाद अली के समर्थकों ने ढोल-नगाड़े के साथ गुरुवार की रात मिठाइयाँ बाँटी थी। इस दौरान भारी संख्या में उनके समर्थक इकट्ठा हो गए। बाद में पुलिस ने उन सबको भगाया और कोरोना के उल्लंघन को लेकर 22 नामजद समर्थकों के अलावा 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी।
इसको लेकर कार्तिकेय राणा ने कहा था कि लोगों को अफवाहों से बचना चाहिए। कार्तिकेय राणा 3 दिन पहले समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया था। बाद में सपा सुप्रीमो ने माविया अली को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। अली के साथ नामांकन दाखिल करने के लिए पहुँचे समाजवादी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष जगपाल दास गुर्जर ने कहा कि अखिलेश यादव के निर्देश के बाद उनको देवबंद विधानसभा से प्रत्याशी घोषित किया गया। एक ही सीट से दो-दो दावेदारों के आपसी संघर्ष के बावजूद गुर्जर ने कहा कि समाजवादी पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है।
गौरतलब है कि माविया अली कभी पूर्व मंत्री स्वर्गीय राजेंद्र राणा के बेहद करीबी हुआ करते थे। 2012 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में देवबंद नगरपालिका परिषद का सभासद रहते हुए माविया ने राजेंद्र राणा के चुनाव की कमान संभाली थी। राणा चुनाव जीतकर प्रदेश सरकार में मंत्री बने। इसके बाद हुए नगरपालिका चुनाव में माविया अली ने चुनाव जीतकर चैयरमैन बन गए।
माविया अली वही व्यक्ति हैं, जिन्होंने 2017 जिन्होंने खुद को पहले मुसलमान, फिर भारतीय बताया था। योगी सरकार ने 2017 के बाद कहा था कि स्वतंत्रता दिवस पर सभी मदरसों में राष्ट्रगान हो और उसकी वीडियो बनाई जाए। इस पर माविया अली ने कहा था, “मैं पहले मुसलमान हूँ, उसके बाद भारतीय। कोई हमारे ऊपर जबरदस्ती नहीं कर सकता।” असम के सांसद बदरुद्दीन अजमल ने उन पर आरोप लगाया था कि वीडियो के जरिए उन्हें ब्लैकमेल कर उनकी जमीन हड़पना चाहते हैं।