मोदी सरकार के 10 वर्ष पूरे हो रहे हैं। देश लोकसभा चुनावों के दौर में है। सत्तारूढ़ भाजपा अपने काम गिनवा कर वोट माँग रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार देश के आधारभूत ढाँचे, यानी इन्फ्रास्ट्रक्चर में आए बदलाव की बात बार बार दोहराते रहे हैं। रोड से लेकर रेल और हवाई जहाज से लेकर मेट्रो तक लगातार बात होती रही है। मोदी सरकार का काफी जोर देश में आधारभूत ढाँचा बनाने पर रहा है। पिछले 10 वर्षों में देश के इन्फ्रा क्षेत्र में आए बदलाव को मोदी सरकार के विरोधी स्वीकार करते हैं।
मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से लगातार देश में इन्फ्रा क्षेत्र पर खर्च किए जाने वाले बजट में वृद्धि की है। 2013-14 के मुकाबले 2024-25 के बजट में कैपिटल एक्सपेंडीचर में 2000% की वृद्धि हुई है जबकि देश में राष्ट्रीय राजमार्ग (नेशनल हाइवे) की लम्बाई 60% तक बढ़ी है। देश का रेलवे नेटवर्क भी अब डीजल के बजाय बिजली से चल रहा है। वहीं हवाई यातायात कको मजबूती देने और सुदूर क्षेत्रों को जोड़ने के लिए नए एयरपोर्ट भी बनाए गए हैं।
नेशनल हाइवे में 60% वृद्धि, सुधरा रोड इन्फ्रा
सड़कें किसी भी देश की नसों की तरह होती हैं। कहते हैं जहाँ सड़कें होती हैं, वहाँ विकास पहुँचता है। ऐसे में सड़कों का विकास देश की प्रगति का आधार है। देश के लगभग 87% लोगों की आवाजाही सड़कों पर निर्भर है। देश के 60% माल का आवागमन भी सड़क के जरिए ही होता है। जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी तब देश के राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई कुल 91,287 किलोमीटर थी। 2014 से 2024 आते आते देश में यह लंबाई 1.46 लाख किलोमीटर हो चुकी है। यानी 10 वर्षों में देश के हाइवे नेटवर्क में 60% की वृद्धि हुई है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के सचिव अनुराग जैन ने सूचना दी थी कि पिछले 10 वर्षों में देश में 95,000 किलोमीटर नेशनल हाइवे का निर्माण हो चुका है। 2014 के मुकाबले अब रोज 28.3 किलोमीटर से अधिक लम्बाई के हाइवे का निर्माण हो रहा है। यह 2014 से 143% की वृद्धि है। नेशनल हाइवे के निर्माण पर खर्च किया जाने वाला पैसा भी लगभग 10 गुना बढ़ चुका है। 2014 में सड़क परिवहन मंत्रालय का बजट लगभग ₹25000 करोड़ था जो कि 2024-25 के बजट में 10 गुना बढ़ कर ₹2.78 लाख करोड़ हो चुका है।
नेशनल हाइवे के अलावा अब देश में एक्सप्रेसवे का निर्माण तेजी से हो रहा है। 2014 में देश में एक्सप्रेसवे की कुल लम्बाई लगभग 1000 किलोमीटर थी। अब यह लंबाई बढ़ कर 5500 किलोमीटर से अधिक हो चुकी है। यानी एक्सप्रेसवे के निर्माण में देश में लगभग 500% की वृद्धि हुई है। देश के सबसे बड़े दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अभी चल रहा है। इसके कुछ हिस्से अभी खुल भी गए हैं। कई अन्य एक्सप्रेसवे का निर्माण भी चल रहा है जो आने वाले समय में पूरा हो जाएँगे।
मोदी सरकार ने रेल इन्फ्रा भी सुधारा
देश के हाइवे क्षेत्र के साथ ही बीते 10 वर्षों में रेल नेटवर्क में भी बड़े बदलाव आए हैं। रेलवे का आधुनिकीकरण अब भी जारी है। मोदी सरकार रेलवे पर काफी पैसा खर्च कर रही है। रेलवे बजट भी कई गुना बढ़ चुका है। देश में तेजस, वन्दे भारत और गतिमान एक्सप्रेस जैसी ट्रेन चलाई जा रही हैं। आँकड़ों में देखा जाए तो मोदी सरकार की रेलवे के क्षेत्र में सबसे की उपलब्धी इसका 94% बिजलीकरण है। 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी तब देश का 21,801 किलोमीटर रेलवे नेटवर्क बिजलीकृत था।
वर्तमान में देश के 61,000 किलोमीटर से अधिक नेटवर्क का बिजलीकरण हो चुका है। UPA सरकार के दौरान जहाँ देश में 1.42 किलोमीटर का रोजाना बिजलीकरण होता था तो वहीं मोदी सरकार में यह 14 किलोमीटर प्रति दिन हो गया। मोदी सरकार ने बिजलीकरण पर ₹43,346 करोड़ खर्च किए हैं। सिर्फ बिजलीकरण ही नहीं बल्कि नई लाइनें बिछाने में मोदी सरकार ने काफी काम किया है। मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में 25,871 किलोमीटर नई रेलवे लाइनें बिछाई हैं।
मोदी सरकार में रेलवे को बड़ी मात्रा में पैसा भी दिया गया है। 2014 में जहाँ रेलवे को लगभग ₹29,000 करोड़ का बजट दिया गया था। 2024-25 में यह बजट लगभग 8 गुना बढ़ कर ₹2.90 लाख करोड़ हो चुका है। मोदी सरकार रेलवे में नई लाइन और बिजलीकरण के अलावा स्टेशनों के पुनर्विकास पर भी काम कर रही है। हाल ही में पीएम मोदी देश के 550 से अधिक स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन के रूप में विकसित करने को लेकर हरी झंडी दिखाई दी थी।
हवाई क्षेत्र में बड़ी वृद्धि, एयरपोर्ट की संख्या दोगुनी
मोदी सरकार के अंतर्गत रेल और सड़क यातायात को सुगम करने के साथ ही हवाई क्षेत्र में बड़े बदलाव आए हैं। 2014 में देश में एयरपोर्ट की सँख्या कुल 74 थी जो अब बढ़ कर 149 हो गई है। अयोध्या देश का सबसे नया एयरपोर्ट है। मोदी सरकार ने कुल 21 एयरपोर्ट को नए सिरे से बनाने की मंजूरी दी थी, जिनमें से कई तैयार भी हो चुके हैं। दिल्ली के एयरपोर्ट का दबाव कम करने के लिए उत्तर प्रदेश के जेवर में एयरपोर्ट बन रहा है जबकि मुंबई में भी एक नया एयरपोर्ट बनाया जा रहा है।
मोदी सरकार की उड़ान योजना हवाई यातायात में बड़ी वृद्धि लाई है। उड़ान योजना के अंतर्गत में अब तक 545 से अधिक हवाई रूट चालू किए जा चुके हैं। इसके अंतर्गत 2.60 से अधिक उड़ान हो चुकी हैं जिसका फायदा 1.35 करोड़ से अधिक हवाई यात्री ले चुके हैं। सरकार इस योजना पर अब तक ₹3300 से अधिक का खर्च कर चुकी है।
मेट्रो नेटवर्क भी बढ़ा
रेलवे, रोड और हवाई क्षेत्र के अलावा शहरों के अंदर लोगों को आसान यातायात दिलाने के लिए मोदी सरकार के अंतर्गत मेट्रो नेटवर्क में भी बड़ी वृद्धि हुई है। मोदी सरकार के सत्ता में आने से पहले देश के मात्र कुछ शहरों- दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद और गुडगाँव में मेट्रो चलती थी। दिसम्बर 2023 में दिए गए जवाब के अनुसार, अब देश के 17 शहरों में मेट्रो चल रही है। सबसे नई मेट्रो उत्तर प्रदेश के आगरा में चालू हुई है। इसके अलावा दिल्ली को मेरठ से जोड़ने वाला RRTS कॉरिडोर भी जल्द ही पूरा होने वाला है।
वर्तमान में देश के कई शहरों में मेट्रो का काम भी प्रगति पर है। बिहार के पटना, मध्य प्रदेश के भोपाल और इंदौर समेत देश के 19 शहरों में इस समय मेट्रो का निर्माण या एक्सटेंशन हो रहा है। केंद्र सरकार लगभग ₹1 लाख करोड़ का फंड इन मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए दे चुकी है।
देश में इन्फ्रा प्रोजेक्ट बनाने के लिए काफी पैसा लगता है। मोदी सरकार ने लगातार इन्फ्रा पर अपना खर्च बढ़ाया है। मोदी सरकार ने देश का कैपिटल एक्सपेंडिचर बढ़ा दिया है। आँकड़ों के अनुसार, 2014 में देश का कैपिटल एक्सपेंडिचर लगभग ₹1.9 लाख करोड़ था। यह 2024-25 में ₹11 लाख करोड़ हो गया। यानी इस दौरान इसमें लगबग 500% बढ़ोतरी हुई।