Wednesday, April 24, 2024
Homeविविध विषयधर्म और संस्कृतिराम मंदिर अध्यादेश पर विचार करने से पहले अदालती फ़ैसले का करेंगे इंतज़ार: मोदी

राम मंदिर अध्यादेश पर विचार करने से पहले अदालती फ़ैसले का करेंगे इंतज़ार: मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के वकील इस मामले में अदालती प्रक्रिया को धीमी करने के जिम्मेदार हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राम मंदिर पर अध्यादेश को लेकर केंद्र सरकार का रुख साफ़ करते हुए कहा है कि इस पर किसी भी प्रकार का विचार करने से पहले शीर्ष अदालत के फैसले का इन्तजार किया जायेगा। एएनआई की सम्पादक स्मिता प्रकाश को दिए साक्षात्कार में पीएम ने विभिन्न मुद्दों से जुड़े सवालों का बेधड़क जवाब दिया और इसी क्रम में राम मंदिर पर भी अपनी सरकार और पार्टी का रुख स्पष्ट किया। प्रधानमंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि तीन तलाक पर भी केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायलय के निर्णय के बाद ही अध्यादेश लाया था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर के मसले पर अगली सुनवाई 4 जनवरी को करने वाला है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के वकीलों पर अदालत की करवाई को धीमी करने का भी आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने भाजपा के 2014 घोषणापत्र की चर्चा करते हुए कहा कि इस मुद्दे का हल संविधान के दायरे में रह कर ही निकाला जायेगा। उस घोषणापत्र में कहा गया था कि भाजपा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए संविधान के भीतर सभी संभावनाएं तलाशने के अपने रुख को दोहराती है। दरअसल प्रधानमंत्री से यह पूछा गया था कि क्या भाजपा राम मंदिर मुद्दे को हमेशा भावनात्मक तौर पर उठाती है। इस से जुड़े सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने कहा;

“अदालती प्रक्रिया खत्म होने दीजिए। जब अदालती प्रक्रिया खत्म हो जाएगी, उसके बाद सरकार के तौर पर हमारी जो भी जवाबदारी होगी, हम उस दिशा में सारी कोशिशें करेंगे।”

उधर प्रधानमंत्री के बयानों का अयोध्या मामले के दोनों पक्षकारों से स्वागत किया है। मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी और मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने मोदी के बयान का स्वागत करते हुए इसकी सराहना की। महंत दास ने इस बात पर चिंता जताई कि अगर अध्यादेश को अदालत के फैसले से पहले लाया गया तो वो कानूनी अड़चनों में फँस सकता है। वहीं अंसारी ने कहा कि शीर्ष न्यायालय का फैसला ही सर्वमान्य होना चाहिए। महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने पीएम के इस बयान पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ‘‘भगवान राम कानून से बड़े नहीं हैं’ क्योंकि उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए किसी अध्यादेश पर निर्णय न्यायिक प्रक्रिया समाप्त होने के बाद ही करेगी।

वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट कर मोदी के बयानों की प्रसंशा की। अपने ट्वीट में आरएसएस ने कहा कि ये मंदिर निर्माण की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

विश्व हिन्दू परिषद ने भी मोदी के इन बयानों के बाद प्रेस कांफ्रेंस कर मंदिर निर्माण की मांग उठाई। विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री से बहुत उम्मीदें है और उन्होंने उनसे मिलने का समय भी माँगा है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘नरेंद्र मोदी ने गुजरात CM रहते मुस्लिमों को OBC सूची में जोड़ा’: आधा-अधूरा वीडियो शेयर कर झूठ फैला रहे कॉन्ग्रेसी हैंडल्स, सच सहन नहीं...

कॉन्ग्रेस के शासनकाल में ही कलाल मुस्लिमों को OBC का दर्जा दे दिया गया था, लेकिन इसी जाति के हिन्दुओं को इस सूची में स्थान पाने के लिए नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री बनने तक का इंतज़ार करना पड़ा।

‘खुद को भगवान राम से भी बड़ा समझती है कॉन्ग्रेस, उसके राज में बढ़ी माओवादी हिंसा’: छत्तीसगढ़ के महासमुंद और जांजगीर-चांपा में बोले PM...

PM नरेंद्र मोदी ने आरोप लगाया कि कॉन्ग्रेस खुद को भगवान राम से भी बड़ा मानती है। उन्होंने कहा कि जब तक भाजपा सरकार है, तब तक आपके हक का पैसा सीधे आपके खाते में पहुँचता रहेगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe