पानी और बिजली के कनेक्शन काट दिए जाने के निर्देश के कारण, या यूँ कहें कि डर के कारण सरकारी बंगलों में रहने वाले 50% से अधिक पूर्व सांसदों ने अपना-अपना सरकारी आवास खाली कर दिया है।
ख़बर के अनुसार, जिन पूर्व सांसदों ने अभी अपना सरकारी आवास खाली नहीं किया है, उनकी संख्या अब घटकर केवल 109 रह गई है। अधिकारियों के मुताबिक़, अधिकांश पूर्व क़ानून निर्माताओं ने अपने आवास खाली कर दिए हैं। दरअसल, हाउसिंग कमिटी ने सभी पूर्व सांसदों को सरकारी आवास खाली करने के लिए 7 दिनों की समय-सीमा दी गई थी।
एक अधिकारी ने बताया कि अगले कुछ दिनों में 90% सरकारी आवास खाली होने की संभावना है। बता दें कि सोमवार (19 अगस्त) को, संसदीय पैनल ने चेतावनी दी थी कि जो पूर्व सासंद सरकारी आवास खाली करने में आनाकानी कर रहे हैं, उनके आवास में बिजली-पानी की सप्लाई काट दी जाएगी। लोकसभा सदन समिति ने 300 सांसदों को नए आवास आवंटित किए हैं।
जानकारी के अनुसार, नए सांसदों को कुछ और हफ्तों के लिए पारगमन आवास में रहना होगा क्योंकि खाली आवास में थोड़ी-बहुत मरम्मत की आवश्यकता होती है। मानदंडों के अनुसार, पूर्व सांसदों को लोकसभा भंग होने के एक महीने के भीतर अपना आधिकारिक आवास खाली करना होता है।
फ़िलहाल, कुछ नए मंत्री अपने आधिकारिक आवास की प्रतीक्षा कर रहे हैं क्योंकि अभी पूर्व सांसदों ने अपने आवास खाली नहीं किए हैं। कुछ दोबारा चुने हुए सांसदों को, जिन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली, उन्हें वर्तमान आवास को खाली करने के लिए लोकसभा निकाय से नया आवास लेने की आवश्यकता होगी।