राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) के नेता और महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil deshmukh) भ्रष्टाचार के मामले में लगातार फँसते जा रहे हैं। उनके खिलाफ जाँच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement directorate) ने बुधवार (29 दिसंबर 2021) को मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार (Money laundering & Corruption) के मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट स्पेशल PMLA कोर्ट में दायर कर दी है। ये चार्जशीट 7000 से अधिक पन्नों की है।
रिपोर्ट के मुताबिक, चार्जशीट में आरोप है कि देशमुख और उनके परिवार ने 50 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग की है। प्रवर्तन निदेशालय ने देशमुख के अलावा उनके दो बेटों ऋषिकेश और सलिल देशमुख और देशमुख के सीए भाविक पंजनानी को भी इसमें आरोपित के तौर पर शामिल किया है। हालाँकि, संदिग्ध लेनदेन के मामले में ईडी ने अभी तक सलिल और ऋषिकेश के बयानों को दर्ज नहीं किया है। इसके साथ ही ईडी ने आरोप पत्र में दावा किया है कि देशमुख परिवार 27 नकली कंपनियों को संचालित करता था।
ईडी ने चार्जशीट में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Param bir singh) और महाराष्ट्र के पूर्व चीफ सेक्रेटरी सीताराम कुंटे (Sitaram kunte) के भी बयानों को दर्ज किया है। इस मामले की छानबीन में ED को पता चला है कि देशमुख और उनके परिवार ने कई सारे सदिग्ध वित्तीय लेनदिन किए हैं, जिनके जबाव अभी तक नहीं मिल सके हैं।
शिवसेना (Shivsena) नेता अनिल परब (Anil Parab) भी शक के दायरे में
चार्जशीट में प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब (Anil Parab) की भूमिका पर भी सवाल खड़ा किया है। हालाँकि, इसमें बहुत कुछ तो ED ने नहीं कहा है, लेकिन शक जाहिर किया है कि 12 IPS अधिकारियों को अनिल देशमुख की सिफारिश के बाद मनचाही पोस्टिंग मिली है। अब इस बात की जाँच की जा रही है कि कहीं अनिल परब ने कुछ अधिकारियों के नाम की सिफारिश तो नहीं की?
नवंबर में गिरफ्तार किए गए थे अनिल देशमुख (Anil Deshmukh)
गौरतलब है कि 100 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली के मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के लेटर बम के बाद अप्रैल 2021 में CBI ने अनिल देशमुख के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसके बाद ED ने भी उनके खिलाफ जाँच शुरू की थी। भ्रष्ट्राचार के मामले में देशमुख को 2 नवंबर 2021 को ईडी ने 12 घंटे तक पूछताछ करने के बाद गिरफ्तार कर लिया था। इस गिरफ्तारी से पहले जाँच एजेंसी ने अनिल देशमुख को पाँच बार पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया था।