वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने ‘मोदी है तो मुमकिन है’ नारे का मतलब समझाया है। उन्होंने बताया कि कैसे पूरी दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ा है और कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत ने पूरी दुनिया को चौंकाया है। वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 में बोलते हुए मुकेश अंबानी ने खुद को गुजराती और गुजरात को अपनी मातृभूमि, कर्मभूमि बताते हुए कहा कि वो पिछले 20 साल से वाइब्रेंट गुजरात समिट का हिस्सा बनते रहे हैं।
गुजरात की राजधानी गाँधी नगर में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 का आयोजन हो रहा है। 12 जनवरी तक चलनी वाली इस ग्लोबल समिट का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने किया। इस मौके पर 10 जनवरी को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा, ‘मोदी है तो मुमकिन है’ पर भरोसा बना हुआ है।
उन्होंने कहा, “मेरे विदेश के मित्र पूछते हैं कि ‘मोदी है तो मुमकिन है’ का क्या मतलब होता है? जब मैंने उन्हें बताया कि इसका मतलब नामुमकिन को मुमकिन बना देने से है, तब से वो भी अब ‘मोदी है तो मुमकिन है’ कहने लगे हैं। मुकेश अंबानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मौजूदा समय का सबसे बड़ा और सबसे सफल प्रधानमंत्री करार दिया। मुकेश अंबानी की स्पीच में ‘मोदी है तो मुमकिन है’ वाला हिस्सा 2 मिनट के बाद देखा जा सकता है।”
Speech of Shri Mukesh D Ambani, Chairman & Managing Director, Reliance Industries Limited at the 10th Vibrant Gujarat Summit 2024
— Reliance Industries Limited (@RIL_Updates) January 10, 2024
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मुकेश अंबानी ने कहा, “भारत को 2047 तक 35 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने से कोई ताकत नहीं रोक सकती। रिलायंस इंडस्ट्रीज हजीरा में कार्बन फाइबर यूनिट लगाएगी। रिलायंस रिटेल लाखों किसानों को सशक्त करेगा… साल 2030 तक हम रिन्यूएबल एनर्जी के टारगेट को पूरा कर लेंगे। इसी साल की दूसरी छमाही तक जामनगर में धीरूभाई अंबानी ग्रीन कॉम्प्लेस की भी शुरुआत होती जाएगी।”
उन्होंने कहा, “मुझे गुजराती होने पर गर्व है। रिलायंस गुजराती कंपनी थी और आगे भी गुजराती कंपनी ही रहेगी।” मुकेश अंबानी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में रिलायंस ने देश में करीब 12 लाख करोड़ का निवेश किया है और इसमें से एक तिहाई से ज्यादा अकेले गुजरात में किया गया है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र की अगुवाई में ही वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट की शुरुआत साल 2003 में हुई थी, तब से लेकर हर साल गुजरात में विदेशी निवेशकों और सरकारों का मेला लगता है। इन ग्लोबल समिट्स के माध्यम से गुजरात में अब तक भारी मात्रा में निवेश आया है। इस समिट को पीएम मोदी का ब्रेन चाइल्ड भी कहा जाता है। इससे प्रेरित होकर देश के अन्य राज्य भी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट जैसे आयोजन करने लगी हैं। हालाँकि अब भी वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट सबसे ज्यादा निवेश आकर्षित करने वाला प्लेटफॉर्म है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 जनवरी को समिट में शामिल होने आए यूएई के राष्ट्रपति का स्वागत कर एक रोड शो भी किया था। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए होने वाले सालाना कार्यक्रम ‘वाइब्रेंट गुजरात’ के 10वें संस्करण में शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ही मुख्य अतिथि हैं। इस बार समिट का विषय गेटवे टू द फ्यूचर है। इसमें 34 देश और 16 संगठन शामिल हुए हैं। चेक गणराज्य के प्रधान मंत्री पेट्र फियाला, मोजाम्बिक के राष्ट्रपति फिलिप जैसिंटो न्युसी, तिमोर-लेस्ते के राष्ट्रपति जोस रामोस-होर्टा समेत कई अन्य वर्ल्ड लीडर्स और गौतम अडानी, मुकेश अंबानी, लक्ष्मी मित्तल समेत कई उद्योगपति इस कार्यक्रम में शामिल हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।