राजीव गॉंधी फाउंडेशन (RGF) के दान को लेकर नया खुलासा हुआ है। फाउंडेशन को पंजाब नेशनल बैंक में हज़ारों करोड़ रुपए के घोटाले के अभियुक्त मेहुल चोकसी से भी दान मिला था। उसने 2014-15 में सोनिया गाँधी के नेतृत्व वाले इस फाउंडेशन में अघोषित दान किया था।
दान नवराज एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड (Naviraj Estates Private Limited) के नाम से किया गया था और मेहुल चोकसी इस कंपनी के निदेशकों में से एक है। ज्ञात हो कि पीएनबी घोटाले के तहत नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पर 13 हज़ार करोड़ रुपए के ग़बन का आरोप है। ये मामला 2018 में सामने आया था। चोकसी देश छोड़कर भाग चुका है।
#Exclusive #Breaking | Mehul Choksi too ‘funded’ Rajiv Gandhi Foundation. pic.twitter.com/hoZgPH2q9B
— TIMES NOW (@TimesNow) June 26, 2020
एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, चीन सरकार की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) द्वारा फंडेड चीन एसोसिएशन फॉर इंटरनेशनल फ्रेंडली कॉन्टैक्ट (CAIFC) ने भी राजीव गाँधी फाउंडेशन को ‘वित्तीय सहायता’ दी थी। CAIFC संयुक्त राज्य अमेरिका के एफबीआई के रडार पर भी था और यूएस-चीन इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमीशन की एक रिपोर्ट में अमेरिकी कॉन्ग्रेस में कहा गया था कि वह विदेशों में जासूसी गतिविधियों में शामिल था।
मेहुल चोकसी का नाम ऐसे समय में उभर कर सामने आया है जब विभिन्न स्रोतों का सम्बन्ध गाँधी परिवार के नेतृत्व वाले राजीव गाँधी फाउंडेशन से जुड़े नजर आ रहे हैं, जिसमें कि चीन की कम्युनिस्ट सरकार द्वारा किया गया दान भी शामिल है। उल्लेखनीय है कि राजीव गाँधी फाउंडेशन की अध्यक्ष सोनिया गाँधी हैं। राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी वाड्रा, मनमोहन सिंह और पी चिदंबरम बोर्ड के सदस्य हैं।
गाँधी परिवार के स्वामित्व वाले राजीव गाँधी फाउंडेशन (RGF) को चीन की कम्युनिस्ट सरकार से लेकर PMNRF से दान मिलने के कई साक्ष्य सामने आए हैं। एक समय भारत के वित्त मंत्री रहे मनमोहन सिंह ने देश के सरकारी बजट से इस फाउंडेशन के लिए अलग से धन आवंटन की माँग तक की थी।
मनमोहन राज में 7 मंत्रालय, 11 PSU ने भी दिए ‘दान’
इसके बाद एक और खुलासे में पता चला है कि देश के कई सरकारी उपक्रमों ने भी राजीव गाँधी फाउंडेशन में दान किया था। इनमें गृह मंत्रालय समेत 7 मंत्रालय, सरकारी विभाग से लेकर 11 बड़े सार्वजानिक उपक्रम भी शामिल थे। यह सब ‘दान’ तब किए गए जब देश में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में UPA की सरकार थी और सोनिया गाँधी ही प्रमुख ‘डिसीजन मेकर’ हुआ करती थीं।
भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने शुक्रवार (जून 26, 2020) को आरोप लगाया कि यूपीए के वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) राजीव गाँधी फाउंडेशन को पैसे दान कर रहा था और सार्वजनिक धन परिवार के खातों में डायवर्ट कर दिया गया था।
गौरतलब है कि राजीव गाँधी फाउंडेशन ने न केवल चीन के दूतावास से बल्कि चीन सरकार से भी एक बार नहीं बल्कि कम से कम तीन बार वर्ष 2005 और 2009 के बीच ‘वित्तीय सहायता’ प्राप्त की थी।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि सार्वजनिक धन को परिवार द्वारा चलाए जाने वाले संगठन के लिए इस्तेमाल किया गया और यह न केवल एक ‘धोखाधड़ी’ है, बल्कि भारत की जनता के साथ एक ‘बड़ा विश्वासघात’ भी है। यूपीए सरकार में लोग राजीव गाँधी फाउंडेशन में दान करते थे, जिसकी अध्यक्ष सोनिया गाँधी थीं।
वर्ष 2005-2006 में, वार्षिक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है कि राजीव गाँधी फाउंडेशन को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दान मिला। 2006-2007 की रिपोर्ट में भी यही खुलासा किया गया है। इसके बाद 2007-2008 में भी पीएमएनआरएफ से फाउंडेशन को ‘दान’ मिला था।
पीएमएनआरएफ से तीन बार ‘डोनेशन’ हासिल किया था
ऑपइंडिया ने बताया था कि किस प्रकार राजीव गाँधी फाउंडेशन ने न केवल चीन के दूतावास से बल्कि चीन सरकार से भी एक बार नहीं बल्कि कम से कम तीन बार वर्ष 2005 और 2009 के बीच ‘वित्तीय सहायता’ प्राप्त की थी।
चीन की कम्युनिस्ट सरकार द्वारा किए गए इस पहली ‘सहायता’ में 10 लाख रुपए और दूसरी में 90 लाख रुपए दीए गए थे। रिपोर्ट के बाद बीजेपी ने पूछा था कि कॉन्ग्रेस का चीन को लेकर हमेशा से ही लचीला रुख था और साथ ही गलवान घाटी में जारी गतिरोध के बीच चीन और कॉन्ग्रेस के बीच हुए ‘व्यापारिक समझौते’ के कारण ही इस प्रकार के बयान दे रही थी।
यह पता चला है, राजीव गाँधी फाउंडेशन की वार्षिक रिपोर्ट में चीन की सरकार से वित्तीय सहायता मिली थी, जिसकी अध्यक्षता सोनिया गाँधी ने की है और इसमें राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी वाड्रा, मनमोहन सिंह और चिदंबरम ट्रस्टी के रूप में सूचीबद्ध हैं। जैसा कि वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है, यूपीए के दौरान राजीव गाँधी फाउंडेशन को एक बार नहीं बल्कि कई बार प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से दान मिला था।
एक और खुलासे में गाँधी परिवार के चीन के साथ अपने गोपनीय संबंधों के दावों को और मजबूती मिलती है। नए खुलासे से पता चलता है कि चीनी सरकार ने वर्ष 2006 में ‘राजीव गाँधी फाउंडेशन’ को ‘वित्तीय सहायता’ के लिए 10 लाख रुपए दान दिए थे।
एक दस्तावेज़ के अनुसार, भारत में तत्कालीन चीनी राजदूत सुन युक्सी (Sun Yuxi) ने राजीव गाँधी फाउंडेशन को 10 लाख रुपए दान दिए थे।